MP, राजस्थान में कद्दावर नेता क्यों नहीं बने CM? गृह मंत्री शाह ने पीएम मोदी के उदाहरण से समझाया
एजेंडा आजतक में गृह मंत्री अमित शाह ने पीएम मोदी की जमकर तारीफ की है. ‘जीत की गारंटी’ टॉपिक पर बात करते हुए अमित शाह ने कहा कि शायद ही किसी नेता में ये तीन खूबियां देखने को मिलें,

Amit Shah in Agenda AAJ TAK: पांच राज्यों के चुनाव में तीन में जीत मिलने के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सीएम सिलेक्शन ने सबको चौंकाया है. शिवराज सिंह चौहान, वसुंधरा राजे सिंधिया और रमन सिंह जैसे कद्दावर नेता मुख्यमंत्री नहीं बन पाए. इसे लेकर तमाम चर्चाएं और सवाल हैं. इस बीच एजेंडा आजतक कार्यक्रम में आए गृह मंत्री अमित शाह ने इसपर और दूसरे मुद्दों पर विस्तार से बात की है.
एजेंडा आजतक में गृह मंत्री अमित शाह ने पीएम मोदी की जमकर तारीफ की है. ‘जीत की गारंटी’ टॉपिक पर बात करते हुए अमित शाह ने कहा कि शायद ही किसी नेता में ये तीन खूबियां देखने को मिलें, जो युगदृष्टा हो, बहुत परिश्रमी हो और सार्वजनिक सुचिता को ऊंचाइयों पर ले जा सके. अमित शाह ने कहा कि बीजेपी की जीत का एकमात्र कारण हैं नरेंद्र मोदी, नरेंद्र मोदी और नरेंद्र मोदी.
अमित शाह से यह भी सवाल हुआ की आप कहते हैं कि एक ही जाति है गरीब. प्रधानमंत्री मोदी भी कहते हैं कि चार ही जाति हैं. इसके अलावा और कोई जाति नहीं है. लेकिन जब मुख्यमंत्री की बात आती है, तो छत्तीसगढ़ में दलित उठाती है, मध्य प्रदेश में ओबीसी उठाती है. राजस्थान में आपने एक ब्राह्मण को मौका दिया.
तो आप भी तो ये सोशल इंजीनियरिंग कर रहे होते हैं. एक तरफ आप कहते हैं कि जातियों की अहमियत नहीं, सिर्फ चार ही जातियां हैं. लेकिन आप भी तय करते हैं जाति के आधार पर?
इसपर अमित शाह ने कहा, ‘भारतीय जनता पार्टी जब इतने सारे राज्यों में शासन करती है तो समाज के हर हिस्से को अपना प्रतिनिधि दिखाई पड़ना चाहिए.’ अमित शाह कहते हैं कि मैं नहीं मानता कि यह किसी तरह का अपीजमेंट (तुष्टिकरण) है बल्कि यह जन भावना को एड्रेस करने का लोकतांत्रिक तरीका है.
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सवाल: तीनों राज्यों में भारतीय जनता पार्टी के पास कद्दावर पूर्व मुख्यमंत्री थे, आपने फिर भी पीढ़ी बदलकर नए नेताओं को मौका दिया. जब आप तय कर रहे थे कि किसे मुख्यमंत्री बनाना है और क्यों तो आपके, प्रधानमंत्री जी के और नड्डा जी के जहन में क्या चल रहा था?
अमित शाह ने कहा, ‘हमारी पार्टी में हमारा कद्दावर नेता हमारा सामान्य कार्यकर्ता है. और ये सब जो सेलेक्ट हुए हैं, हमारे अच्छे कार्यकर्ता हैं. तो आप जो ये जिक्र कर रहे हैं कद्दावर नेता, यह भी तो कभी कार्यकर्ता थे. मैं भी कभी कार्यकर्ता था. बूथ का अध्यक्ष था. जब पार्टी समग्रता से विचार कर के नेतृत्व तय करती है तो इसके कई पैरामीटर्स होते हैं. और वो हमारा सीक्रेट है, उसको सीक्रेट ही रहने दीजिए.’
सवाल: आपने ऐसे आदमी को कप्तानी का मौका दिया जिसे राज्य चलाने का अनुभव नहीं है. आपको कैसे मालूम कि ये कप्तानी करके इतने बड़े राज्य को चला पाएंगे?
अमित शाह: देखिए फैसले करने पड़ते हैं. जब भारतीय जनता पार्टी की आलाकमान ने मोदी जी को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया था. मोदी जी सरपंच का भी चुनाव नहीं लड़े थे. एमएलए तो छोड़ ही दो. और उनको बहुत समृद्ध राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया था. तो फैसले लेने पड़ते हैं और नेतृत्व इसी तरह से निकलता है. अभी जो मुख्यमंत्री थे हमारे जो तीनों नेता, वो भी तो कभी न कभी पहली बार ही तो आए थे.
सवाल: संसद भवन में संसद भवन हमले की बरसी पर एक बार फिर से एक वाकया हुआ, ये चूक क्यों हुई?
अमित शाह: ये बड़ा गंभीर मसला है. लोकसभा स्पीकर ने इस पर संज्ञान लिया है. विपक्ष इस पर राजनीति कर रहा है. मैं ऐसा नहीं कह रहा कि इसमें कोई चूक नहीं हुई है. चूक निश्चित हुई है. तभी तो यह घटना हुई है. सबको मालूम है कि पार्लियामेंट सिक्योरिटी लोकसभा स्पीकर के तहत रहती है. अध्यक्ष जी ने भारत सरकार के गृह मंत्रालय को एक पत्र लिखा है.
हमने एक कमेटी बनाई है. देश के सीनियर मोस्ट डीजीपी में से एक डीजीपी के नेतृत्व में एक कमेटी बनी है. और उसमें ढ़ेर सारी एजेंसियों के सदस्य भी हैं. कुछ ही दिनों में इसकी रिपोर्ट अध्यक्ष जी के पास जाएगी. और मुझे लगता है कि अध्यक्ष जी ही इसको प्रकाशित करें तो ज्यादा उचित है.
ऐसी जितनी भी घटनाएं हुई हैं. करीब-करीब 40 घटनाएं ऐसी हुई हैं. जिसमें पर्चा डालने से लेकर नारा लगाने तक, पिस्तौल लेकर अंदर आ जाना, सदन के अंदर कूद जाना. इन सब घटनाओं का हर बार लोकसभा अध्यक्ष ने ही इनका संज्ञान लिया है. 15-20 दिन में कमेटी अपनी रिपोर्ट लोकसभा स्पीकर साहब को सौंप देंगे.
गृहमंत्री अमित शाह का पूरा इंटरव्यू आप यहां देख सकते हैं:












