हुमायूं कबीर पर बाबरी मस्जिद के नाम पर हुई करोड़ों की बारिश, जानें क्या है पूरा मामला!
हुमायूं कबीर ने मुर्शिदाबाद में 300 करोड़ की लागत वाली बाबरी जैसी मस्जिद की नींव रखकर बंगाल की राजनीति में हलचल मचा दी है, जहां देश-विदेश से आ रहा चंदा विवाद का बड़ा कारण बना है. चुनाव से पहले AIMIM गठबंधन के दावे, बीजेपी की साजिश के आरोप और टीएमसी से बगावत ने उन्हें चर्चा के केंद्र में ला दिया है, जिससे बंगाल की सियासत पूरी तरह गरमा गई है.

पश्चिम बंगाल की राजनीति इन दिनों एक ही नाम पर अटकी है और वो नाम है हुमायूं कबीर. कभी ममता बनर्जी के करीबी रहे और फिर तीन बार पार्टी से निकाले गए रेजीनगर के विधायक हुमायूं कबीर अब बाबरी जैसी मस्जिद बनाने के ऐलान से सुर्खियों में हैं.
हुमायूं कबीर को बाबरी जैसी मस्जिद बनानी थी. 6 दिसंबर को एलान के मुताबिक उन्होंने मुर्शिदाबाद के बेलडांगा में मस्जिद की नींव रख दी. पुलिस-प्रशासन ने रोका नहीं.
कबीर ने 300 करोड़ की लागत से मस्जिद बनाने की घोषणा की है. चंदे से मस्जिद बनाने जा रहे हुमायूं कबीर ने कुछ दिन में करोड़ों रुपये जुटा लिए. हुमायूं ने प्रस्तावित मस्जिद की जगह पर 11 दान पेटियां लगाई थीं. हुमायूं कबीर की ओर से 3 से 3.5 करोड़ रुपये इकट्ठा होने का दावा किया गया है.
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बारकोड से मिल रहा चंदा
बाबरी जैसी मस्जिद बनाने के लिए.बार कोड से ऑनलाइन चंदा भी मिला है ये रकम आने वाले दिनों में और बढ़ सकती है क्योंकि दान पेटी खुली है और चंदा लिया और दिया जा रहा है. हुमायूं कबीर को बाबरी मस्जिद बनाने के लिए पैसे देश से नहीं, विदेशों से भी मिल रहे हैं. इसकी पुष्टि एसबीआई के नोटिस से हुई है.
एसबीआई ने हुमायूं कबीर से जवाब मांगा है क्योंकि विदेशों से आ रहा चंदा एसबीआइ की सीमा पार कर गया है. हुमायूं कबीर बंगाल चुनाव से पहले सबसे ज्यादा वायरल नेता बन गए हैं. ममता बनर्जी के साथ लंबे समय तक रहे. पहले भी तीन बार निकाले गए. जैसे ही पार्टी ने निकाला उन्होंने 22 दिसंबर को नई पार्टी बनाकर 135 सीटों पर लड़ने का एलान कर दिया.
खुद को बता रहे बंगाल के ओवैसी
दावा कर रहे हैं कि वो बंगाल के औवैसी हैं. बंगाल में असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM के साथ अलायंस का दावा कर रहे हैं कबीर. दावा ये है कि अगला चुनाव ममता बनर्जी हार जाएंगी. बीजेपी भी नहीं जीत पाएगी. किसी को 148 का बहुमत नहीं मिलेगा. जो 27 परसेंट मुसलमान वोट ममता की पार्टी को मिलते थे वो नहीं मिलेंगे. किंगमेकर, गेमचेंजर वो खुद बनेंगे. उनके समर्थन के बिना किसी की सरकार नहीं बनेगी. चाहे कोई भी मुख्यमंत्री बने, उसे सत्ता में आने के लिए हुमायूं कबीर का समर्थन लेना ही पड़ेगा.'
बिहार चुनाव में फिर से 5 सीटे जीतने के बाद असद्दुद्दीन औवैसी भी बंगाल चुनाव में उतरने वाले हैं. एक अलायंस की भी तैयारी है लेकिन हुमायूं कबीर के दावे से उलट उन्होंने अलायंस में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है. असीम वकार ने कहा कि हुमायूं कबीर राजनीतिक रूप से संदिग्ध हैं, उनके विचार मेल नहीं खाते. पार्टी नेता ने कहा कि हुमायूं कबीर बीजेपी के प्लांट किए गए नेता लगते हैं. ये सब बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी के इशारे पर कर रहे हैं.
अचानक मस्जिद बनाने के बात क्यों
बंगाल में हुमायूं कबीर को लेकर ये चर्चा तो है कि अचानक से पहले क्यों मस्जिद बनाने की बात होने लगी. मस्जिद बनाने की बात सीधे हिंदुओ को चुभ सकती है. कबीर के पीछे बीजेपी की साजिश ये मानी जा रही है कि कबीर जितना मस्जिद-मस्जिद करेंगे, ममता को लेकर हि्ंदुओं में बैचेनी होगी.
शायद इसी साजिश की भनक लगने पर ममता ने अपने एक मुसलमान विधायक को चुनाव से पहले निकाल बाहर किया. 2019 में सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या में मंदिर-मस्जिद विवाद का फैसला सुना दिया. भव्य राम मंदिर बन गया. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक अयोध्या में बाबरी मस्जिद बनाने के लिए 5 एकड़ जमीन दी गई.
उस पर तो कोई काम नहीं हुआ लेकिन पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में बाबरी जैसी मस्जिद बना रहे हैं हुमायूं कबीर. ये सब हो रहा है बंगाल में चुनाव से पहले. मस्जिद बनवाने के लिए ममता बनर्जी के खिलाफ बगावत पर उतर आए उनके विधायक हुमायूं कबीर.
प्रो मुस्लिम पॉलिटिक्स के लिए जानी जाती है ममता
ममता बनर्जी प्रो मुस्लिम पॉलिटिक्स के लिए जानी जाती हैं. कबीर की मस्जिद से नाराज होकर पार्टी से निकाल दिया तो अब बहुत सारी बातें हो रही हैं. हुमायूं कबीर के इतने वायरल से बिना वजह वायरल हो गए हैं एक और हुमायूं कबीर. तृणमूल से सस्पेंड हुमायूं कबीर रेजीनगर के विधायक हैं. तृणमूल में एक और हुमायूं कबीर है जो आईपीएस रह चुके हैं. पूर्व आईपीएस हुमायूं भी विधायक हैं देबरा सीट से. जब से हुमायूं कबीर ने मस्जिद बनाने की मुहिम छेड़ी है, पूर्व आईपीएस हुमायूं कबीर का चैन खत्म हो गया है. उनके फोन लगातार बज रहे हैं. लोग मस्जिद मुहिम के लिए समर्थन दे रहे हैं. चंदा देने के लिए बार कोड मांग रहे हैं.
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