टीचर बोली- मैं ना तो मंगलसूत्र पहनती हूं और नहीं सिंदूर लगाती हूं...भजनलाल सरकार ने कर दिया संस्पेंड, जानें पूरा मामला
आदिवासी परिवार की संस्थापक सदस्य मेनका डामोर ने कहा कि आदिवासी और हिंदू समुदाय की संस्कृति अलग-अलग है. उन्होंने कहा मैं ना तो मंगलसूत्र पहनती हूं, नहीं सिंदूर लगाती हूं और मैं कोई व्रत तक नहीं रखती हूं. मेनका डामोर सरकारी स्कूल में शिक्षिका है.
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बांसवाड़ा जिले के मानगढ़ धाम में भील प्रदेश सास्कृतिक महारैली का आयोजन हुआ. जिसके बाद से सियासत गर्म है. राजनीति इसलिए गरमाई हुई है, क्योंकि इस रैली के दौरान दिए कई भाषणों पर आपत्ति जाहिर की गई है. अब इस मामले में सरकार ने बड़ा एक्शन भी लिया है. दरअसल,18 जुलाई को आयोजित इस कार्यक्रम में भारत आदिवासी पार्टी के प्रतिनिधियों समेत कई आदिवासी संगठनों ने हिस्सा लिया था. जिसमें आदिवासी परिवार की संस्थापक सदस्य मेनका डामोर ने कहा कि आदिवासी और हिंदू समुदाय की संस्कृति अलग-अलग है. उन्होंने कहा मैं ना तो मंगलसूत्र पहनती हूं, नहीं सिंदूर लगाती हूं और मैं कोई व्रत तक नहीं रखती हूं. मेनका डामोर सरकारी स्कूल में शिक्षिका है.
बयान वायरल होने के बाद जब आपत्ति जाहिर की गई तो शिक्षा विभाग ने टीचर के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है. इस बयान को लेकर शिक्षिका मेनका डामोर को सस्पेंड कर दिया गया है.
जानिए क्या कहा था मेनका डामोर ने
बता दें कि मेनका डामोर ने कहा था कि हमारे स्कूलों को देवी देवताओं का घर बना दिया गया है. यह शिक्षा का मंदिर है, वहां कोई उत्सव नहीं होना चाहिए. उनके इसी बयान के बाद शिक्षा विभाग ने कार्रवाई करते हुए मेनका डामोर को सस्पेंड कर दिया. सस्पेंशन के दौरान दौरान सीबीईओ ऑफिस में ड्यूटी के निर्देश दिए गए हैं. जिसके बाद इस मामले में कई संगठनों ने कार्रवाई की मांग की थी. उनका आरोप था कि शिक्षा विभाग की छवि को खराब करने के लिए मेनका के खिलाफ कार्रवाई की गई.