राहुल गांधी ने जाति जनगणना पर पूछे सवाल, जवाब मिलते ही मोदी सरकार पर बोला जोरदार हमला
राहुल गांधी ने संसद में जाति जनगणना को लेकर पूछे गए अपने सवालों के बाद मिले जवाब को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया है. गृह मंत्रालय द्वारा जनगणना 2026–27 की समयसीमा बताने के बावजूद, राहुल गांधी ने इसे “बहुजनों के साथ खुला विश्वासघात” कहा. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के पास न कोई ठोस योजना है, न संसद में चर्चा का इरादा, न ही जनता से संवाद की इच्छा.

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को एक पोस्ट के जरिए केंद्र सरकार पर हमला बोला. दरअसल, राहुल गांधी ने संसद में जाति जनगणना को लेकर पूछे गए एक सवाल के बाद मिले जवाब के बाद सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की ये जाति जनगणना देश के बहुजनों के साथ खुला विश्वासघात है.
पोस्ट में क्या लिखा?
राहुल गांधी ने अपने एक्स अकाउंट पर एक लेटर की फोटो पोस्ट की. इसमें उन्होंने गृह मंत्री से जो सवाल पूछे थे ये उन्हीं के जवाब थे. उन्होंने लिखा, "संसद में मैंने सरकार से जाति जनगणना पर सवाल पूछा -उनका जवाब चौंकाने वाला है. न ठोस रूपरेखा, न समयबद्ध योजना, न संसद में चर्चा, और न ही जनता से संवाद. दूसरे राज्यों की सफल जाति जनगणनाओं की रणनीति से सीखने की कोई इच्छा भी नहीं."
सवाल और उनके जवाब
राहुल गांधी ने जो लेटर शेयर किया उसमें उन्होंने गृह मंत्री से तीन सवाल गए थे पूछे. इन सवालों के जवाब गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लिखित रूप में दिए.
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सवाल: (क) दशकीय जनगणना की तैयारी के लिए प्रमुख प्रक्रमात्मक कदमों का ब्यौरा और संभावित समयसीमा क्या है, जिसमें प्रश्नों की तैयारी, कार्यक्रम निर्धारण करना शामिल है;
जवाब : जनगणना 2027 दो चरणों में की जाएगी, अर्थात चरण I- मकान सूचीकरण तथा मकानों की गणना, जो अप्रैल से सितंबर 2026 में 30 दिनों की अवधि में राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारों की सुविधानुसार की जाएगी. इसके बाद चरण II- जनसंख्या गणना (PE) होगी. जनसंख्या गणना, फरवरी 2027 के दौरान होगी, जिसकी संदर्भ तिथि 1 मार्च, 2027 को 00:00 मानी जाएगी, सिवाय संघ राज्यक्षेत्र लद्दाख और संघ राज्यक्षेत्र जम्मू-कश्मीर तथा हिमाचल प्रदेश एवं उत्तराखंड राज्यों के हिमाच्छादित असमाकालिक क्षेत्रों में, जहां जनसंख्या गणना, सितंबर 2026 के दौरान होगी जिसकी संदर्भ तिथि अक्तूबर, 2026 के पहले दिन के 00:00 बजे होगी.
सवाल: (ख). क्या सरकार का जनगणना के सवालों का प्रारूप प्रकाशित करने और इन सवालों पर जनता या जनप्रतिनिधियों से इनपुट लेने का कोई प्रस्ताव है;
जवाब : जनगणना प्रश्नावली को प्रत्येक जनगणना से पहले विभिन्न मंत्रालयों, विभागों, संगठनों और जनगणना डाटा उपयोगकर्ताओं आदि से प्राप्त सुझावों/इनपुट के आधार पर अंतिम रूप दिया जाता है. प्रारूपित जनगणना प्रश्नावली को अंतिम रूप देने से पहले उनकी व्यवहार्यता का मूल्यांकन करने के लिए क्षेत्र में पूर्व-परीक्षण किया जाता है. जनगणना नियम, 1990 के नियम 6 के अनुसार, जनगणना प्रश्नावली केंद्र सरकार की तरफ से अधिनियम की धारा 8 की उपधारा (1) के तहत अधिकृत राजपत्र के माध्यम से अधिसूचित
की जाती है.
सवाल: (ग). क्या सरकार अलग-अलग राज्यों में किए गए जाति सर्वेक्षण समेत पिछले अनुभवों पर विचार कर रही है और यदि हां, तो तदंसत्बधी ब्यौरा क्या है?
जवाब : (ग). जनगणना का 150 वर्षों से अधिक का इतिहास है. अगली जनगणना के लिए पिछली जनगणनाओं से प्राप्त अनुभवों को ध्यान में रखा जाता है. प्रत्येक जनगणना से पहले संबंधित हितधारकों से भी सुझाव लिए जाते हैं.
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