5000 स्क्वायर फीट और हाईटेक टेक्नोलॉजी के साथ सासंदों को मिला 184 फ्लैट्स का तोहफा, PM ने किया उद्घाटन, जानें क्या है खास

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में सांसदों के लिए बनाए गए आधुनिक, पर्यावरण अनुकूल और सुविधासंपन्न 184 टाइप-7 फ्लैट्स का उद्घाटन किया.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार यानी 11 अगस्त को राजधानी दिल्ली के बाबा खरक सिंह मार्ग पर सांसदों (MPs) के लिए बनाए गए 184 नए टाइप-7 बहुमंजिला फ्लैट्स का उद्घाटन किया. अमर उजाला के एक रिपोर्ट के अनुसार यहां का हर फ्लैट 5000 स्क्वायर फीट के क्षेत्रफल में बना हुआ है.

इन फ्लैट्स को खास तौर पर सांसदों के लिए तैयार किया गया है, ताकि उन्हें रहने के लिए बेहतर और सुविधाजनक घर मिल सके. पुराने घरों की जगह अब ये आधुनिक, हरे-भरे और मजबूत फ्लैट्स बनाए गए हैं.

वहीं उद्घाटन के मौके पर प्रधानमंत्री ने परिसर में सिंदूर का पौधा लगाया, फ्लैट्स निर्माण में लगे मजदूरों से बातचीत की और वहां उपस्थित लोगों को भी संबोधित किया.

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इन फ्लैट्स में क्या खास है

  • ये फलैट्स आधुनिक सुविधा से लैस है और सांसदों के आवास व कार्यालय उपयोग के हिसाब से बनाए गए हैं.
  • इस फ्लैट्स को लेकर जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार हर फ्लैट में लगभग 5,000 वर्ग फुट का कारपेट एरिया है, जिसमें अलग-अलग हिस्सों में आवास, स्टाफ क्वार्टर और कार्यालय शामिल हैं.
  • रिपोर्ट्स के अनुसार, सांसदों के लिए बनाया गया ये फ्लैट टाइप-8 बंगलों से भी ज्यादा बड़े और आरामदायक हैं, जो सरकारी आवास की सबसे ऊंची श्रेणी में आते हैं.
  • इसके अलावा परिसर में एक कम्युनिटी सेंटर भी बनाया गया है, जहां सामाजिक और सरकारी कार्यक्रम आयोजित किए जा सकेंगे.

सुरक्षा का भी किया गया है खास इंतजान

  • यह भवन पर्यावरण अनुकूल टेक्नोलॉजी से बना है और इसे GRIHA 3-स्टार रेटिंग मिली है.
  • इमारत की खास बात ये है कि यहां में सौर ऊर्जा, ऊर्जा की बचत करने वाले उपकरण, और बेहतर कचरा प्रबंधन प्रणाली का इस्तेमाल किया गया है.
  • इसके अलावा इसके निर्माण मोनोलिथिक कंक्रीट और एल्यूमीनियम शटरिंग तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, जिससे इसकी मजबूती बढ़ी है.
  • ये फ्लैट्स राष्ट्रीय भवन संहिता 2016 के अनुसार बनाए गए हैं. यहां सुरक्षा का पूरा इंतजान है साथ ही पूरा परिसर दिव्यांगजन अनुकूल (Divyang-friendly) है.

किसे मिलेंगे यहां फ्लैट

साल 1922 में केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के तहत एक विभाग बनाया गया था, जिसका नाम है डायरेक्टरेट ऑफ स्टेट्स. यही विभाग पूरे भारत में केंद्र सरकार की संपत्तियों की देखभाल करता है. मंत्रियों और सांसदों के बंगलों और फ्लैट की देखभाल भी इसी के पास होती है.

इतना ही ये फ्लैट्स किसे मिलेंगे और कौन-कब खाली करेगा इसका जिम्मा भी इसी विभाग का है. वैसे तो सांसदों को आवास मुहैया कराने में इस विभाग के साथ ही लोकसभा और राज्यसभा की आवासीय समिति भी बड़ी भूमिका निभाती है. आवास का आवंटन जनरल पूल रेजिडेंशियल एकोमोडेशन एक्ट के तहत किया जाता है.

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