राजस्थान में पंचायतों का सबसे बड़ा फेरबदल: भजनलाल सरकार ने बदला पूरा नक्शा, कौन-से जिले में कितनी पंचायतें?

राजस्थान में 3416 नई ग्राम पंचायतों के गठन की अधिसूचना जारी हुई है. इससे लाखों ग्रामीण निवासियों को अपने पंचायत मुख्यालय जाने के लिए कम दूरी तय करनी पड़ेगी. इससे समय की बचत होगी.

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राजस्थान में पंचायतीराज व्यवस्था में अब तक का सबसे बड़ा बदलाव हो गया है. राज्य सरकार ने 41 जिलों में 3416 नई ग्राम पंचायतों के गठन की अधिसूचना जारी कर दी है. इससे पूरे प्रदेश में पंचायतों का नक्शा ही बदल गया है. जहां नई पंचायतों का निर्माण हुआ है, वहीं दोगुनी संख्या में पुरानी पंचायतों का पुनर्गठन भी किया गया है. लगभग हर पंचायत की सीमाओं में बड़ा बदलाव हुआ है, जिसका असर आने वाले चुनावों और स्थानीय राजनीति पर साफ दिखाई देगा.

नई पंचायतें बनने से सरपंच, उपसरपंच और वार्ड पंचों के हजारों नए पद जुड़ेंगे. यानी अब ग्रामीण स्तर पर प्रतिनिधित्व और प्रशासनिक मौजूदगी दोनों बढ़ेगी. नए चुनाव भी इसी नए ढांचे के अनुसार होंगे.

क्यों बनी इतनी ज्यादा पंचायतें?

इस पुनर्गठन का सबसे बड़ा फायदा आम जनता को मिलेगा. विशेषकर रेगिस्तानी जिलों जैसे बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर और आदिवासी इलाकों में, जहां एक ग्राम पंचायत कई किलोमीटर में फैली होती थी.

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पहले लोगों को राशन, सरकारी दस्तावेज बनवाने या सरपंच से जुड़े काम के लिए कई किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता था. नई पंचायतें बनने से ग्राम पंचायतों का इलाका कम हो जाएगा. इसका मतलब है कि अब लोगों को अपने पंचायत मुख्यालय जाने के लिए कम दूरी तय करनी होगी और उनका समय बचेगा.

रोजगार के मौके भी बढ़ेंगे

नई पंचायतें बनने के बाद ग्राम सचिव, ग्राम सहायक, पटवारी और अन्य प्रशासनिक पद भी बढ़ेंगे. इससे शिक्षित युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे. आने वाली भर्तियों में पद इसी नए ढांचे के हिसाब से बढ़ाए जाएंगे.

जिलों में कितनी नई पंचायतें बनीं?

राजस्थान में पंचायतों के बड़े पुनर्गठन के बाद कई जिलों में ग्राम पंचायतों की संख्या में व्यापक बढ़ोतरी हुई है. सबसे ज्यादा बदलाव बाड़मेर जिले में हुआ, जहां 270 नई पंचायतें गठित की गई और अब कुल संख्या 688 हो गई है. जयपुर में 139 नई पंचायतें बनने के बाद यहां ग्राम पंचायतों की संख्या बढ़कर 596 हो गई है. अजमेर जिले में भी बड़ा पुनर्गठन हुआ है, जहां कुल 84 नई पंचायतों का गठन किया गया है. 

दौसा जिले में 85 नई ग्राम पंचायतें बनाई गई, जिनमें सबसे अधिक पंचायतें महवा क्षेत्र में बनी हैं. जैसलमेर में 51 नई पंचायतें बनने के बाद जिले की कुल संख्या अब 216 हो गई है. जोधपुर में 241 नई ग्राम पंचायतें जोड़ी गईं, जिससे यहां कुल पंचायतें बढ़कर 527 हो गई हैं. उदयपुर में 118 नई पंचायतों के गठन के बाद कुल संख्या 349 हो गई है. 

अलवर में 104 नई पंचायतें बनाकर इस संख्या को बढ़ाकर 309 कर दिया गया है. कोटा जिले में 57 नई पंचायतें शामिल की गई हैं, जबकि कोटपूतली-बहरोड़ जिले में 63 नई पंचायतों के गठन के साथ जिला परिषद का भी गठन किया गया है. करौली में 71 नई ग्राम पंचायतें बनाकर कुल संख्या 308 कर दी गई है और धौलपुर में 41 नई पंचायतें बनने के बाद अब वहां 224 ग्राम पंचायतें हो गई हैं.

बेरोजगारों के लिए भी अच्छी

नई पंचायतें बनने के साथ ही ग्राम सचिव, पटवारी, पंचायत सहायकों और सहायक कर्मचारियों के नए पद भी बनेंगे. भविष्य में निकलने वाली भर्तियों में इन नए पदों को भी शामिल किया जाएगा, जिससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.
 

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