SIR के काम से परेशान था, सीनियर देता था धमकी.. जयपुर में शिक्षक ने ट्रेन के आगे कूदकर दी जान, जानें पूरा मामला

जयपुर में SIR योजना के काम से परेशान सीनियर टीचर मुकेश जांगिड़ ने सीनियर के दबाव और सस्पेंड करने की धमकी से तंग आकर बिंदायका रेलवे फाटक पर ट्रेन के सामने कूदकर खुद की जान दे दी.

काम के प्रेशर में ले ली खुद की जान
काम के प्रेशर में ले ली खुद की जान
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जयपुर के बिंदायका थाना क्षेत्र में SIR योजना से जुड़े काम का दबाव झेल रहे एक 48 साल के सीनियर टीचर मुकेश जांगिड़ ने बिंदायका रेलवे फाटक पर ट्रेन के आगे कूदकर अपनी जान दे दी. 

मौत के बाद उनकी जेब से जो सुसाइड नोट मिले हैं उसमें उन्होंने अपने सुपरवाइजर पर काम का दबाव बनाने और सस्पेंड करने की धमकी देने का गंभीर आरोप लगाया है.

सुबह 4:30 बजे घर से निकले थे शिक्षक

इस मामले के बारे में जानकारी देते हुए बिंदायका थानाप्रभारी विनोद वर्मा ने बताया कि यह घटना आज सुबह लगभग 4:30 बजे हुई. राजकीय प्राथमिक विद्यालय नाहरी का बास में कार्यरत शिक्षक मुकेश जांगिड़ SIR योजना (और BLO) का काम भी देख रहे थे. वह अपनी मोटरसाइकिल लेकर घर से निकले और बिंदायका फाटक के पास ट्रेन के सामने कूद गए.

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सुसाइड नोट में सीनियर पर गंभीर आरोप

पुलिस को मृतक की जेब से एक सुसाइड नोट मिला है. इसमें मुकेश जांगिड़ ने साफ तौर पर लिखा है कि वह SIR योजना के काम की वजह से बहुत परेशान थे. उन्होंने अपने सुपरवाइजर सीताराम पर लगातार काम का दबाव बनाने और सस्पेंड करने की धमकी देने का आरोप लगाया है, जिससे तंग आकर उन्होंने यह कदम उठाया. 

लगातार परेशान थे मुकेश

मृतक मुकेश जांगिड़ के भाई गजानंद का कहना है कि उनके भाई काफी समय से परेशान चल रहे थे. उन्होंने बताया कि कल रात भी कोई साथी उनके फॉर्म वगैरह भरने में मदद कर रहा था. काम का ज्यादा बोझ और दबाव से वह तनाव में थे. आज सुबह वह घर से निकले और यह दुखद घटना हो गई.

पुलिस कर रही है पूरे मामले की जांच

48 साल के शिक्षक की मौत से स्कूल और उनके परिवार में मातम छा गया है. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और सुसाइड नोट के आधार पर सुपरवाइजर सीताराम के खिलाफ जांच शुरू कर दी है. पुलिस इस बात की गहराई से छानबीन कर रही है कि काम का दबाव कितना था और सुपरवाइजर की तरफ से क्या धमकी दी जा रही थी.

यह घटना सरकारी कर्मचारियों पर काम के बढ़ते बोझ और उच्च अधिकारियों के दबाव जैसे गंभीर मुद्दों की ओर इशारा करती है. 

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