DK Shivakumar: डीके शिवकुमार की 15 साल में 18 गुना बढ़ गई प्रॉपर्टी, देश के अमीर विधायकों में हैं नंबर 2

कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार देश के सबसे अमीर विधायकों में दूसरे नंबर पर हैं. 2008 से 2023 के बीच उनकी संपत्ति 1,413 करोड़ रुपये से अधिक पहुंच गई. राजनीति में डीके की कैसे हुई एंट्री...जानिए.

Dk Shivkumar
Dk Shivkumar (File Photo)
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कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार इन दिनों चर्चा में हैं. खबरें कुछ इस तरह की आ रही थीं कि उन्हें कर्नाटक का सीएम बनाया जा सकता है, हालांकि अब तक ऐसा कुछ हुआ नहीं. जब डीके की चर्चा हो रही है तो उनकी संपत्ति का भी जिक्र हो रहा है. क्या आप जानते हैं डीके शिवकुमार देश के सबसे अमीर विधायकों की लिस्ट में नंबर दो पर हैं. 2008 से 2023 के बीच उनकी संपत्ति इस रफ्तार से बढ़ी है, जिसका ग्राफ देखकर आप भी हैरान रह जाएंगे. 

2023 विधानसभा चुनाव के एफिडेविट के मुताबिक डीके शिवकुमार की कुल संपत्ति 1,413 करोड़ रुपये से ज्यादा है. इसमें 1,140 करोड़ की चल और 273 करोड़ की अचल संपत्ति शामिल है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानी एडीआर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में डी.के. शिवकुमार देश के सबसे अमीर विधायकों की लिस्ट में दूसरे नंबर के अमीर विधायक थे, जबकि महाराष्ट्र के बीजेपी विधायक पराग शाह करीब 3,400 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ पहले नंबर पर काबिज हैं. 

15 सालों में 18 गुना बढ़ गई संपत्ति

डीके की संपत्ति में पिछले 15 सालों में लगभग 18 गुना बढ़ोतरी हुई है. साल 2008 में उनकी कुल संपत्ति 75 करोड़ रुपये थी, जो 2013 में बढ़कर 251 करोड़ रुपये और 2018 में 840 करोड़ रुपये पहुंच गई. इसके बाद 2023 में डीके शिवकुमार 1,413 करोड़ रुपये के पार पहुंच गए. हालांकि इसमें उन्होंने 503 करोड़ रुपये का कर्ज लिया है. 2018 के बाद डीके की संपत्ति में काफी तेजी से उछाल देखा गया. 

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डीके पर वित्तीय मामलों को लेकर भ्रष्टाचार और टैक्स चोरी के आरोप भी लग चुके हैं. 2019 में ईडी ने इन्हें गिरफ्तार भी किया था. नोटबंदी के बाद डीके शिवकुमार इनकम टैक्स और ईडी के रडार पर थे. अगस्त 2017 को ईडी ने डीके शिवकुमार के घर और ऑफिसों में रेड डाली थी. जिसके बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था. लेकिन 2020 में कोर्ट से क्लीन चिट मिल गई थी. 

डीके शिवकुमार का सियासी सफर

शिवकुमार के सियासी सफर की बात करें तो डीके शिवकुमार ने राजनीति की शुरुआत कुमारस्वामी के पिता HD देवेगौड़ा के खिलाफ चुनाव लड़कर की थी. 1985 के विधानसभा चुनाव में वोक्कालिगा समुदाय के सबसे बड़े चेहरे एचडी देवेगौड़ा को डीके शिवकुमार ने साथनूर सीट से चुनौती दी थी. लेकिन शिवकुमार वो चुनाव 15,803 वोट के मार्जिन से हार गए.

इसके बाद साल 1989 में मैसूर जिले की साथनूर विधानसभा सीट से पहली बार चुनाव जीतकर डीके विधानसभा पहुंचे. तब डीके सिर्फ 27 साल के थे. इसके बाद उन्होंने 1994, 1999 और 2004 में इसी सीट से लगातार जीत हासिल की. 2008 से वह कनकपुरा सीट से लगातार विजयी हैं. 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जबरदस्त के बाद डीके को डिप्टी सीएम बनाया गया.

वोकालिग्गा समुदाय से आते हैं शिवकुमार

वोकालिग्गा समुदाय से आने वाले डीके शिवकुमार कर्नाटक में कांग्रेस के चाणक्य माने जाते हैं. उन्हें चुनाव प्रबंधन में माहिर माना जाता है. वो पार्टी को हर संकट से उबारने का माद्दा रखते हैं. फंड जुटाने से लेकर वो सभा रैलियों में भीड़ जुटाने का काम करते हैं. कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस की सरकार बचाने के लिए डीके शिवकुमार ने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया था.

सरकार को बचाने में लगे डीके शिवकुमार के बारे में येदियुरप्पा ने कहा था कि जनता शिवकुमार की हरकतों के बारे में जानती है. वो इस तरह के मामले संभालने में माहिर हैं. डीके शिवकुमार को रिजॉर्ट पॉलिटिक्स का जनक कहा जाता है. उन्हें मुश्किल वक्त में सरकार बचाने का जिम्मा सौंपा जाता है. हालांकि वो कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस की गठबंधन सरकार बचा नहीं पाए.

गुजरात राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के दिग्गज नेता अहमद पटेल को जिताने में डीके शिवकुमार का अहम रोल रहा है. इस जीत में डीके शिवकुमार की काफी चर्चा रही थी. इसी के बाद वो कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के करीब आ गए. डीके शिवकुमार कांग्रेस-जेडीएस की पिछली गठबंधन सरकार में सिंचाई मंत्री थे. उसके पहले सिद्धारमैया की सरकार में उन्होंने ऊर्जामंत्री का पद संभाला था. 

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