लेडी डॉन अनुराधा चौधरी का गैंगस्टर आनंदपाल से कैसे संपर्क हुआ? रिवॉल्वर रानी ने खुद सुनाया किस्सा

अनुराधा चौधरी ने हरियाणा तक के साथ इंटरव्यू में कहा कि लेडी डॉन और रिवॉल्वर रानी उनकी असली पहचान नहीं है. वह MBA गोल्ड मेडलिस्ट हैं और बिजनेस करना चाहती थीं.

anuradha chaudhary
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सोशल मीडिया और सुर्खियों में लंबे समय से लेडी डॉन, रिवॉल्वर रानी जैसे नामों से पहचानी जाने वाली अनुराधा चौधरी ने हरियाणा तक के एक इंटरव्यू में अपनी जिंदगी की पूरी कहानी खुलकर बताई. उन्होंने बताया कि उनकी असली पहचान इन टैग्स से बिल्कुल अलग है. जो कुछ उनके साथ हुआ, वह हालात और सिस्टम की वजह से हुआ है. 

MBA गोल्ड मेडलिस्ट, सपना था बिजनेस का

अनुराधा चौधरी MBA की छात्रा रही हैं और यूनिवर्सिटी की गोल्ड मेडलिस्ट भी रह चुकी हैं. वह बताती हैं कि मेरा सपना हमेशा बिजनेस करने के था और खुद की कंपनी बनाना चाहती थी जो शेयर मार्केट में लिस्ट हो. 

अनुराधा ने कहा कि उनका बचपन अच्छा और सुरक्षित बीता है. उनके माता-पिता ने उन्हें पूरी आजादी और बेहतर जीवन दिया है. परिवार में माता-पिता, दो भाई, एक बहन, बेटा और अब पति व उनका परिवार शामिल है.

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मैडम मिंच नाम कैसे पड़ा?

अनुराधा ने बताया पहले पति के सरनेम की वजह से मीडिया ने उन्हें मैडम मिंच कहना शुरू किया जो बाद में पहचान बन गया.

बिजनेस पार्टनरों से विवाद हुआ

MBA के बाद अनुराधा ने शेयर मार्केट में काम शुरू किया. उन्होंने खुद ट्रेडिंग की और फिर सब-ब्रोकरशिप ली. यहीं से विवाद शुरू हुआ. उन्होंने आरोप लगाया कि बिजनेस पार्टनरों ने उनके साइन का गलत इस्तेमाल किया और कागजों में उन्हें कर्जदार दिखा दिया, जबकि असल में पैसा उनके पास कभी आया ही नहीं.

जब अनुराधा ने सवाल उठाए और पुलिस में शिकायत की तो हालात और बिगड़ गए. उन्होंने कहा कि उन्हें बदनाम किया गया, धमकियां मिलीं और उनकी शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया गया. आखिरकार उन्होंने सीएमओ पोर्टल तक शिकायत पहुंचाई.

आनंदपाल से कैसे संपर्क हुआ?

अनुराधा बताती हैं कि एक जमीन बेचने के लिए लैंड माफिया से संपर्क हुआ. इसी दौरान राजस्थान के गैंगस्टर आनंदपाल सिंह का नाम जुड़ा. वे कहती हैं,

"मैं मदद मांगने नहीं गई थी. बस जमीन के पेपर्स पार्टनर्स ने रख लिए थे. आनंदपाल से सिर्फ इतना कनेक्शन था. उन्होंने कभी गैंग में शामिल होने का ऑफर नहीं दिया. मैंने एक-दो लोगों की लीगल मदद की थी.लेकिन पुलिस ने केस बना दिए. पहली गिरफ्तारी 2013 में हुई. आर्म्स एक्ट का केस लगा.

अनुराधा ने बताया कि ये सब झूठे केस थे पुलिस के कवर-अप के लिए. मीडिया ने सनसनी फैलाई और 'लेडी डॉन' का टैग दे दिया.वे कहती हैं, "डॉन वो है जो डोमिनेशन को ना कहे. ऐसा इंसान हर जगह मिल जाता है. मीडिया ने न्यूज के लिए ये नाम दिए."

लेडी डॉन और रिवॉल्वर रानी की पहचान कैसे बनी?

उन्होंने बताया, जब उन पर पहला केस दर्ज हुआ तब मीडिया ने सनसनीखेज टैग देना शुरू कर दिया. एक महिला का सिस्टम से टकराना लोगों के लिए हैरानी की बात थी और इसी जिज्ञासा को भुनाते हुए उन्हें ये नाम दे दिए गए.

अनुराधा की पहली गिरफ्तारी साल 2013 में हुई. उन पर आर्म्स और एक्साइज एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि यह केस भी झूठा और उन्हें फंसाने के लिए बनाया गया था.

पूरा इंटरव्यू देखिए

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