तिलक लगाने से बदल सकती है आपकी किस्मत! जानिए इसके रहस्य और चमत्कारी फायदे

संदीप कुमार

माथे पर तिलक सिर्फ धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि वैज्ञानिक और ज्योतिषीय चमत्कार भी है. क्या आप जानते हैं कि सही तिलक लगाने से न सिर्फ आत्मविश्वास बढ़ता है, बल्कि कुंडली के अशुभ ग्रह भी शांत होते हैं? जानिए तिलक लगाने के सही नियम और लाभ!

ADVERTISEMENT

Representative Image (Photo Ai)
Representative Image (Photo Ai)
social share
google news

अमन हमेशा आत्मविश्वास से भरा रहता था, लेकिन हाल ही में उसे अजीब अनुभव हो रहे थे—काम में रुकावट, ध्यान भटकना और मानसिक अशांति. एक दिन दादा जी ने उसे रोज तिलक लगाने की सलाह दी. अमन ने इसे आजमाने का फैसला किया. जब उसने नियमित रूप से चंदन और केसर का तिलक लगाना शुरू किया, तो न केवल उसकी एकाग्रता बढ़ी, बल्कि उसके आसपास का माहौल भी सकारात्मक हो गया.

फेमस ज्योतिर्विद शैलेंद्र पांडेय बताते हैं कि तिलक लगाना हिन्दू परम्परा में प्रयोग किया जाने वाला एक विशेष कार्य है. बिना तिलक लगाये, न तो पूजा की अनुमति होती है और न ही पूजा संपन्न मानी जाती है. साथ ही तिलक लगाने से कुंडली के ग्रह अगर खराब हो तो वो भी ठीक हो जाते हैं. आइए ज्योतिर्विद शैलेंद्र पांडेय से जानते हैं तिलक लगाने के नियम, सही तरीका और इसके विभिन्न प्रकारों से होने वाले फायदों के बारे में.

तिलक लगाने के नियम

तिलक लगाने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है. सबसे पहले, बिना स्नान किए तिलक न लगाएं. सुबह उठकर नहा-धोकर तैयार हों, पूजा करें और फिर तिलक लगाने की शुरुआत करें. पूजा में पहले अपने इष्टदेव को तिलक लगाएं, जैसे भगवान कृष्ण या नारायण की उपासना करने वाले उन्हें पहले तिलक करें, उसके बाद स्वयं को.

यह भी पढ़ें...


अंगुलियों का प्रयोग: स्वयं को तिलक अनामिका अंगुली (रिंग फिंगर) से लगाएं, जबकि दूसरों को तिलक अंगूठे से लगाया जाता है.

सोने से पहले नियम: तिलक लगाकर कभी न सोएं. आज्ञा चक्र (माथे का मध्य भाग) के सक्रिय रहने से नींद में बाधा आ सकती है, क्योंकि यह चक्र मस्तिष्क में नींद लाने वाले रसायनों को प्रभावित करता है.

विभिन्न प्रकार के तिलक और उनके लाभ

तिलक के लिए प्रयोग होने वाली सामग्री के आधार पर इसके फायदे भी अलग-अलग होते हैं:

श्वेत चंदन: मस्तक पर लगाने से एकाग्रता बढ़ती है.

लाल चंदन: शक्ति और विजय की प्राप्ति होती है.

रोली या कुमकुम: आकर्षण बढ़ता है और आलस्य दूर होता है.

केसर: यश और रुके हुए कार्यों में सफलता मिलती है.

गोरोचन: विजय प्राप्ति के लिए लाभकारी, यह गाय से संबंधित पदार्थ है.

अष्टगंध: विद्या और बुद्धि बढ़ाने में मदद करता है.

भस्म या राख: दुर्घटनाओं और मुकदमेबाजी से बचाव करता है. खासकर शिव भक्त इसे लगाते हैं.

ग्रहों को मजबूत करने के लिए तिलक

अलग-अलग ग्रहों की शक्ति बढ़ाने के लिए विशिष्ट तिलक और अंगुलियों का प्रयोग करें:

  • सूर्य: लाल चंदन का तिलक अनामिका अंगुली से.
     
  • चंद्रमा: श्वेत चंदन का तिलक कनिष्ठिका अंगुली से.
     
  • मंगल: नारंगी सिंदूर का तिलक अनामिका से, साहस और आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए.
     
  • बुध: अष्टगंध का तिलक कनिष्ठिका से.
     
  • बृहस्पति: केसर का तिलक तर्जनी (इंडेक्स फिंगर) से.
     
  • शुक्र: रोली और अक्षत का तिलक अनामिका से.
     
  • शनि, राहु, केतु: धूप बत्ती या कंडे की राख से त्रिपुंड तिलक.


आकर्षण और विजय के लिए विशेष तिलक

आकर्षण के लिए: तांबे की कटोरी में रोली और गुलाब जल मिलाकर पेस्ट बनाएं. पहले श्रीकृष्ण को तिलक लगाएं, फिर स्वयं को. इसे लगाकर मांस-मदिरा से बचें. यह तिलक प्रभाव बढ़ाने और लोगों को आकर्षित करने में मदद करता है.

विजय और शक्ति के लिए: लाल चंदन को घिसकर चांदी या कांच की कटोरी में रखें. मां दुर्गा के सामने "ॐ दुर्गायै नमः" मंत्र का 27 बार जाप करें. इसे देवी के चरणों में अर्पित कर माथे और बाहों पर गोलाकार लगाएं. यह सफलता और विजय दिलाता है.

तिलक का महत्व

तिलक लगाने से न केवल एकाग्रता और मन की शांति बढ़ती है, बल्कि यह गहरे ध्यान और पूजा में सहायक होता है. साथ ही, यह आकर्षण और आत्मविश्वास को भी बढ़ाता है. सही नियमों और सामग्री के साथ तिलक लगाकर आप अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं.

ये भी पढ़िए: बुरी नजर से बचने के अचूक उपाय! जानिए आसान तरीकों से कैसे करें नकारात्मक ऊर्जा का समाधान

Disclaimer: यह जानकारी ज्योतिष और उसके इर्द-गिर्द बनी मान्यताओं और तर्कों पर आधारित है. हम ज्योतिर्विद के हवाले से यह जानकारी आपको दे रहे हैं. न्यूज़ तक ऐसी मान्यताओं और टोटकों का समर्थन नहीं करता है.

    follow on google news
    follow on whatsapp