विजय थलापति की पॉलिटिक्स में PK की इतनी चर्चा क्यों हो रही? BJP लीडर अन्नामलाई ने TVK अध्यक्ष को क्या समझाया?
प्रशांत किशोर के बिहार में फेल डेब्यू के बाद तमिलनाडु में थलापति विजय की राजनीति पर चर्चा तेज हो गई है. वजह है प्रशांत किशोर का टीवीके से कनेक्शन. बिहार चुनाव के वक्त वे विजय थलापति की पार्टी काम भी देख रहे थे. इसे लेकर विजय पर बीजेपी लीडर अन्नामलाई खूब अटैकिंग हैं.

बिहार में प्रशांत किशोर और तमिलनाडु में थलापति विजय लगभग एक ही दौर में राजनीति में आए. प्रशांत किशोर का पॉलिटिकल डेब्यू फेल हो गया. अगले साल विजय की पार्टी टीवीके का पहला एक्जाम होगा. बिहार में प्रशांत किशोर गेम चेंजर और बड़े प्लेयर माने जा रहे थे.
हालांकि 238 सीटों पर जमानत गंवाने और सिर्फ 3. 55 परसेंट वोट पाने के बाद तमिलनाडु में विजय की खूब चर्चा हो रही है. फर्क बस ये है कि विजय के पास फिल्मों की बड़ी फैन फॉलोइंग है, लेकिन प्रशांत किशोर ने शून्य से भीड़ जुटाना शुरू किया है. कॉमन ये है कि विजय को पॉलिटिक्स सिखाने का काम प्रशांत किशोर ने ही किया.
बिहार में PK का हश्र पर तमिलनाडु में विजय को लेकर चर्चा शुरू
प्रशांत किशोर के हश्र को लेकर तमिलनाडु में विजय की पॉलिटिक्स पर बहुत चर्चा हो रही है. माना जाता है कि भविष्य का गुणा-भाग करके बीजेपी ने तय किया है कि विजय पर सीधा हमला नहीं बोला जाएगा, लेकिन बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रहे अन्नामलाई कु्प्पुस्वामी ने थलापति विजय पर हमला बोलने का मौका दिखाया.
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प्रशांत किशोर की रिपोर्ट दिखाकर अन्नामलाई ने विजय को वॉर्निंग दे दी कि उनका भी हाल प्रशांत किशोर और राहुल गांधी जैसा हो सकता है. अन्नामलाई ने कहा बीजेपी का ऑपोजिशन कोई बिजनेस नहीं है. बीजेपी के विरोध को बिजनेस बनाया तो चुनाव हारना होगा. अन्नामलाई ने इसीलिए थलापति पर हमला बोला कि वो लगातार बीजेपी पर हमला कर रहे हैं. अन्नामलाई ने समझाया कि यही प्रशांत किशोर ने करने की कोशिश की और देखिए उनका क्या हश्र हुआ. अन्नामलाई ने ताना कसा कि विजय ने किस लॉजिक से प्रशांत किशोर को एडवाइजर, strategist बनाया.
विजय का काम भी देख रहे थे PK
प्रशांत किशोर के साथ विजय ने पॉलिटिक्स शुरू की थी. प्रशांत बिहार में अपना चुनाव लड़ते हुए टीवीके का भी काम देख रहे थे. जुलाई में उन्होंने इस ग्राउंड पर कॉन्ट्रैक्ट तोड़ लिया था कि उन्होंने बिहार पर फोकस करना है. बिहार चुनाव के बाद तय करेंगे कि आगे क्या करना है. बिहार में प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी बुरी तरह फेल हुई. हालांकि प्रशांत किशोर में बिहार की पॉलिटिक्स में डटे रहने का फैसला किया है, लेकिन ये साफ नहीं है कि वो वापस तमिलनाडु में विजय के लिए काम करेंगे या नहीं. हालांकि वो टीवीके की जीत की भविष्यवाणी कर चुके हैं.
टीवीके कैंप में बिहार चुनाव के बाद पसरा सन्नाटा
टीवीके कैंप में भी बिहार चुनाव रिजल्ट के बाद सन्नाटा पसरा है. बिहार ने नई पार्टी को रिजेक्ट किया. तमिलनाडु को भी ये करना है कि लड़ाई डीएमके कैंप वर्सेज AIADMK कैंप रखनी है या विजय की तीसरी नई पार्टी टीवीके को टेस्ट करना है. न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक टीवीके का अपना इंटरनल सर्वे कहता है कि वे 26 परसेंट वोट शेयर तक पहुंच चुकी है. वो भी तब जबकि करूर हादसे से पार्टी और विजय की खूब नेगेटिव पब्लिसिटी हुई.
बिहार चुनाव की राजनीतिक समीक्षा में एक बात ये भी निकली कि प्रशांत किशोर ने पहली बार में पूरे 243 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला करके गलती की. दूसरी गलती ये कि खुद प्रशांत किशोर चुनाव नहीं लड़े. अलग-अलग कारणों से पार्टी 238 सीटों पर लड़ पाई और सारी सीटों पर उम्मीदवारों की जमानत तक नहीं बची. तमिलनाडु में टीवीके भी इसी लाइन पर है कि तमिलनाडु की सभी 234 सीटों पर कैंडिडेट्स उतारेंगे. खुद विजय के चुनाव लड़ने की बात में इसलिए दम है क्योंकि पार्टी उन्हें ऑफिशियली सीएम का उम्मीदवार घोषित कर चुकी है.
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