स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती आगरा से गिरफ्तार, उन पर क्या गंभीर आरोप लगे हैं?
Chaitanyananda Saraswati Arrested: स्वयंभू संत चैतन्यानंद सरस्वती को आगरा के एक होटल से गिरफ्तार किया गया है. उन पर दिल्ली स्थित आश्रम की 17 से अधिक महिला छात्रों के यौन शोषण, अश्लील संदेश भेजने और धोखाधड़ी के गंभीर आरोप हैं. वह श्री शारदा इंस्टीट्यूट के पूर्व निदेशक भी हैं. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

Chaitanyananda Saraswati Arrested: लंबे समय से फरार चल रहे संत स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती को आखिरकार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. यौन शोषण, अश्लील संदेश भेजने और धोखाधड़ी जैसे गंभीर आरोपों से घिरे चैतन्यानंद को दिल्ली पुलिस ने शनिवार देर रात आगरा के एक होटल से धर दबोचा है. वह पिछले काफी समय से पुलिस की गिरफ्त से बच रहे थे.
क्या हैं चैतन्यानंद पर लगे गंभीर आरोप?
62 वर्षीय चैतन्यानंद सरस्वती पर दिल्ली के वसंत कुंज स्थित आश्रम और श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट-रिसर्च के निदेशक पद पर रहते हुए कई संगीन आरोप लगे हैं.
- 17 से अधिक महिला छात्रों ने उन पर यौन शोषण, अभद्र भाषा के प्रयोग और अश्लील संदेश भेजने का सीधा आरोप लगाया है.
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- छात्राओं और उनके अभिभावकों की शिकायत के अनुसार, स्वामी चैतन्यानंद छात्राओं के साथ अभद्र व्यवहार और शारीरिक शोषण करते थे.
- कुल 32 छात्रों के बयान रिकॉर्ड किए गए, जिनमें से 17 छात्राओं ने स्पष्ट रूप से उनके खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं.
- इन शिकायतों के सामने आने के बाद ही स्वामी चैतन्यानंद फरार हो गए थे, जिसकी वजह से पुलिस लंबे समय से उनकी तलाश कर रही थी.
लालच देकर छात्राओं को फंसाते थे
जांच में सामने आया है कि स्वामी चैतन्यानंद कथित तौर पर छात्राओं को लालच देकर अपनी ओर आकर्षित करते थे. इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वह नई दाखिला लेने वाली महिला छात्रों को मुफ्त विदेश यात्रा, आईफोन और लैपटॉप, ड्राइवर वाली गाड़ी, बेहतर इंटर्नशिप, उच्च अंक और प्लेसमेंट जैसी सुविधाओं का झांसा देते थे. जिन छात्राओं को वह इन प्रलोभनों में फंसा लेते थे, उन्हें लाभ मिलता था, लेकिन जो छात्राएं असहमत होती थीं, उन्हें कथित तौर पर उत्पीड़न का सामना करना पड़ता था.
धोखाधड़ी और वित्तीय गड़बड़ियां
यौन शोषण के अलावा, स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती पर भारी वित्तीय गड़बड़ियों के भी आरोप लगे हैं. श्री शारदा इंस्टीट्यूट ट्रस्ट ऑफ श्रींगेरी मठ ने उनके खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी, हेराफेरी और ट्रस्ट की संपत्ति के दुरुपयोग का मामला दर्ज कराया था. आरोपों की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत अर्जी भी खारिज कर दी थी.
पहले भी दर्ज हुए हैं मामले
यह पहली बार नहीं है जब चैतन्यानंद सरस्वती विवादों में घिरे हैं. पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, उनके खिलाफ साल 2006, 2009 और 2016 में भी छेड़छाड़ और धोखाधड़ी के मामले दर्ज किए गए थे. पुलिस ने बताया कि मामला काफी संवेदनशील है और आरोपी को जल्द ही कोर्ट में पेश किया जाएगा. इस हाई-प्रोफाइल मामले में आगे की जांच जारी है.