ये है कूनो में हो रही चीतों की मौत की वजह! सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पेश किया हलफनामा

संजय शर्मा

ADVERTISEMENT

cheetah tejas death reason , mp news, madhya pradesh
cheetah tejas death reason , mp news, madhya pradesh
social share
google news

Cheetah News: मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) में चीतों की मौतों को लेकर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं. अब इस मामले में केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्रालय (Ministry of Environment and Forests) और नेशनल टाइगर कन्जर्वेशन अथॉरिटी (NTCA) ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है. इस एफिडेबिट में कूनो में हो रही चीतों (Cheetah) की मौत की साइंटिफिक वजह बताई गई है.

प्रोजेक्ट चीता (Project Tiger) के तहत कुल 20 रेडियो कॉलर्ड जानवरों का साउथ अफ्रीका के नामीबिया से मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के कूनो नेशनल पार्क में लाया गया था. इनमें से नामीबियाई चीता ‘ज्वाला’ ने चार चीतों को जन्म दिया. कुल 24 चीतों में से तीन शावकों समेत 8 चीतों की मौत हो चुकी है. लेकिन हलफनामे में कहा गया है कि ये ज्यादा चिंताजनक नहीं है.

ये है चीतों की मौत का कारण

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में दाखिल हलफनामे में कहा गया है कि चीतों की मौत की वजह प्राकृतिक (Natural) है. इनमें से किसी भी चीते की मौत अप्राकृतिक वजहों से नहीं हुई है. हलफनामे में ये हवाला दिया गया है कि किसी चीते की मौत शिकार, फंसने जहर, करंट लगने या सड़क पर किसी हादसे की वजह से नहीं हुई है. कूनो में किसी भी अनुपयुक्त कारणों की वजह से चीतों की मौत नहीं हुई है. वहीं चीतों की मौत को लेकर एक बड़ा साइंटिफिक कारण भी बताया गया है.

ADVERTISEMENT

चीतों का सर्वाइवल रेट कम

कोर्ट में दाखिल एफिडेविट में बताया गया है कि सामान्य साइंटिफिक अवेयरनेस यह कहता है कि इकोसिस्टम का अभिन्न हिस्सा कहे जाने वाले चीतों, खासकर एडल्ट चीतों में 50 प्रतिशत चीतों का सर्वाइवल रेट काफी कम है. NTCA ने अदालत को बताया कि 15 एडल्ट चीते और भारत (India) में जन्मा एक शावक अभी भी वहां रह रहे हैं.

प्रोजेक्ट चीता पर काम कर रही कमेटी

कोर्ट में दाखिल हलफनामे में मंत्रालय द्वारा सुप्रीम कोर्ट से कहा गया है कि कूनो में रह रहे चीतों पर ध्यान रखा जा रहा है और एहतिहात के तौर पर उनका मेडिकल परीक्षण भी कराया जा रहा है. हलफनामे में कहा गया है कि पांच एडल्ट चीतों और तीन शावकों की कूनो नेशनल पार्क में मौत परेशान करने वाला है, लेकिन यह ज्यादा अनावश्यक रूप से चिंताजनक नहीं है. सुप्रीम कोर्ट में ये जानकारी दी गई है कि वाइल्डलाइफ, वन, सोशल साइंड, इकोलॉजी, पशु विज्ञाऔ और अन्य विभागों की एक स्टेयरिंग कमेटी प्रोजेक्ट चीता पर काम कर रही है और इसे मॉनिटर भी कर रही है.

ADVERTISEMENT

ये भी पढ़ें: मादा चीता से लड़ाई का सदमा, शरीर में संक्रमण, जानें क्या-क्या है ‘तेजस’ की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में?

ADVERTISEMENT

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT