दिल्ली में AAP ने कांग्रेस को दिया एक सीट का ऑफर, 6 पर खुद लड़ने की तैयारी, क्या बनेगी बात?

अभिषेक

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INDIA Alliance: आम आदमी पार्टी(आप) ने साफ कर दिया है कि आगामी लोकसभा चुनाव के लिए इंडिया गठबंधन के तहत वह कांग्रेस को 7 में से सिर्फ एक सीट देगी. अभी कांग्रेस की तरफ से इस ऑफर को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन जाहिर तौर पर मामला दिल्ली में फंसता नजर आ रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि इससे पहले सूत्रों के हवाले से जानकारियां आ रही थीं कि दिल्ली में कांग्रेस को 3 सीटें ऑफर हो सकती हैं. पर अब AAP ने सब साफ कर दिया है. साथ ही, कांग्रेस को अल्टिमेटम भी दे गिया है कि अगर इस ऑफर पर जल्द फैसला नहीं हुआ, तो केजरीवाल कुछ दिनों में अपने कैंडिडेट्स का ऐलान कर देंगे. आपको बता दें कि, AAP और कांग्रेस दोनों विपक्षी गठबंधन INDIA में साथ है.

पिछले दिनों पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पंजाब सीएम भगवंत मान ने ऐलान किया था कि, उनकी पार्टी का इन दोनों राज्यों में कांग्रेस से गठबंधन नहीं होगा. अब दिल्ली से ऐसी खबर आ रही है, जो INDIA गठबंधन की सेहत के लिए ठीक नजर नहीं आ रही.

कांग्रेस को एक सीट का ऑफर देने के पीछे की लॉजिक

AAP ने कहा है कि दिल्ली में कांग्रेस पार्टी की लोकसभा और विधानसभा में शून्य सीट है. वहीं दिल्ली नगर निगम(एमसीडी) चुनाव में 250 सीटों में से कांग्रेस की सिर्फ 9 सीटें है. अगर कांग्रेस के इस प्रदर्शन को मेरिट के आधार पर देखें, तो लोकसभा में कांग्रेस पार्टी की एक भी सीट नहीं बनती है. AAP के मुताबिक इसके बावजूद पार्टी का मानना है कि सिर्फ डाटा इंपॉर्टेंट नहीं है. गठबंधन का धर्म और मान रखते हुए कांग्रेस पार्टी को लोकसभा चुनाव के लिए एक सीट ऑफर की है. AAP का कहना है कि, हमारा यह प्रस्ताव है कि, कांग्रेस पार्टी एक सीट पर तो वहीं AAP 6 सीट पर चुनाव लड़े. उन्होंने यहां तक कहा कि, अगर इसपर कोई निष्कर्ष नहीं निकलता है. तो अगले कुछ दिनों में आम आदमी पार्टी अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर देगी.

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ममता पहले ही दे चुकी हैं टेंशन!

ममता बनर्जी भी कांग्रेस से कह चुकी हैं कि, उसे देश में अकेले दम पर 300 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा था कि, जिन क्षेत्रों में क्षेत्रीय दल मजबूत हैं वहां किसी भी प्रकार के हस्तक्षेप से बचना चाहिए. ममता ने पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को 2019 चुनाव के आधार पर दो लोकसभा सीटें बहरामपुर और मालदा दक्षिण देने को तैयार थी. वो किसी तीसरी सीट पर भी विचार करने को तैयार थीं, लेकिन कांग्रेस ने जैसे ही 10-12 सीटें मांगीं, उन्होंने कांग्रेस को नमस्ते बोल दिया और अकेले 42 सीटें लड़ने का ऐलान कर दिया. हालांकि उन्होंने INDIA अलायंस में बने रहने की बात कही थी.

हाल के दिनों में कांग्रेस नेतृत्व में बने INDIA अलायंस को एक के बाद एक कई झटके लगे हैं. पहले ममता बनर्जी ने अकेले लड़ने का ऐलान किया, फिर बिहार के मुख्यमंत्री और INDIA अलायंस के सूत्रधार नीतीश कुमार ने अलायंस को बाय-बाय बोल दिया और बीजेपी के साथ चले गए. उत्तर प्रदेश मे RLD के जयंत भी बीजेपी के साथ चले गए. ऐसे में सीट शेयरिंग को लेकर खड़े होते मौजूदा संकट INDIA गठबंधन की पोजिशन को और कमजोर बना रहे हैं.

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