पत्नी नवाज मोदी से अलग हुए रेमंड कंपनी के अरबपति मालिक गौतम सिंघानिया, दोनों की कहानी जानिए

देवराज गौर

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नवाज मोदी से उनके पति और रेमंड कंपनी के मालिक अलग हो गए हैं.
नवाज मोदी से उनके पति और रेमंड कंपनी के मालिक अलग हो गए हैं.
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Raymonds: रेमंड कंपनी के मालिक अरबपति उद्योगपति गौतम सिंघानिया ने अपनी पत्नी नवाज मोदी से अलग होने का ऐलान किया है. उन्होंने दीपावली के एक दिन बाद एक्स पर पोस्ट करते हुए इसकी जानकारी दी. उन्होंने लिखा कि यह दिवाली पहले जैसी नहीं होने वाली है. दोनों ने 1999 में शादी की थी. इसके पहले दोनों करीब 8 साल रिलेशन में रहे थे. दोनों की दो बेटियां निहारिका और निसा हैं. नवाज मोदी के वीडियोज भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हैं. नवाज मोदी अपने पति गौतम सिंघानिया की दिवाली पार्टी में इन्वाईटेड थीं, लेकिन सिक्योरिटी ने उन्हें गेट पर ही रोक लिया. इसे लेकर नवाज ने अपना विरोध जताया और खुद ही अपना वीडियो बनाया.

कौन हैं नवाज मोदी

नवाज मोदी एक प्रोफेशनल फिटनेस ट्रेनर और कोच हैं. नवाज साउथ मुंबई में “बॉडी आर्ट फिटनेस सेंटर” नाम से जिम और फिजिकल फिटनेस सेंटर चलाती हैं. वह स्पॉटिफाई पर “फिटनेस विथ वॉडी आर्ट” नाम का अपना एक पॉडकास्ट भी करती हैं.

नवाज मोदी ने अमेरिकन काउंसिल ऑफ एक्सर्साइज और इंटरनेशनल डांस एक्सर्साइज एसोसिएशन से ट्रेनिंग ली है. वह अपने पिता की तर्ज पर वह कानून की भी पढ़ाई कर चुकी हैं. नवाज Pause, Rewind: Natural Anti-Ageing Techniques (पॉज-रिवांइडः नेचुरल ऐंटी-एजिंग टेक्निक्स) किताब की ऑथर भी हैं.

जहां नवाज मोदी फिटनेस फ्रीक हैं तो वहीं 58 वर्षीय गौतम सिंघानियां कारों को लेकर क्रेजी हैं.

रेमंड कंपनी की कहानी भी जान लीजिए

दुनियाभर में शूटिंग और शर्टिंग के लिए मशहूर रेमंड की नींव 1925 में अब्राहम जैकब रेमंड ने रेमंड वूलन मिल के नाम से रखी थी. कंपनी के मालिक के नाम पर ही कंपनी का नाम रेमंड रखा गया था. साल 1944 में इस कंपनी को लाला कैलाशपत सिंघानिया ने खरीद लिया.

तब कंपनी सस्ते कंबल और ऊनी कपड़े बनाया करती थी. इसका पहला रिटेल शोरूम 1958 में मुंबई में खोला गया था. कंपनी को विस्तार कैलाशपत के छोटे बेटे और वर्तमान चेयरमैन और एमडी गौतम सिंघानिया के पिता विजयपत के समय में मिला. विजयपत 1980 में रेमंड के चेयरमैन बने. 1984 में उन्होंने रेमंड का नया प्लांट सेटअप किया. उसके बाद कंपनी ने एक के बाद एक अलग-अलग सेक्टर्स में अपनी पहुंच बनानी शुरू की. पार्क एवेन्यू, कामसूत्र, पार्क्स जैसे ब्रांड्स की शुरुआत विजयपत के समय में ही हुई. साल 2000 में गौतम सिंघानिया रेमंड्स के एमडी और चेयरमैन बनाए गए. रेमंड कंपनी का कुल वर्तमान बाजार मूल्य 12,294 करोड़ है. वहीं एक शेयर 1846 पर ट्रेड कर रहा है.

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रेमंड्स के मालिक का विवादों से पुराना नाता

विजयपत सिंघानिया ने फरवरी 2015 में कंपनी के 38 फीसदी शेयरों को अपने बेटे गौतम के नाम कर दिया था. तब इनकी कीमत करीब 1 हजार करोड़ रुपए बताई गई थी. इसके अलावा अन्य कंपनियां जैसे जेके फाइल्स, रेमंड यूको, डेनिम पार्क और पार्क एवेन्यू के शेयर भी अपने बेटे गौतम के नाम कर दिए थे. संपत्ति हाथ में आने के बाद गौतम ने अपने पिता विजयपत को संपत्ति से बेदखल कर दिया था. उन्हें उनके घर से भी निकाल दिया था. जिसके बाद वह किराए के घर पर रह रहे थे.

मालाबार स्थित जेके हाउस को लेकर हुआ था विवाद

सिंघानिया खानदान की बाप-बेटे की लड़ाई सड़कों पर तब आई जब विजयपत ने मुंबई के मालाबार हिल स्थित 36 मंजिला जेके हाउस पर अपना हक मांगा. उन्होंने इसे लेकर कोर्ट में केस दाखिल किया था. टीवी चैनलों को दिए इंटरव्यू में विजयपत ने गौतम को नालायक पुत्र कहकर संबोधित किया था. उन्होंने कहा था कि, ‘जितनी भी कंपनियां हैं उन्हें अपने नालायक पुत्र को गिफ्ट कर चुका हूं. इसलिए वही अब मालिक है, मेरे पास कोई हिस्सा नहीं है. ऐसा करना मेरी बहुत बड़ी गलती थी. कभी कभी प्यार में बाप ऐसी गलतियां कर देता है.’

जेके हाउस 1960 में बना था. तब यह 14 मंजिला हुआ करता था. 2007 में कंपनी ने इसे दोबारा बनवाने का फैसला किया. जेके हाउस के चार अपार्टमेंट्स उनके भाई अजयपत सिंघानिया और उनके परिवार के थे. विजयपत सिंघानिया ने आरोप लगाया था कि उनके बेटे गौतम ने चारों अपार्टमेंट्स और उनका खुद का अपार्टमेंट अपने पास ही रख लिए.

बाद में कोर्ट ने फैसला विजयपत के पक्ष में सुनाया. वह केस जीत गए, और उन्हें अपार्टमेंट की ओनरशिप मिली.

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रेमंड में भाई-भाई को लेकर विवाद

साल 1998 में विजयपत के बड़े बेटे मधुपत सिंघानिया को जब पता चला कि छोटे भाई गौतम को एमडी बनाने की योजना है, तो परिवार टूट गया. वह सिंघानिया परिवार से सारे रिश्ते खत्म कर बच्चों समेत सिंगापुर की नागरिकता लेकर वहीं बस गए. बाद में विजयपत सिंघानिया के पोतों ने संपत्ति में अधिकार को लेकर अपने दादा समेत रेमंड लिमिटेड के खिलाफ केस दायर किया था. विजयपत सिंघानिया का अपने भाई अजयपत सिंघानिया से भी संपत्ति को लेकर लंबा विवाद चला था. जिसका निपटारा मुंबई हाई कोर्ट ने 2013 में किया था.

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