"मैं रहूं या ना रहूं इसलिए देशवासियों को सच्चाई बताना चाहता हूं" सत्यपाल मलिक का 'आखिरी' क्यों है चर्चा में
पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का दिल्ली के RML अस्पताल में निधन हो गया. इस बीच अब सोशल मीडिया पर आखिरी पोस्ट वायरल हो रहा है.
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जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का 79 वर्ष की आयु में निधन हो गया. बताया जा रहा था कि वे लंबे समय से किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे. मंगलवार को दोपहर करीब 1 बजे में उन्होंने नई दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में अंतिम सांस ली. इधर 7 जून को सोशल मीडिया के एक्स पर किया गया उनका एक पोस्ट काफी चर्चा में है.
इस पोस्ट के जरिए उन्होंने "अंतिम समय आ गया है" का अंदेशा जता दिया था. साथ ही उन्होंने प्राण वायु निकलने से पहले देशवासियों को "सच्चाई" बताई है. माना जा रहा है कि सत्यपाल मलिक का ये आखिरी पोस्ट है. उनके सोशल मीडिया हैंडल पर नजर डाले तो इस पाेस्ट के बाद के सारे पाेस्ट किसी तीमारदार द्वारा किए हुए लगते हैं.
पोस्ट में क्या है?
सत्यपाल मलिक ने X पर कि पोस्ट करते हुए कहा- मैं पिछले लगभग एक महीने के करीब से हस्पताल में भर्ती हूं और किड़नी की समस्या से जूझ रहा हूं.
परसों सुबह से मैं ठीक था लेकिन आज फिर से मुझे ICU में शिफ्ट करना पड़ा. मेरी हालत बहुत गंभीर होती जा रही है. मैं रहूं या ना रहूं इसलिए अपने देशवासियों को सच्चाई बताना चाहता हूं.
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मुझे रिश्वत ऑफर की गई- मलिक
सत्यपाल मलिक ने बताया कि जब वे राज्यपाल थे तब उन्हें रिश्वत ऑफर की गई थी. उन्होंने कहा- मुझे 150-150 करोड़ रूपए की रिश्वत की पेशकश भी हुई परंतु में मेरे राजनीतिक गुरु किसान मसीहा स्वर्गीय चौधरी चरणसिंह जी की तरह ईमानदारी से काम करता रहा ओर मेरा ईमान वो कभी डिगा नहीं सकें.
किसानों की मांगों को उठाया- सत्यपाल मलिक
सत्यपाल मलिक ने कहा, जब मैं गवर्नर था उस समय किसान आंदोलन भी चल रहा था, मैंने बग़ैर राजनीतिक लोभ लालच के पद पर रहते हुए किसानों की मांग को उठाया. उन्होंने बताया कि फिर महिला पहलवानों के आंदोलन में जंतर-मंतर से लेकर इंडिया गेट तक उनकी हर लड़ाई में उनके साथ रहा.
पुलवामा हमले पर सत्यपाल मलिक ने बताई ये बात
उन्होंने बताया कि पुलवामा हमले में शहीद वीर जवानों के मामले को उठाया, जिसकी आज तक इस सरकार ने कोई जांच नहीं करवाई है. इसके बाद उन्होंने आगे लिखा, सरकार मुझे CBI का डर दिखाकर झूठे चार्जशीट में फंसाने के बहाने ढूंढ रही है. जिस मामले में मुझे फंसाना चाहते हैं उस टेंडर को मैंने खुद निरस्त किया था, मैंने खुद प्रधानमंत्री जी को बताया था इस मामले में करप्शन है और उन्हें बताने के बाद में मैंने खुद उस टेंडर को कैंसिल किया, मेरा तबादला होने के बाद में किसी अन्य के हस्ताक्षर से यह टेंडर हुआ.
मैं डरने वाला नहीं हूं- मलिक
इसके आगे सत्यपाल मलिक ने कहा कि सरकार को और सरकारी एजेंसियों को बताना चाहता हूं कि मैं किसान कौम से हूं, मैं ना तो डरने वाला हूं ओर ना ही झूकने वाला हूं. सरकार ने मुझे बदनाम करने में पुरी ताकत लगा दी, अंत में मेरा सरकार से ओर सरकारी एजेंसियों से अनुरोध है कि मेरे प्यारे देश की जनता को सच्चाई जरूर बताना कि आपको छानबीन में मेरे पास मिला क्या?
आज भी मैं कर्ज में हूं- सत्यपाल मलिक
हालांकि सच्चाई तो यह है कि 50 साल से अधिक लंबे राजनीतिक जीवन में बहुत बड़े-बड़े पदों पर देशसेवा करने का मौका मिलने के बाद आज़ भी मैं एक कमरे के मकान में रह रहा हूं ओर कर्ज में भी हूं. अगर आज मेरे पास धन दौलत होती तो मैं प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज करवाता हूं.
यहां देखें वायरल पोस्ट
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