MP सरकार हर दिन हेलीकॉप्टर किराए पर 21 लाख कर रही खर्च, एक घंटे का रेट 5 लाख से ज्यादा
मध्य प्रदेश सरकार का हवाई यात्रा खर्च लगातार बढ़ रहा है और CM मोहन यादव के कार्यकाल में किराए के विमान और हेलीकॉप्टर पर रोजाना लगभग 21 लाख रुपए खर्च हो रहे हैं. सरकारी विमान 2021 से बंद पड़े होने के कारण बढ़ा हुआ यह खर्च अब पिछले सालों की तुलना में 50% से ज्यादा हो चुका है.

मध्य प्रदेश में सरकारी हवाई यात्राओं का खर्च तेजी से बढ़ रहा है. विधानसभा में पेश नए आंकड़े बताते हैं कि मुख्यमंत्री मोहन यादव के कार्यकाल में किराए के विमान और हेलीकॉप्टरों पर हर दिन करीब 21 लाख रुपए खर्च हो रहे हैं. यह जानकारी कांग्रेस विधायकों प्रताप ग्रेवाल और पंकज उपाध्याय के सवालों के जवाब में सामने आई है.
हवाई किराए में 50% से ज्यादा उछाल
विधानसभा में दी गई जानकारी के मुताबिक जनवरी 2021 से नवंबर 2025 तक सरकार ने किराए के विमान पर लगभग 290 करोड़ रुपए खर्च किए. साल 2019 में जहां सालभर का किराया 1.63 करोड़ था, वहीं 2025 में यह आंकड़ा नवंबर तक ही 90 करोड़ रुपए के पास पहुंच गया.
जनवरी 2024 से नवंबर 2025 के बीच हवाई यात्राओं पर कुल 143 करोड़ रुपए खर्च हुए, यानी औसतन 21 लाख रुपए हर रोज. इसके पहले साल 2021 से 2023 के तीन सालों में कुल 147 करोड़ रुपए खर्च हुए थे जिसका औसत लगभग 14 लाख रुपए प्रतिदिन था. यानी मौजूदा कार्यकाल में हवाई खर्च 50 प्रतिशत से भी ज्यादा बढ़ गया.
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सरकार ने कहा कि साल 2023 में किराए की दरें 20-30% बढ़ी थीं. वजह बताई गई कि कोविड के बाद चार्टर्ड प्लेनों की मांग बढ़ी, ईंधन और मेंटेनेंस भी महंगा हुआ और चुनावी दौरे भी किए गए.
सरकारी विमान तीन साल से बंद पड़ा
राज्य सरकार के पास फिलहाल सिर्फ एक हेलीकॉप्टर काम कर रहा है. सरकारी एयरक्राफ्ट मई 2021 में क्रैश के बाद से ग्वालियर एयरपोर्ट पर खराब हालत में खड़ा है न उसकी मरम्मत हुई, न नया विमान खरीदा गया.
यही कारण है कि सरकार को लगातार प्राइवेट कंपनियों से विमान किराए पर लेने पड़ रहे हैं, जिनका दैनिक खर्च लगभग 21 लाख रुपए तक पहुंच गया है.
कांग्रेस ने सरकार पर साधा निशाना
कांग्रेस का कहना है कि यदि सरकार अपने पुराने विमानों की मरम्मत कराती या नए विमान खरीदती, तो हर साल खर्च होने वाले करोड़ों रुपए बचाए जा सकते थे. पार्टी का तर्क है कि यह राशि विकास कार्यों में लगाई जा सकती थी.
MP के विपक्षी दल कांग्रेस का ने तो यहां तक कहा कि सरकार 5 लाख रुपए प्रति घंटे की दर से विमान किराए पर लेकर सैकड़ों करोड़ हवा में उड़ा रही है. उन्होंने 2023 में कोविड का हवाला देकर किराया बढ़ाने को 'हास्यास्पद' बताया.
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