'मैनेजमेंट गुरु' स्वामी चैतन्यनंद सरस्वती पर 17 छात्राओं के साथ यौन शोषण का आरोप, कैसे फंसाता था बाबा?
दिल्ली के एक पॉश इलाके में स्थित एक प्रतिष्ठित मैनेजमेंट संस्थान के संचालक, स्वामी चैतन्यनंद सरस्वती पर 17 छात्राओं के यौन शोषण का आरोप लगा है. यह 'मैनेजमेंट गुरु', जिसने शिकागो बूथ जैसे संस्थान से पढ़ाई की है, अब पुलिस से भाग रहा है.

दिल्ली के पॉश इलाके के एक आलीशान कोठी में, जो बाहर से एक प्रतिष्ठित संस्थान, आश्रम और मठ जैसी लगती थी, उन दीवारों के पीछे का सच बेहद ही चौंकाने वाला है.
जिस शख्स को दुनिया 'मैनेजमेंट गुरु' कहती थी और जो खुद को स्वामी चैतन्यनंद सरस्वती बताता था, उस पर 17 छात्राओं के यौन शोषण का गंभीर आरोप लगा है.
यह मामला उस वक्त सामने आया जब दिल्ली के श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट की 17 छात्राओं ने उस संस्थान के संचालक स्वामी चैतन्यनंद सरस्वती उर्फ पार्थ सारथी पर यौन शोषण और उत्पीड़न का आरोप लगाया.
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छात्राओं का कहना है कि बाबा उनसे गंदी भाषा में बात करता था, अश्लील मैसेज भेजता था और जबरदस्ती छूने की कोशिश करता था.
हैरान कर देगी बाबा की कहानी
जो व्यक्ति आज पुलिस से भाग रहा है और जिस पर यौन शोषण के गंभीर आरोप लगे हैं, उसका अतीत जानकर कोई भी हैरान रह जाएगा. स्वामी चैतन्यनंद सरस्वती ने शिकागो बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से मैनेजमेंट में पीएचडी और एमबीए की डिग्री हासिल की है. यह वही यूनिवर्सिटी है जिसके 10 पूर्व छात्रों को अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार मिल चुका है.
इतना ही नहीं चैतन्यनंद ने कई किताबें भी लिखी हैं और उनके शोध कई अंतर्राष्ट्रीय जर्नल में छप चुके हैं. वह खुद को एक महान 'मैनेजमेंट गुरु' बताता था और दुनिया को मैनेजमेंट पढ़ाने का दावा करता था, लेकिन यह सब सिर्फ एक मुखौटा था.
कैसे फंसाता था बाबा?
आरोपों की मानें तो बाबा का संस्थान में पूरी तरह से दबदबा था. वह अपने पद का फायदा उठाकर छात्राओं पर दबाव डालता था. उनका इतना खौफ था कि कई स्टाफ सदस्य भी उसके गलत कामों में शामिल रहते थे और कोई भी उसका विरोध करने की हिम्मत नहीं करता था.
यह केवल एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि एक पूरी व्यवस्था का खेल था जिसमें डर, दबाव और दहशत शामिल थी.
ये आरोप कोई पहली बार नहीं लगे हैं. साल 2009 में भी चैतन्यनंद के खिलाफ इसी तरह का मामला सामने आया था, लेकिन वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आया.
पाप का घड़ा भरा तो सामने आया सच
जब छात्राओं का सब्र टूट गया, तो उन्होंने हिम्मत दिखाई. उन्होंने पहले मठ के मुख्यालय में शिकायत की, लेकिन जब कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो उन्होंने भारतीय वायुसेना मुख्यालय को भी शिकायतें भेजीं. इसके बाद पुलिस हरकत में आई और जांच शुरू की.
जांच में बाबा का एक और फर्जीवाड़ा सामने आया. उसके आश्रम में खड़ी लग्जरी वॉल्वो कार की नंबर प्लेट फर्जी निकली, जो एक राजनयिक नंबर थी.
स्वामी चैतन्यनंद सरस्वती की कहानी दिखाती है कि कैसे डिग्री, रुतबा और चमक-दमक के पीछे एक गंदी सच्चाई छिपी हो सकती है. अब सवाल यह है कि क्या न्याय का पहिया सच में चलेगा या फिर एक बार फिर ताकत और पैसे के आगे यह मामला दब जाएगा? फिलहाल, बाबा पुलिस से फरार है और पुलिस उसकी तलाश कर रही है.
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