5 साल नहीं..अब 1 साल नौकरी करने के बाद भी मिलेगी ग्रेच्युटी, उदाहरण से समझिए कितना पैसा मिलेगा!

New Gratuity Rule: नए नियम के तहत फिक्स्ड टर्म कर्मचारियों को स्थायी (Permanent) कर्मचारियों के बराबर ही सारे फायदे मिलेंगे इसमें सैलरी, छुट्टी, मेडिकल सुविधा और सामाजिक सुरक्षा सब कुछ शामिल है.

gratuity
gratuity
social share
google news

New Gratuity Rule: सरकार ने नौकरीपेशा वाले लोगों के लिए एक बड़ा फैसला किया है. अब ग्रेच्युटी पाने के लिए पाँच साल तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा. सिर्फ एक साल नौकरी करने पर भी ग्रेच्युटी मिलेगी. यह खास बदलाव लेबर एक्ट में किए गए नए सुधारों के बाद लागू किया गया है.

अभी तक होता यह था कि लोग तीन या चार साल नौकरी करते थे और फिर नौकरी बदल देते थे. ऐसे में उनका ग्रेच्युटी का पैसा फंस जाता था, क्योंकि नियम के अनुसार कम से कम पांच साल काम करना जरूरी था. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. जो भी कर्मचारी एक साल काम करेगा, वह ग्रेच्युटी पाने के लायक बन जाएगा.

देश में लागू हुए 4 नए श्रम कानून

केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने देश के 29 पुराने श्रम कानूनों को मिलाकर सिर्फ चार लेबर कोड बना दिए हैं. सरकार का कहना है कि इन नए नियमों से सभी तरह के श्रमिक जैसे- गिग वर्कर्स, प्रवासी मजदूर, अनौपचारिक सेक्टर के कर्मचारी और महिलाएं को बेहतर वेतन, ज्यादा सुरक्षा और सामाजिक लाभ मिलेंगे.

यह भी पढ़ें...

इस फैसले का सबसे ज्यादा फायदा फिक्स्ड-टर्म कर्मचारियों (FTE) को मिलेगा. पहले फिक्स्ड-टर्म कर्मचारी ग्रेच्युटी के लगभग बाहर ही रहते थे, लेकिन अब उन्हें भी स्थायी कर्मचारियों जैसी सुविधाएं मिलेंगी. जैसे - छुट्टी, मेडिकल सुविधा और सोशल सिक्योरिटी.

ग्रेच्युटी होती क्या है?

ग्रेच्युटी वह पैसा होता है जो कंपनी अपने कर्मचारी को उसकी अच्छी और लंबी सेवा के बदले एक तरह का 'गिफ्ट' (आर्थिक सहारा) देती है. जब आप नौकरी छोड़ते हैं या रिटायर होते हैं, तब यह पैसा आपको एक साथ मिलता है. कई लोगों के लिए यह रकम मुश्किल समय में बड़ा सहारा होती है.

ग्रेच्युटी कैसे निकलती है?

ग्रेच्युटी निकालने का तरीका ज्यादा कठिन नहीं है. मान लीजिए गौरव नाम का एक लड़का है. उसने एक कंपनी में ठीक एक साल काम किया है. उसकी आखिरी सैलरी यानी बेसिक + DA मिलाकर 30,000 रुपये थी. अब नए नियम के बाद गौरव को सिर्फ एक साल काम करने पर भी ग्रेच्युटी मिलेगी. यह जानने के लिए आसान फॉर्मूला (ग्रेच्युटी = (अंतिम सैलरी) * (15/26) * (साल) लगाते हैं,  जिसमें सैलरी को 15/26 से गुणा किया जाता है.

जब गौरव की 30,000 की सैलरी को 15/26 से गुणा करते हैं तो रकम लगभग 17,307 रुपये बनती है. गौरव ने सिर्फ एक साल काम किया है, इसलिए उसकी कुल ग्रेच्युटी भी यही 17,307 रुपये होगी. यानी सरल भाषा में समझें तो निष्ठा को एक साल की नौकरी पर लगभग 17 हजार रुपये कंपनी की तरफ से एक गिफ्ट की तरह मिलेंगे, जिसे हम ग्रेच्युटी कहते हैं. अब यह पैसा न नौकरी बदलने पर डूबेगा और न ही रिटायरमेंट तक इंतजार करना पड़ेगा. नए नियम से गौरव जैसे लाखों कर्मचारियों को सीधे फायदा मिलेगा.

यह भी पढ़ें: भारत में 4 नए लेबर कोड लागू: मिनिमम वेतन, गेच्युटी के अलावा ओवरटाइम पर डबल सैलरी की गारंटी, जानें पूरी डिटेल

    follow on google news