बीजेपी नेताओं के साथ संबंधों की बात कर रहे नीतीश कुमार क्या पलटी मारेंगे? खुद ही किया सब साफ
जनसुराज यात्रा निकालने वाले प्रशांत कुमार ने तो कह दिया कि नीतीश कब किसके साथ जाएंगे उनको खुद नहीं पता. बीजेपी सांसद सुशील मोदी तो बोल गए कि नीतीश कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को डराने के लिए ऐसी बात कह रहे हैं.
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पिछले दिनों महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम में बिहार सीएम नीतीश कुमार ने बीजेपी नेताओं से अपने संबंधों की बात कर दी. इसके बाद तो सियासी बवाल ही खड़ा हो गया. जनसुराज यात्रा निकालने वाले प्रशांत किशोर ने तो कह दिया कि नीतीश कब किसके साथ जाएंगे उनको खुद नहीं पता. बीजेपी सांसद सुशील मोदी तो बोल गए कि नीतीश कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को डराने के लिए ऐसी बात कह रहे हैं. इस बीच नीतीश कुमार ने ही साफ कर दिया कि बीजेपी नेताओं के साथ उनके दोस्ती वाले बयान का असल मतलब क्या था.
बयान को गलत तरीके से पेश किया गया
नीतीश कुमार ने अब कहा है कि उनके भाषण की गलत रिपोर्टिंग की गई. उन्होंने बाद में पटना विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में इसे लेकर अपनी बात भी रखी. नीतीश कुमार ने कहा कि मीडिया पर केंद्र की सरकार का कब्जा है. नीतीश कुमार ने सुशील मोदी पर तंज कसा कि उनको दोबारा डिप्टी सीएम नहीं बनाया गया, तो वह भी दुखी हुए थे. नीतीश ने कहा कि सुशील मोदी ऐसी बातें कहते हैं तो उन्हें मीडिया सुर्खियों में बने रहने में मदद मिलती है.
नीतीश ने खाई है बीजेपी को हराने की कसम
नीतीश कुमार ने एक बार फिर से लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने की कसम भी खाई. असल में पिछले दिनों नीतीश कुमार ने विपक्ष के INDIA अलायंस के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. नीतीश कुमार ने इस अलायंस में विरोधी दलों को भी एक साथ लाने में लालू प्रसाद यादव के साथ मिलकर काफी मेहनत की है. ऐसे में पिछले दिनों जब उन्होंने बीजेपी नेताओं के साथ अपने संबंधों का हवाला दिया, तो इसकी अलग ही सियासी व्याख्या की जाने लगी.