"मैं और पीएम मोदी..", शंघाई में SCO समिट के दौरान एक गाड़ी में बैठने के पीछे की Inside Story, खुद राष्ट्रपति पुतिन ने बताई

राष्ट्रपति पुतिन ने आजतक को दिए इंटरव्यू में भारत-रूस संबंधों, तेल व्यापार, रक्षा सहयोग और यूक्रेन जंग पर खुलकर बात की. उन्होंने पीएम मोदी को भरोसेमंद मित्र बताया और कहा कि भारत की प्रगति चमत्कार जैसी है. पुतिन ने ट्रंप के आरोपों का जवाब देते हुए कई बड़े समझौते जल्द घोषित करने के संकेत दिए.

Putin exclusive interview
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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत यात्रा पर हैं और इस दौरे से पहले उन्होंने मॉस्को के क्रेमलिन में भारतीय मीडिया चैनल आजतक को एक सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू दिया. इंटरव्यू में पुतिन ने भारत-रूस दोस्ती, पीएम मोदी की नेतृत्व क्षमता, वैश्विक परिवर्तन, पश्चिम के दबाव, ट्रंप की नीतियों और यूक्रेन संघर्ष जैसे अहम मुद्दों पर खुलकर बात की.आइए देखते हैं पूरा इंटरव्यू...

मोदी को दोस्त बताकर पुतिन हुए भावुक

पुतिन ने पीएम मोदी को अपना 'दोस्त' बताते हुए कहा कि भारत आज विश्व का सबसे स्थिर और विश्वसनीय साथी है. उन्होंने कहा कि भारत ने आजादी के बाद जिस गति से प्रगति की है, वह किसी चमत्कार से कम नहीं है. पुतिन ने यह भी कहा कि भारत की औसत आयु दोगुनी से ज्यादा बढ़ चुकी है, जो उसकी उपलब्धियों को दिखाता है.

SCO की कार डिप्लोमेसी पर खुलासा

एससीओ बैठक में मोदी-पुतिन की कार यात्रा पर पूछे गए सवाल पर पुतिन ने बताया कि SCO मीटिंग के दौरान वह और पीएम मोदी बिना किसी पूर्व योजना के एक ही कार में बैठे थे. उन्होंने बताया कि हम दोनों बाहर निकले. सामने मुझे मेरी कार दिखाई दी तो मैंने उन्हें साथ चलने को कह दिया. वैसे ही जैसा दोस्तों के बीच होता है, इसमें इससे ज्यादा और कुछ भी नहीं था. कार में सामयिक विषयों पर बातचीत हुई. उन्होंने कहा- "यह दो दोस्तों के बीच एक आम बातचीत की तरह था. हम इतने व्यस्त थे कि बाद में याद आया कि लोग हमारा इंतजार कर रहे होंगे."

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हाई-टेक साझेदारी पर बड़े संकेत

पुतिन ने इंटरव्यू में कहा कि भारत और रूस अब रक्षा से आगे बढ़कर हाई-टेक, स्पेस, न्यूक्लियर, AI, शिपबिल्डिंग और एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरिंग में नई ऊंचाइयों को छूने वाले हैं. कई बड़े समझौते पुतिन की यात्रा के दौरान घोषित किए जाएंगे.

तेल व्यापार पर पश्चिमी दबाव पर जवाब

पुतिन ने कहा कि भारत और रूस का ऊर्जा सहयोग दशकों पुराना और भरोसे पर आधारित है. पश्चिमी देशों का यह आरोप कि भारत सस्ता रूसी तेल खरीदकर बाजार बिगाड़ रहा है. वह पूरी तरह राजनीतिक हथकंडा है. पुतिन ने बताया हमारी एक बड़ी कंपनी ने भारत में एक तेल रिफायनरी का अधिग्रहण किया है, जो सबसे बड़ा निवेश में एक है, यहां 20 बिलियन डॉलर से अधिक का निवेश किया है.  

उन्होंने बताया कि भारत मौजूदा दौर में हमसे सस्ती दरों में तेल खरीदकर यूरोप के बाजारों में बड़े स्तर पर तेल सप्लाई कर रहा है. इसके पीछे हमारे दशकों पुराने संबंध हैं. ये बात अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुत से लोगों को चुभ रही है. इसीलिए वो भारत को नए-नए राजनीतिक हथकंडों से परेशान कर रहे हैं. 

रक्षा साझेदारी पर बड़ी बात

पुतिन ने बताया कि भारत सिर्फ रूसी हथियार खरीदता नहीं, बल्कि रूस के साथ मिलकर टेक्नोलॉजी विकसित भी करता है. इसमें ब्रह्मोस, कलाश्निकोव, टी-90 जैसे प्रोजेक्ट शामिल हैं. एस-400 और एस-500 की डिलीवरी पर उन्होंने संकेत दिया कि भारत को समय पर सप्लाई मिलती रहेगी.

ट्रंप, टैरिफ और यूक्रेन युद्ध पर टिप्पणी

डोनाल्ड ट्रंप के हालिया बयानों पर पुतिन ने कहा कि वे किसी भी नेता पर निजी टिप्पणी नहीं करते. उन्होंने बताया कि अमेरिका खुद रूस से ऊर्जा खरीदता है, अमेरिका में चल रहे न्यूक्लियर पावर प्लांट्स के लिए यूरेनियम भी शामिल है. इसलिए भारत की तेल खरीद पर सवाल उठाना उचित नहीं. इस विषय पर गहन अध्ययन की जरूरत है. हम इसे लेकर राष्ट्रपति ट्रंप से चर्चा के लिए भी तैयार हैं.

टैरिफ नीति पर उन्होंने कहा कि रूस और भारत किसी के दबाव में नहीं आते- "हम सिर्फ अपना साझा हित सुरक्षित रखते हैं."

अमेरिका-रूस बैक-चैनल मीटिंग का खुलासा

जेरेड कुश्नर और स्टीव विटकॉफ के साथ हुई पांच घंटे लंबी बैठक पर पुतिन ने कहा कि यह जरूरी लेकिन जटिल बातचीत थी. यूक्रेन शांति प्रस्ताव के 28 बिंदुओं पर भी गंभीर चर्चा हुई है. हालांकि बाद में इन 28 बिंदुओ को 27 में बदला गया. जो सभी 28 बिंदुओं पर आधारित थे. 

ट्रंप-पुतिन अलास्का मीटिंग पर क्या बोले

अलास्का में ट्रंप से मुलाकात पर पुतिन ने कहा कि उन्हें ट्रंप की शांति स्थापित करने की "ईमानदार इच्छा" महसूस हुई. पुतिन के मुताबिक- "ट्रंप समझते हैं कि इस युद्ध का अंत होना चाहिए और जितनी जल्दी हो सके उतना बेहतर है." लेकिन इसके अलावा भी कुछ विचार हैं राजनीतिक और आर्थिक, दोनों. और मुझे यकीन है कि अमेरिका कोई समाधान खोजने की कोशिश कर रहा है.

आंतकवाद की लड़ाई में भारत रूस के साथ

पहलगाम और दिल्ली पर आंतकी घटना पर विश्व के दोहरे रवैया पर पुतिन ने कहा कि आंतकियों का समर्थन नहीं किया जा सकता है. आंतकवाद के खिलाफ लड़ाई में रूस भारत के साथ है. 

भारत-चीन के मसले पर पुतिन क्या बोले?

चीन और भारत के अपने रिश्ते को कैसे बैलेंस करता है रूस, इसपर पुतिन ने कहा कि भारत और चीन हमारे सबसे करीबी मित्र हैं. पुतिन ने कहा कि मैं ये नहीं समझता कि हमें उनके द्विपक्षीय मामलों में हस्तक्षेप करना चाहिए. मैं जानता हूं कि पीएम मोदी और राष्ट्रपति जिनपिंग जटिल और विवादित मसलों पर किसी नतीजे तक जरूर पहुंचेंगे. दोनों देशों के बीच जो तनाव है उससे दोनों नेता चिंतित हैं. वो समस्या का समाधान भी करना चाहते हैं. प्रयास कर भी रहे हैं. नतीजे पर भी पहुंचेंगे. मैं उन दोनों के लिए बहुत खुश हूं. मैं नहीं समझता कि मुझे हस्तक्षेप करना चाहिए, ये द्विपक्षीय मामले हैं.

पूरा इंटरव्यू देखिए

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