बीजेपी ने सीधी से काटा 3 बार के विधायक केदारनाथ शुक्ला का टिकट, दिखाए बगावती तेवर
MP Election 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा 2023 के चुनाव के लिए भाजपा की दूसरी सूची जारी हो गई है, जिसे लेकर बीते दो दिन से हलचल मची हुई है, पार्टी में इस्तीफे और अंतर्कलह देखने को मिल रही है. एक दिन पहले सतना से उम्मीदवार की रेस में शामिल रहे रत्नाकर चतुर्वेदी ने इस्तीफा देकर […]
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MP Election 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा 2023 के चुनाव के लिए भाजपा की दूसरी सूची जारी हो गई है, जिसे लेकर बीते दो दिन से हलचल मची हुई है, पार्टी में इस्तीफे और अंतर्कलह देखने को मिल रही है. एक दिन पहले सतना से उम्मीदवार की रेस में शामिल रहे रत्नाकर चतुर्वेदी ने इस्तीफा देकर निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया. सिलसिला यहीं थमता नहीं दिख रहा है, अब भाजपा के सीधी विधायक केदारनाथ शुक्ल का बयान भी आ गया है. पार्टी ने उनका टिकट काट कर सांसद रीति पाठक को उम्मीदवार बना दिया है.
इसके बाद से केदारनाथ शुक्ला नाराज बताए जा रहे हैं. सीधी विधानसभा के लिए इस निर्णय को काफी अपत्याशित माना जा रहा है. क्योंकि 2018 के विधानसभा चुनाव मे केदारनाथ शुक्ल की लगभग 20 हजार वोटों से जीत हुई थी और वह चार बार से यहां से बीजेपी के विधायक हैं. उनके टिकट कटने की वजह पेशाब कांड में उनका नाम आना बताया जा रहा है.
देखें विधायक केदारनाथ सिंह ने क्या कहा?
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केदारनाथ ने कहा- जल्द निर्णय लूंगा
विधायक केदारनाथ शुक्ला ने टिकट कटने के बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से बयान दिया है, जिसमें उन्होंने चौंका दिया है. उन्होंने कहाकि सबसे बात करने के बाद ही निर्णय लूंगा. टिकट कटने के बाद सीधी से भाजपा के सीनियर विधायक केदारनाथ शुक्ल का बयान आया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि सभी कार्यकर्ताओ से मैंने कहा है कि अभी आप सभी एक सप्ताह तक ठंडे दिमाग से सोचें सबसे बात करने के बाद कोई निर्णय लूंगा.
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पार्टी नेतृत्व को किसी ने मिसगाइड किया है: शुक्ल
पार्टी नेतृत्व को किसी ने मिसगाइड किया है, मैंने इस बात की जांच की मांग की है, यह क्यों हुआ? किसके प्रस्ताव में हुआ. इस बात की पार्टी जांच करें, अगर पार्टी जांच करेंगी तो पार्टी को अपनी गलती का एहसास होगा. साथ ही उन्होंने कहा जिसे (सांसद रीति पाठक) प्रत्याशी बनाया गया है. वो 10 साल से सांसद रही हैं. हमें वो बता दें जिस गांव में वह 100 रुपय खर्च की हो निर्माण कार्य मे 100 रुपये खर्च किया हो. किसी भी कार्यकर्त्ता की मदद की हो, अब पार्टी के नाम पर चुनाव लड़ना अलग बात है. अभी तक केवल वो मोदी जी की लोकप्रियता की सवारी करती रही है और विधानसभा चुनाव मे सारी बाते दूध का दूध और पानी की पानी हो जाएगा.
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दूसरी सूची जारी होते ही पहली इस्तीफा सीधी से
मध्यप्रदेश में बीजेपी ने अपनी दूसरी सूची जारी की और इसके विरोध में पहला इस्तीफा सीधी से हुआ था. इस लिस्ट ने जितना दावेदारों को चौंकाया, उससे कहीं अधिक राजनीतिक जानकार चौंकें, क्योंकि बीजेपी ने दूसरी सूची में 3 केंद्रीय मंत्री समेत 7 सांसद और एक राष्ट्रीय महासचिव शामिल हैं. वहीं दूसरी सूची जारी होने के घंटा भर बाद ही सबसे पहला इस्तीफा सीधी से ही आया था. सीधी बीजेपी के पूर्व जिला अध्यक्ष एवं प्रदेश कार्य समिति के सदस्य राजेश मिश्रा ने टिकट बंटवारे में पार्टी द्वारा नजरअंदाज किए जाने पर उन्होंने अपनी प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था.
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