आरक्षण पर बवाल बढ़ा तो महाराष्ट्र के कुछ इलाकों में इंटरनेट सस्पेंड! क्या इंटरनेट बंदी सबसे बड़ा हथियार?

अभिषेक

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Internet Shutdown: महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर प्रदर्शन विकराल होता जा रहा है. इस बीच हिंसा, झड़प और आगजनी के ढेरों मामले सामने आए हैं. प्रशासन ने बीड, धाराशिव और जालना में एहतियातन इंटरनेट बंद कर दिया है. देश के अलग-अलग हिस्सों से अक्सर इंटरनेट बंद किए जाने की खबरें सामने आती रहती हैं. भारत में इंटरनेट शटडाउन करने की घटनाओं में तेजी पर अक्सर सवाल उठते हैं. सूचना और अभिव्यक्ति की आजादी के समर्थक इंटरनेट बंद करने को लेकर सरकार की आलोचना करते हैं.

हाल के कुछ वर्षों से भारत में इंटरनेट बंद की प्रथा सी चल पड़ी है. देश में अब कहीं भी किसी प्रकार की हिंसा भड़क रही वहां तत्काल इंटरनेट बंद कर दिया जा रहा है. जम्मू-कश्मीर से शुरू हुआ इंटरनेट बंद का यह सिलसिला अब पूरे देश में फैल गया है. हिंसा से प्रभावित राज्य मणिपुर में हर हफ्ते इंटरनेट बंद की समयावधि को बढ़ाया जा रहा है, प्रदेश में 3 मई को हुई हिंसा के बाद से कमोबेश मोबाइल इंटरनेट बंद ही है.

बीते 27 अक्टूबर को बिहार के छपरा में मूर्ति विसर्जन के दौरान हिंसा भड़की थी. जवाब में प्रशासन ने दो दिनों के लिए इंटरनेट बंद कर दिया. इसी तरह हरियाणा के नूह में भी सांप्रदायिक हिंसा होने पर इंटरनेट बंद किया गया था.

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ऐसे हाल तब हैं जब सुप्रीम कोर्ट अनुराधा भसीन VS यूनियन ऑफ़ इंडिया मामले में फैसला देते हुए मान चुका है कि इंटरनेट के जरिए सूचना हासिल करना मौलिक अधिकार है. सॉफ्टवेयर फ्रीडम लॉ सेंटर (SFLC) नाम के ऑर्गनाइजेशन ने भारत में इंटरनेट शटडाउन को ट्रैक किया है. SFLC Internet Shutdown Tracker के अनुसार 2012 से लेकर अबतक भारत में 770 बार इंटरनेट शटडाउन हुआ है. सर्वाधिक जम्मू-कश्मीर में 424 बार हुआ है.

SFLC के डेटा के मुताबिक साल 2012 में सिर्फ 3 बार इंटरनेट शटडाउन हुआ, वहीं 2023 में अबतक 78 बार हो चुका है. इंटरनेट शटडाउन के साल दर साल का ये है पूरा आंकड़ा-

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(Source: SFLC Internet Shutdown Tracker)

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