मंत्री संजय निषाद ने योगी सरकार को क्यों दी नसीहत? सीटें हारने की आशंका क्यों जता दी?
Sanjay Nishad statement: यूपी के मंत्री संजय निषाद ने योगी सरकार के जाति निषेध आदेश का विरोध किया, राजनीतिक नुकसान की चेतावनी दी और पुनर्विचार का आग्रह किया. देखें पूरा इंटरव्यू.

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने जाति के नाम पर प्रदर्शन और पहचान पर एक बड़ा फैसला लिया है. सरकारी ने एक आदेश जारी कर कहा है कि अब पुलिस रिकॉर्ड, सार्वजनिक जगह और वाहनों पर जाति लिखने पर प्रतिबंध रहेगा. साथ ही जाति के नाम पर रैलियां और प्रदर्शन करने पर भी रोक लगा दी है. लेकिन इस फैसले से बीजेपी के सहयोगी दल निषाद पार्टी के अध्यक्ष और यूपी कैबिनेट में मंत्री संजय निषाद ने कड़ा ऐतराज जताया है. यूपी तक से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि सरकार को इसपर विचार करना चाहिए नहीं तो राजनीतिक रूप से उन्हें नुकसान हो सकता है.
जाति नहीं बताएंगे तो उसकी पहचान कैसे होगी?
संजय निषाद ने कहा कि इस निर्णय से सरकार और उसके सहयोगियों को फायदा कम और नुकसान ज्यादा होगा. उन्होंने तर्क दिया कि जब प्रधानमंत्री स्वयं जाति जनगणना की बात करते हैं, तो ऐसे में जातियों की पहचान मिटाने की कोशिश सही नहीं है.
आगे उन्होंने अपनी बात को पु्ख्ता करने के लिए कहा कि अगर ब्राह्मण को ब्राह्मण और पंडित को पंडित नहीं कहेंगे, तो उसकी पहचान कैसे तय होगी? उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर लोगों को अपनी जातिगत पहचान बताने से रोका जाएगा, तो इससे उन जातियों को सबसे अधिक नुकसान होगा जो सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ रही हैं.
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विपक्ष को मिलेगा घेरने का मौका- संजय निषाद
मंत्री ने आगे कहा कि इस फैसले से सरकार को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है क्योंकि यह फैसला विपक्ष को एक मजबूत नैरेटिव सेट करने का अवसर देगा. पिछले चुनाव में बीजेपी को इसी वजह से 43 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा था. आगे उन्होंने कहा कि विपक्ष यह प्रचारित कर सकता है कि जब पिछड़ी और वंचित जातियों के हिस्सा लेने, बराबर आने और आंदोलन करने का समय आया है, तब उनकी जाति के नाम पर उनकी आवाज को रोका जा रहा है.
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DMK नेता के बयान पर कही ये बात
निषाद ने DMK नेता के उस बयान की कड़ी निंदा की जिसमें उन्होंने कथित तौर पर उत्तर भारत की महिलाओं को मनुवादी बताया था. उन्होंने इस बयान को दो धर्मों के बीच में एक धर्म को अपमानित करने का बयान बताया.
निषाद ने देश की प्रमुख महिला हस्तियों जैसे इंदिरा गांधी, मायावती, और उमा भारती का नाम लेते हुए कहा कि यूपी और देश में महिलाओं ने हर क्षेत्र में प्रगति की है, और ऐसे बयान विदेशी वादी सोच को दर्शाते हैं, न कि राष्ट्रवादी सोच को.
बरेली में लाठीचार्ज पर रखी अपनी राय
बरेली में हुए लाठीचार्ज पर संजय निषाद ने कहा कि, धर्म को धार्मिक स्थलों तक ही सीमित रखना चाहिए, प्रदर्शन के रूप में नहीं आना चाहिए. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि, धर्म को जीने का आधार बनाना चाहिए ना कि राजनीति का आधार बनना चाहिए ना कि उसको प्रदर्शन के रूप में आना चाहिए. जब आप सड़क पर आएंगे, उसको दूसरा स्वरूप देंगे तो निश्चित रूप से उसमें सरकार को लॉ एंड ऑर्डर मेंटेन करने के लिए कुछ ना कुछ कदम उठाना ही पड़ेगा.
यहां देखें पूरा इंटरव्यू
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