500 साल बाद शनि वक्री और गुरु अतिचारी का दुर्लभ संयोग, इन राशियों पर पड़ेगा बुरा असर
Shani Vakri and Guru Atichari: ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की चाल का विशेष महत्व है. 500 साल बाद एक बार फिर शनि वक्री और गुरु बृहस्पति अतिचारी होने जा रहे हैं. यह दुर्लभ संयोग 12 राशियों और देश-दुनिया पर गहरा असर डालेगा.
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ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की चाल का विशेष महत्व है. 500 साल बाद एक बार फिर शनि वक्री और गुरु बृहस्पति अतिचारी होने जा रहे हैं. यह दुर्लभ संयोग 12 राशियों और देश-दुनिया पर गहरा असर डालेगा.

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ज्योतिष पंचांग के अनुसार, गुरु 14 मई 2025 को मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे. इसके बाद 18 अक्टूबर को कर्क राशि में जाएंगे. इस दौरान शनि वक्री अवस्था में रहेंगे. आइए जानते हैं इस संयोग का प्रभाव कैसा होगा.

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12 राशियों पर शनि-गुरु का प्रभाव
शनि वक्री और गुरु अतिचारी का संयोग कुछ राशियों के लिए शुभ रहेगा. वृष, मिथुन, तुला, मकर और मीन राशि वालों को विशेष लाभ मिलेगा. इन राशियों के लोगों को नौकरी में तरक्की मिल सकती है. बेरोजगारों को रोजगार के अवसर मिलेंगे. व्यापार में मुनाफा होगा. नए आय स्रोत बन सकते हैं. प्रेम और वैवाहिक जीवन में खुशहाली आएगी. आर्थिक योजनाएं सफल होंगी. कला और रचनात्मक क्षेत्र में सम्मान मिलेगा. अविवाहित लोगों को विवाह के प्रस्ताव मिल सकते हैं.

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वहीं, मेष, कर्क, धनु और कुंभ राशि वालों को मिश्रित फल मिलेंगे. इन राशियों को सावधानी बरतनी होगी. सिंह और वृश्चिक राशि वालों के लिए यह संयोग चुनौतीपूर्ण हो सकता है. इन्हें स्वास्थ्य और आर्थिक मामलों में सतर्क रहना चाहिए.

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देश-दुनिया पर क्या होगा असर?
शनि वक्री और गुरु अतिचारी का प्रभाव वैश्विक स्तर पर भी दिखेगा. राजनीति में उथल-पुथल की स्थिति बन सकती है. बड़े नेताओं और अधिकारियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. सत्तारूढ़ दलों में नेतृत्व परिवर्तन के योग बन रहे हैं. मौसम में अनियमितता देखने को मिलेगी. कई क्षेत्रों में भारी बारिश या सूखे की स्थिति बन सकती है.

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गुरु के अतिचारी प्रभाव से सामाजिक रिश्तों में बदलाव आएगा. तलाक और वैवाहिक विवाद बढ़ सकते हैं. शनि वक्री के कारण कुछ क्षेत्रों में आगजनी या प्राकृतिक आपदाओं की आशंका है. कई देशों में तनाव और अस्थिरता बढ़ सकती है.

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क्या करें उपाय?
इस संयोग के नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं. शनिदेव की पूजा करें. शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें. गुरु की शांति के लिए बृहस्पति मंत्र का जाप करें. गरीबों को दान दें. पीले वस्त्र और चने की दाल का दान शुभ रहेगा.