मोदी सरकार को ब्लैकमेल कर रहीं माधबी बुच? राहुल गांधी-पवन खेड़ा ने की गजब की इन्वेस्टिगेशन

Rahul Gandhi Video: माधबी बुच दूसरी बार PAC के समन से बचीं, तो कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रवक्ता पवन खेड़ा ने एक वीडियो में इस मुद्दे को उठाया. वीडियो में पवन खेड़ा रिसर्च के आधार पर अदाणी, सेबी, और माधबी बुच से जुड़े पेपर खंगालते हुए दिखाई दिए.

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Rahul Gandhi Video: अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने अदाणी समूह पर गंभीर आरोप लगाए, जिसका असर सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच के करियर पर भी पड़ा है. अदाणी पर शेयरों में हेराफेरी के आरोपों से अदाणी का तो ज्यादा नुकसान नहीं हुआ, लेकिन सेबी की प्रमुख माधबी पुरी बुच पर अब भ्रष्टाचार और धांधली के आरोप लगाए जा रहे हैं. अपने रिटायरमेंट से पहले माधबी बुच पर आरोपों का बवंडर मंडरा रहा है.

केसी वेणुगोपाल के समन से बढ़ा दबाव

2024 के लोकसभा चुनाव के बाद संसद की पब्लिक अकाउंट्स कमेटी (PAC) की चेयरमैनशिप कांग्रेस के नेता केसी वेणुगोपाल को मिली. उन्होंने अपनी नई भूमिका में माधबी बुच को दो बार समन किया, लेकिन दोनों बार वे पेश नहीं हुईं. इसके बाद केसी वेणुगोपाल ने उन्हें पेशी से माफी देने से इनकार कर दिया. अब सवाल उठता है कि क्या माधबी बुच PAC की जांच से बच पाएंगी या फिर उन्हें आगे और मुश्किलें झेलनी पड़ेंगी.

राहुल गांधी ने लगाए बड़े आरोप

जब माधबी बुच दूसरी बार PAC के समन से बचीं, तो कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रवक्ता पवन खेड़ा ने एक वीडियो में इस मुद्दे को उठाया. वीडियो में पवन खेड़ा रिसर्च के आधार पर अदाणी, सेबी, और माधबी बुच से जुड़े पेपर खंगालते हुए दिखाई दिए. वीडियो के जरिए उन्होंने आरोप लगाया कि ‘अदाणी बचाओ सिंडिकेट’ एक्टिव है और ये सिंडिकेट अदाणी की कंपनियों और सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच की सुरक्षा में लगा है. राहुल गांधी ने यह भी सवाल किया कि सेबी की चेयरपर्सन किस तरह अदाणी की कंपनियों का पक्ष ले रही हैं.

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माधबी पुरी बुच पर नए आरोपों की झड़ी

राहुल गांधी और पवन खेड़ा के वीडियो में यह भी दावा किया गया कि माधबी पुरी बुच सरकार और प्रधानमंत्री को ब्लैकमेल कर रही हैं. हालांकि, राहुल गांधी ने सीधे तौर पर किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उन्होंने इशारों में बताया कि कॉरपोरेट जगत में चर्चा है कि माधबी बुच शीर्ष स्तर के लोगों को अपने पक्ष में रख रही हैं. उनका कहना है कि बुच पर यह आरोप भी है कि वह अदाणी को निजी लाभ पहुंचाने के लिए अपने पद का उपयोग कर रही हैं. इसके साथ ही यह भी सवाल उठाया गया कि बुच का नाम उन कंपनियों में क्यों आया, जिन्हें Startup India के तहत करोड़ों रुपए मिले.

रिटायरमेंट की तैयारी या नई मुश्किलें?

माधबी पुरी बुच का कार्यकाल फरवरी में समाप्त होने वाला है. संभावना है कि उन्हें एक्सटेंशन नहीं मिलेगा. हालांकि, कांग्रेस ने इस मुद्दे को लगातार उठाकर सेबी, अदाणी और माधबी बुच पर दबाव बनाए रखा है. राहुल गांधी के अनुसार, सरकार पर दबाव न डाला गया तो कांग्रेस इस मामले की अपनी जांच जारी रखेगी. ऐसे में माधबी बुच के लिए फरवरी तक का कार्यकाल भी चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है.

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