'डोंट वेट फॉर अच्छे दिन' बोलकर नाना पाटेकर ने बीजेपी सरकार को घेरा, क्या चुनाव लड़ने का भी है प्लान?
पार्टी-पॉलिटिक्स से दूर रहकर भी नाना पाटेकर अक्सर राजनीतिक मंचों पर नेताओं के साथ दिखते रहे हैं. उन्होंने राजनीतिक मुद्दों पर बोलने से भी कभी परहेज नहीं किया है.
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Nana Patekar: नाना पाटेकर बॉलीवुड में एक्टिंग करते हैं. उन्होंने एक्टिंग के लिए राजनीति की थी तब की थी जब प्रकाश झा की फिल्म राजनीति में वो रोल कर रहे थे. लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले पाटेकर जैसे भाषण दे रहे हैं उससे ये चर्चा शुरू है कि, कहीं नाना को अब चुनावी राजनीति तो नहीं पुकार रही है? कहीं नाना ने बीजेपी के खिलाफ मुहिम तो शुरू नहीं कर दी है. दरअसल किसानों के हक की आवाज में आवाज मिलाते हुए नाना पाटेकर का केंद्र सरकार पर दिया भाषण वायरल है. नासिक के शेतकारी सम्मेलन में नाना ने किसानों से कहा कि, 'Don’t wait for Achhe Din.' यानी अच्छे दिन के इंतजार मत करो, उन्होंने आगे कहा अपनी जान मत दो. सरकार से अब कुछ मांगो मत बल्कि अब ये तय करो कि सरकार किसकी लानी है. नाना का यही बयान अब वायरल है.
किसानों के बहाने कही राजनीति का रुख तो नहीं कर रहे नाना पाटेकर
चुनाव के समय नाना पाटेकर जैसा सेलिब्रिटी ये कहता है कि 'सरकार किसकी लानी है' तो ये सवाल उठेगा ही की कहीं नाना पाटेकर भी लोकसभा चुनाव में दावेदारी की ओर तो नहीं बढ़ रहे हैं. वैसे नाना ने राजनीति को हमेशा ना-ना ही कहा हैं. नाना कहते हैं कि, वो राजनीति नहीं कर सकते. ऐसा बोलने के पीछे वो ये वजह बताते हैं कि, वो जो बोलते हैं उससे उन्हें पार्टियों से निकाल दिया जाएगा.
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वैसे बीते दिसंबर में नाना पाटेकर के सुर कुछ और ही थे. तब उन्होंने एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में बीजेपी की बंपर जीत की भविष्यवाणी की थी. कहा था कि, वर्तमान सरकार में बेहतरीन काम हो रहा है. पीएम मोदी ने भी जब 370 और 400 का नारा नहीं दिया था तब नाना पाटेकर ने बीजेपी के लिए 375 से 400 सीटों की भविष्यवाणी की थी.
सियासत से दूर रहकर भी, सियासी मुद्दों पर बोलते रहे हैं नाना
पार्टी-पॉलिटिक्स से दूर रहकर भी नाना पाटेकर अक्सर राजनीतिक मंचों पर नेताओं के साथ दिखते रहे हैं. उन्होंने राजनीतिक मुद्दों पर बोलने से भी कभी परहेज नहीं किया है. वैसे नाना पाटेकर के बीजेपी के साथ जुड़ने की बात बहुत अरसे से चल रही है लेकिन अभी तक ऐसा कुछ हुआ नहीं है. 2014 में बीजेपी के टिकट पर संजय दत्त की बहन प्रिया दत्त के खिलाफ मुंबई नॉर्थ सेंट्रल सीट से लड़ाने की बात हुई थी. तब नाना ने ही बीजेपी का ऑफर ठुकरा दिया था. 2018 में उन्होंने शरद पवार के प्रधानमंत्री बनने की कामना की थी. नाना पाटेकर बीजेपी की लाइन कि, 'कांग्रेस ने देश के लोकतंत्र के लिए कुछ भी नहीं किया है' के खिलाफ रहे हैं.
किसान परिवार से हैं नाना पाटेकर, जो समझते हैं किसानों का दर्द
नाना पाटेकर महाराष्ट्र के रायगड के मराठी परिवार से आते हैं. वो मुंबई में अपने एक्टिंग करियर के लिए रहते हैं. महाराष्ट्र देश का ऐसा राज्य है जहां सबसे ज्यादा किसानों ने बदहाली से तंग आकर जान दी है. किसान परिवार के नाना का दिल आज भी खेती-किसानी और किसानों के लिए धडकता है. कहते हैं कि, अगर मैं जान भी दे दूं तब भी किसान के रूप में ही जन्म लूंगा. नाना पाटेकर एक्टर मकरंद अनपुरे के साथ 'नाम फाउंडेशन' नाम की संस्था चलाते हैं जो किसानों के हितों के लिए काम करती है. आर्थिक बदहाली जैसी वजहों से जान देने वाले 180 किसान परिवारों को यह फाउंडेशन 15-15 हजार की मदद कर चुका हैं.
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