गहलोत समर्थक विधायकों ने मर्जी से नहीं दिए थे इस्तीफे! सामने आए 81 नाम, जानें क्या है मामला

शरत कुमार

Sharat Kumar Show: नए किरदार आते जा रहे हैं, मगर नाटक पुराना चल रहा है. नाटक राजस्थान में 25 सितंबर की शाम जो शुरू हुआ था, पर्दा गिरा नहीं है. पर्दा हाईकोर्ट ही गिराएगा ऐसा लग रहा है क्योंकि किरदार नए-नए सामने आ रहे हैं. आज सुनवाई थी. सुनवाई में क्या हुआ? गहरी साजिशों के […]

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Sharat Kumar Show: नए किरदार आते जा रहे हैं, मगर नाटक पुराना चल रहा है. नाटक राजस्थान में 25 सितंबर की शाम जो शुरू हुआ था, पर्दा गिरा नहीं है. पर्दा हाईकोर्ट ही गिराएगा ऐसा लग रहा है क्योंकि किरदार नए-नए सामने आ रहे हैं. आज सुनवाई थी. सुनवाई में क्या हुआ? गहरी साजिशों के दलदल में कुछ और धंसते गए. कौन, जिन्होंने साजिशें रची होंगी. आज विधान सभा की तरफ से कांग्रेस के नेता और वकील अभिषेक मनु सिंघवी राजस्थान हाई कोर्ट में प्रस्तुत हुए. राजस्थान के विधायकों के इस्तीफे प्रकरण में और मैंने आपसे क्या कहा था? कोई इस्तीफा नहीं था.

आज याचिकाकर्ता राजेंद्र राठौड़ के अनुसार 90 पेज, 90 साहब! 90 पेज की सफाई पेश की गई है विधान सभा की तरफ से या यूं कह लीजिए सरकार की तरफ से. उसमें कहा गया है कि ना, किसी विधायक ने स्वेच्छा से इस्तीफा नहीं दिया था. तो फिर यह जबरन किसने इस्तीफा दिलवाया था. ये मल्लिकार्जुन खड़गे जी जो उस समय प्रभारी बनकर आये थे और राष्ट्रीय अध्यक्षा उस समय की सोनिया गांधी के खिलाफ साजिश किसने रची थी कि विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है.

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ये देख रहे हैं ये उस दिन की तस्वीरें हैं. अगर राजस्थान हाई कोर्ट को जवाब पेश किया गया है और राजेंद्र राठौड़ के अनुसार अगर वो जवाब है तो ये सब डरे, सहमे हुए लोग हैं जिनसे जबरन इस्तीफा दिलवाया गया है. और ये जबरन इस्तीफा है क्योंकि मैं नहीं कह रहा हूं. ऐसा कहा जा रहा है कि राजन राठौड़ ने कहा कि जो जवाब पेश किया गया है उसमें कहा गया है कि किसी भी विधायक ने अपनी इच्छा से इस्तीफा नहीं दिया था. कमाल का जवाब है और कमाल की साजिश है.

पूरे देश में ढिंढोरा पीट दिए कि हम इतने लोकप्रिय हैं, इतने लोकप्रिय हैं कि हमारे जाने की आहट से खलबली मच गई है. और अब कह रहे हैं खलबली नहीं थी. पता नहीं कहां से किसने कैसे कुछ लिखकर दे दिया था और वो वापस ले लिया है क्योंकि जब इच्छा से था ही नहीं, किसी और के दवाब में कुछ लिख दिया था पता नहीं वो इस्तीफा था या नहीं.

जब इस तरह के जवाब राजस्थान हाईकोर्ट में पेश किए जा रहे हैं तो आप समझिए कि मामला गंभीर है और कहा जा रहा है कि राजस्थान हाईकोर्ट अब इसमें आखिरी सुनवाई 13 फरवरी को करने वाला है. यानी, जो नाटक शांति धारीवाल के घर पर शुरू हुआ था उसका पर्दा अब राजस्थान हाईकोर्ट गिराएगा. क्योंकि राजस्थान हाईकोर्ट पटाक्षेप कर नहीं रहा है. माना जा रहा है कि जो कुछ हुआ है उसका सारा सिरा खोला जाएगा. आज उन 81, 91 नहीं है. 81 विधायकों के नाम में पेश किए गए 90 पेज में जिन्होंने भय में, दबाव में, लालच में, जब स्वेच्छा से नहीं तो यही होता है और क्या होता है. इस्तीफा दिया था, क्या कहेंगे? नौ महीने बाद जब चुनाव है तो जनता के बीच जाकर कि किसने इस्तीफा दिया था? यहां देखिए ये पूरा पॉलिटिकल शो

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