उत्तरकाशी में अब तक बचाए गए 700 लोग,₹5000 के मुआवजा चेक पर भड़के पीड़ित, लेने से किया इंकार
उत्तरकाशी के धराली हादसे के बाद राहत वितरण को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. पीड़ित परिवारों ने धामी सरकार के खिलाफ नाराजगी जताते हुए 5 हजार रुपये के चेक लेने से इंकार कर दिया है. वहीं, प्रशासन ने इसे सिर्फ फौरी मदद बताया है और नुकसान का पूरा आकलन और विस्तृत रिपोर्ट तैयार होने के बाद उचित मुआवजा देने की बात कही है.
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Uttarkashi: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली में हादसे के बाद से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. इस बीच अब पीड़ितों परिवारों को दिए जा रहे राहत वितरण को लेकर विवाद हो गया है. दरअसल, धराली और हर्षिल में आई आपदा के बाद पीड़ितों को 5000 रुपये के चेक दिए जा रहे थे. बताया जा रहा है कि पीड़ित परिवारों ने धामी सरकार के खिलाफ विरोध जताते हुए अब ये चेक लेने से मना कर दिया है.
वहीं, इस मामले में अब उत्तरकाशी के जिलाधिकारी प्रशांत आर्य की सफाई आई है. उन्होंने इस मामले में बोलते हुए कहा है कि ये राहत फिलहाल फौरी तौर पर दी जा रही है. प्रभावित परिवारों को नुकसान का पूरा आकलन और विस्तृत रिपोर्ट तैयार होने के बाद उचित मुआवजा दिया जाएगा.
नदी में छोड़ा डैम का पानी
बात दें कि धराली और हर्षिल घाटी में आई भीषण आपदा के बीच राहत और बचाव का काम जारी है. लेकिन इलाके में हो रही लगातार बारिश की वजह से बाढ़ का खतरा बना हुआ है. इसे देखते हुए मनेरी डैम के पानी को भागीरथी नदी में छोड़ा जा रहा है, जिससे डैम पर कोई खतरा पैदा न हो.
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700 से अधिक लोग किए गए
वहीं, बताया जा रहा है कि अब तक 700 से अधिक लोगों को बचाया गया है. इनमें स्थानीय निवासी और अन्य राज्यों से आए श्रद्धालु शामिल हैं. सरकार के अनुसार, अभी 250 लोग बचाए जाने बाकी हैं. इनमें 50 यात्री और 200 स्थानीय निवासी शामिल हैं. बता दें कि अब तक इस हादसे में 5 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है. वहीं, सेना ने दावा किया है कि 100 लोग लापता हैं, जबकि राज्य सरकार के अनुसार 16 और जिला प्रशासन के मुताबिक 50 लोग लापता होने की बात कही जा रही है. इनमें 8 सेना के जवान भी शामिल हैं.
नेटवर्क कनेक्टिविटी की गई बहाल
जिलाधिकारी प्रशांत आर्य के कहा है कि प्रभावित लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है. धराली में अब बिजली की सप्लाई और नेटवर्क कनेक्टिविटी ठीक हो गई है. जनरेटर और जरूरी उपकरण भी पहुंचाए जा चुके हैं. वहीं, संपर्क न होने से लापता बताए जा रहे लोगों की संख्या कम होने लगी है, क्योंकि नेटवर्क ठीक होने के बाद अधिकतर लापता बताए जा रहे लोगों से संपर्क हो गया है.
ब्रिज निर्माण में लगे है जवान
इस बीच जवान रात में भी लिमचिगाड़ में बहे ब्रिज के निर्माण में लगे हुए हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी लाने के लिए तीन चीता हेलिकॉप्टर को लगाया गया है जो जरूरी लॉजिस्टिक सपोर्ट पहुंचाने में लगे हैं. इसके अलावा, चिनूक हेलिकॉप्टर से एक जेनरेटर सेट जॉली ग्रांट से और दूसरा धरासू से हर्षिल पहुंच चुके हैं.
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