Bihar Election: प्रशांत किशोर ने इस 7 सीटों पर बिगाड़ दिया खेल, चौंकाने वाले आंकड़े

Bihar Election 2025: जनसुराज पार्टी भले ही बिहार चुनाव में एक भी सीट न जीत पाई हो, लेकिन सात सीटों पर उसके उम्मीदवारों ने इतने वोट लिए कि मुकाबला बेहद करीबी हो गया. असर दिखा, चर्चा भी हुई लेकिन उम्मीद के मुताबिक वोट सीटों में नहीं बदल पाए.

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बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे इस बार खूब चर्चा में रहे. वजह भी साफ है प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी. पीके ने गांव-गांव जाकर पदयात्राएं कीं, सिस्टम बदलने की बात कही और दावा किया कि जनता बदलाव चाहती है, लेकिन जब नतीजे आए तो जनसुराज एक भी सीट नहीं जीत सकी. 

हालांकि कहानी का असली ट्विस्ट इसके बाद शुरू होता है. भले ही जनसुराज जीत नहीं सकी, लेकिन उसने कई सीटों पर ऐसा असर छोड़ा कि अगर उनके उम्मीदवार मैदान में नहीं होते तो शायद हार-जीत का समीकरण अलग होता. 

बिहार की सात विधानसभा सीटें ऐसी रहीं जहां एनडीए प्रत्याशी जितने अंतर से हारे, उससे ज्यादा वोट अकेले जनसुराज के उम्मीदवार ले गए. यानी इन सीटों पर मुकाबला जनसुराज की वजह से काफी तंग हो गया. 

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जानते हैं उन सीटों के बारे में 

  • ढाका सीट पर फैजल रहमान ने पवन कुमार को मात्र 178 वोटों से हराया, जबकि जनसुराज के एल.बी. प्रसाद को 8,347 वोट मिले.  
  • जहानाबाद में राहुल कुमार ने 793 वोट के अंतर से जीत हासिल की जबकि जनसुराज के अभिराम सिंह को 5,760 वोट मिले. 
  • मखदूमपुर में सूबेदार दास की जीत का अंतर 1,830 था, वहीं जनसुराज के शंकर स्वरूप को 4,803 वोट मिले. 
  • टिकारी में अजय कुमार ने 2,058 वोट से जीत दर्ज की जबकि जनसुराज के शशि कुमार को 2,552 वोट मिले. 
  • गोह में जीत का अंतर 441 था और जनसुराज को 7,996 वोट मिले. 
  • बोधगया में जीत का फासला 881 रहा लेकिन जनसुराज को 424 वोट मिले. 
  • जनकपुरिया में हार का अंतर सिर्फ 602 था, जबकि मनीष कश्यप को जनसुराज की तरफ से 37,172 वोट मिले.

हार के अंतर के ज्यादा रहें जनसुराज के वोट 

इन सातों सीटों पर जनसुराज को मिले वोट एनडीए की हार के अंतर से कहीं ज्यादा रहे. इसलिए कुछ लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि क्या जनसुराज ने एनडीए के वोट काटे? लेकिन इसकी कोई पुख्ता पुष्टि नहीं है. चुनाव में 
वोट कई वजहों से बदल जाते हैं स्थानीय मुद्दे, उम्मीदवार की छवि, जातीय समीकरण या सिर्फ बदलाव की इच्छा. इसलिए सीधे-सीधे यह मान लेना सही नहीं होगा कि जनसुराज की वजह से ही एनडीए को नुकसान हुआ.

अब अगर जनसुराज की कुल तस्वीर देखें तो पार्टी ने 243 में से 238 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे, जो किसी नई पार्टी के लिए काफी बड़ा कदम है लेकिन नतीजे उम्मीद से बिल्कुल अलग रहे. पार्टी एक भी सीट नहीं जीत सकी. सिर्फ एक सीट मढ़ौरा पर दूसरा स्थान हासिल कर पाई जहां आरजेडी उम्मीदवार ने 86,618 वोट पाए और जनसुराज के नवीन कुमार को 58,190 वोट मिले. बाकी सभी सीटों पर पार्टी तीसरे, चौथे या उससे पीछे रही.

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