रंजू देवी के बाद अब सुबोध कुमार के झूठ से उठा पर्दा, राहुल गांधी से की थी नाम कटने की शिकायत
Vote Adhikar Yatra: चुनाव आयोग की फैक्ट चेक रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ कि सुबोध का नाम पहले से ही मतदाता सूची में दर्ज नहीं था. इससे पहले औरंगाबाद की रंजू देवी का दावा भी गलत साबित हुआ था.
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Vote Adhikar Yatra: वोटर लिस्ट से नाम कटने का दावा करने वाले नवादा के सुबोध कुमार की अब पोल खुल गई है. सुबोध कुमार के नाम कटने की बात कर चुनाव आयोग ने फैक्ट चेक किया जिसमें पाया गया की SIR की प्रक्रिया से पहले भी सुबोध का नाम वोटर लिस्ट में नहीं था. वहीं सुबोध ने राहुल गांधी के सामने यह भी कहा था कि उसने पिछले लोकसभा चुनाव में वोट दिया था लेकिन इसबार नाम कट गया है.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल 17 अगस्त से राहुल गांधी बिहार में वोट अधिकार यात्रा कर रहे है. इस दौरान वे वोट चोरी का मुद्दा उठाते हुए उन लोगों से मुलाकात कर रहें जिनका SIR की प्रक्रिया के तहत नाम कट गया है. बीते दिन यानी 19 अगस्त को नवादा में इसी यात्रा के दौरान राहुल गांधी को सुबोध कुमार ने बताया था कि SIR की प्रक्रिया के बाद मतदाता सूची से उनका नाम कट गया है. फिर राहुल गांधी ने इस पर तंज कसते हुए कहा था कि बिहार में कैसे लोगों का नाम वोटर लिस्ट से काट दिया गया है, यह देखा जा सकता है.
चुनाव आयोग ने किया फैक्ट चेक
मामला जैसे ही चुनाव आयोग के संज्ञान में आया उन्होंने तत्परता से इसपर काम करना शुरू कर दिया. इस संबंध में प्रखणड विकास पदाधिकारी, काशीचक द्वारा प्रेषित पत्र एवं बी.एल.ओ. सं० 10 मनोज कुमार के रिपोर्ट के आधार पर यह सामने आया है कि सुबोध कुमार का नाम SIR के ड्राफ्ट लिस्ट के पब्लिश होने के पहले भी वारिसलीगंज विधानसभा क्षेत्र, प्रखण्ड काशीचक, मतदान केन्द्र सं० 10 (अनु0 प्रा0 वि0, महरथ) की मतदाता सूची में अंकित नहीं था.
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सुबोध कुमार ने नहीं दर्ज कराई आपत्ति
इस मामले में निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी ने कहा कि मेरे द्वारा विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण 2025 के अंतर्गत प्रकाशित समेकित निर्वाचक नामावली (दिनांक 29.10.2024) एवं तत्पश्चात अनुपूरक सूची (अर्हता तिथि 01.01.2025) तथा विशेष गहन पुनरीक्षण 2025 के प्रारूप (दिनांक 01.08.2025) का अवलोकन करने पर यह तथ्य सामने आया कि सुबोध कुमार के परिवार के अन्य सदस्य तो मतदान केन्द्र सं० 09 (अनु0 प्रा0 वि0, महरथ, पश्चिमी भाग, मकान सं० 126) से स्थानांतरित होकर मतदान केन्द्र सं० 10 में शामिल हैं, लेकिन स्वयं सुबोध कुमार का नाम किसी भी समय निर्वाचक नामावली में दर्ज नहीं रहा है.
साथ ही, माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार प्रकाशित विलोपित निर्वाचकों की सूची में भी सुबोध कुमार का नाम दर्ज नहीं है. जिस समय बीएलओ द्वारा यह सूची मतदान केंद्र पर चिपकाई जा रही थी, उस समय सुबोध कुमार स्वयं बूथ पर उपस्थित थे तथा उनका हस्ताक्षर उपस्थिति पंजी पर भी मौजूद है. परंतु वहां भी बीएलओ के द्वारा मांगे जाने पर उन्होंने अपना फॉर्म भरकर नहीं दिया.
अब सुबोध के पास क्या है विकल्प?
पदाधिकारी ने आगे कहा कि सुबोध कुमार ने विशेष गहन पुनरीक्षण 2025 के प्रारूप प्रकाशन के बाद ना तो कोई दावा/आपत्ति दर्ज की है और ना ही फॉर्म-6 अथवा आवश्यक घोषणा पत्र (Annexure-D) प्रस्तुत किया है. इससे यह स्पष्ट होता है कि सुबोध कुमार द्वारा लगाया गया आरोप निराधार एवं असत्य है. भविष्य में यदि वे नियमानुसार फॉर्म-6 एवं आवश्यक घोषणा पत्र प्रस्तुत करेंगे तो उनके नाम का निर्वाचक सूची में समावेशन किया जाएगा.
नाम कटने से मुकरी थी रंजू देवी
आपको बता दें कि राहुल गांधी ने 18 अगस्त को आरंगाबाद में वोट अधिकार यात्रा के तहत लोगों से मुलाकात की थी. इस दौरान रोहतास के नौहट्टा की चपला गांव के रहने वाली सुधीर राम की पत्नी रंजू देवी ने वोटर लिस्ट से नाम कटने का दावा किया था. हालांकि बाद में वो इससे मुकर गई और इसका पूरा ठिकरा पंचायत सचिव पर फोड़ दिया.(यहां पढ़ें पूरी खबर)
क्या है वोट अधिकार यात्रा?
राहुल गांधी बीते कई दिनों से लगातार बीजेपी और चुनाव आयोग पर वोट चोरी का आरोप लगा रहे है. इसी कड़ी में चुनावी साल में उन्होंने महागठबंधन के साथ मिलकर वोट अधिकार यात्रा कर रहे है. इस यात्रा की शुरूआत 17 अगस्त को हुई और 1 सितंबर को इसका समापन होगा. इस दौरान वे लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं को उठा रहें है. हालांकि इस दौरान दो लोगों के नाम कटने का दावा गलत साबित हुआ है.
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