हत्या का आरोप, गंभीर धाराओं में 12 मुकदमें और UP कनेक्शन...रमीज को लेकर लालू परिवार में बवंडर पूरी कहानी
रमीज नेमत खान अलग अलग आपराधिक मामलों, जिनमें हत्या और चुनावी हिंसा के आरोप शामिल हैं में आरोपी रहे हैं, हालांकि कई मामलों में उन्हें जमानत मिल चुकी है.

Rohini Acharya News: बिहार में चुनाव परिणाम की घोषणा के अलगे दिन ही लालू परिवार में भूचाल आ गया. दरअसल शनिवार यानी 16 नवंबर को लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्या ने अचानक ही राजनीति छोड़ने का ऐलान कर दिया. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि वो अपने परिवार से नाता तोड़ रही हैं.
रोहिणी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिये बताया कि उन्होंने इतना बड़ा फैसला RJD सांसद संजय यादव के कहने पर लिया. इसी पोस्ट में उन्होंने एक और शख्स का नाम लिया, रमीज नेमत खान.
इस पोस्ट के बाद सोशल मीडिया से लेकर सियासी गलियारे तक चर्चा होने लगी की आखिर ये रमीज नेमत खान हैं कौन और उनकी तेजस्वी यादव के इतने करीबी दोस्ती कैसे हुई.
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तेजस्वी यादव के पुराने दोस्त
दरअसल चर्चा में आया ये नाम रमीज नेमत खान तेजस्वी यादव के पुराने दोस्त हैं साथ ही उनकी पार्ट के कोर टीम का हिस्सा भी हैं. इन दोनों की दोस्ती क्रिकेट के मैदान में हुआ थी और आज के समय में यही दोस्ती राजनीति तक फैली हुई है.
रमीज साल 2016 में RJD में शामिल हुए थे. जब प्रदेश में महागठबंधन की सरकार थी. उस वक्त उन्होंने उपमुख्यमंत्री के ऑफिस में छोटे-मोटे अंदरूनी काम संभालने में मदद करना शुरू किया था.
बस, फिर क्या था धीरे-धीरे वो तेजस्वी की पॉलिटिकल टीम का एकदम अहम हिस्सा बन गए. अब तो आलम ये है कि वो तेजस्वी के रोज के काम, जरूरी मीटिंग्स, कोऑर्डिनेशन और इलेक्शन कैंपने सब कुछ देखते हैं. एक तरह से कहें तो वो अब उनकी टीम की रीढ़ की हड्डी बन चुके हैं.
यूपी से है कनेक्शन
हालांक रमीज नेमत खान बिहार से नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश से हैं. उनका एक बड़ा तगड़ा पॉलिटिकल कनेक्शन भी है. वो पूर्व सांसद रिजवान जहीर के दामाद हैं. रिजवान जहीर वही हैं जो पहले बलरामपुर लोकसभा सीट से सांसद रह चुके हैं
रिजवान जहीर की राजनीति के पुराने खिलाड़ी हैं. उन्होंने समाजवादी पार्टी और मायावती की BSP दोनों के टिकट पर दो बार सांसद का चुनाव जीता है. इतना ही नहीं एक बार तो उन्होंने बिना किसी पार्टी के यानी निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर भी चुनाव लड़ा था. एक वक्त ऐसा भी था जब रिजवान जहीर उत्तर प्रदेश के सबसे कम उम्र के विधायक बने थे. यानी रमीज का ससुराल वाला बैकग्राउंड काफी दमदार है.
पत्नी भी लड़ चुकी हैं चुनाव
सिर्प ससुर ही नहीं रमीज नेमत खान की पत्नी जेबा रिजवान भी तुलसीपुर सीट से दो बार चुनाव लड़ चुकी है. एक बार उन्हें कांग्रेस ने अपनी तरफ से मैदान में उतारा था और एक बार वह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में थी, हालांकि दोनों बार ही उनकी पत्नी को हार का सामना करना पड़ा.
12 मुकदमें दर्ज
2021 में तुलसीपुर में जिला पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा के एक मामले में भी रमीज नेमत खान का नाम सामने आया था. उस वक्त उन पर कांग्रेस नेता दीपांकर सिंह और उनके सहयोगियों पर हमले की साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया गया था.
इसके अलावा साल 2022 में तुलसीपुर नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष फिरोज पप्पू की हत्या के मामले में कथित साजिश के आरोप में रमीज नेमत खान, उनकी पत्नी, उनके ससुर रिजवान जहीर और तीन अन्य व्यक्तियों की गिरफ्तारी भी हुई थी.
रमीज नेमत खान को कई मामलों में जमानत मिल चुकी है, जबकि कुछ प्रकरण अभी भी कोर्ट में पेंडिंग हैं. रमीज पर बलरामपुर के तुलसीपुर और कौशाम्बी के कोखराज थाने में हत्या, गैंगस्टर एक्ट सहित कुल 12 मुकदमे दर्ज हैं.
हत्या के आरोप से जुड़ा मामला
रमीज नेमत खान पर लगे गंभीर आरोपों में 2023 में प्रतापगढ़ के ठेकेदार शकील खान की हत्या का मामला भी शामिल है. उस साल ठेकेदार का शव कुशीनगर में रेलवे ट्रैक के पास मिला था. इस घटना में शकील खान की पत्नी की शिकायत के आधार पर रमीज नेमत खान को आरोपी बनाया गया. इसके बाद साल 2024 के जुलाई महीने में उन्हें गैंगस्टर एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया था हालांकि इस साल अप्रैल में उन्हें जमानत मिल गई.
इसके बाद रमीज नेमत खान और उनकी पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. कोर्ट ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि उन्हें गिरफ्तार करने या कोई नया मुकदमा शुरू करने से पहले स्थानीय कोर्ट से अनुमति ली जाए. इस आदेश के बाद दंपति को कई मामलों में राहत मिलती रही और उन पर कोई नया मामला दर्ज नहीं किया गया.
कितने पढ़ें लिखें रमीज नेमत खान
रमीज नेमत खान का जन्म 1986 में नवंबर महीने में हुआ था. उनके पिता नेमतुल्लाह खान, जामिया मिलिया इस्लामिया में प्रोफेसर हैं. रमीज ने अपनी स्कूली शिक्षा दिल्ली पब्लिक स्कूल, मथुरा रोड से की और उसके बाद जामिया मिलिया इस्लामिया से बीए और एमबीए की डिग्रियां पूरी की.
उन्हें बचपन से ही क्रिकेट में इंटरेस्ट था. यही वजह है कि रमीज अलग अलग उम्र में दिल्ली और झारखंड की टीमों के लिए खेलते रहे. साल 2008-09 में उन्होंने झारखंड अंडर-22 टीम की कप्तानी भी की. इसी दौरान उनकी तेजस्वी यादव से दोस्ती हुई.
साल 2016 में वह राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) में शामिल हुए और तब से तेजस्वी यादव की टीम के महत्वपूर्ण सदस्यों में गिने जाते हैं.
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