कश्मीर की समस्या के लिए पंडित नेहरू को दोषी ठहराना गलत- डॉ.सीपी जोशी 

Umesh Mishra

Dholpur News: धौलपुर जिले के रीको एरिया में राजाखेड़ा विधायक रोहित गौरव की ओर से आयोजित किए गए होली मिलन समारोह में शिरकत करने पहुंचे विधानसभा अध्यक्ष डॉ.सीपी जोशी ने पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को भारत देश का निर्माण करने के साथ आधारशिला रखने का श्रेय दिया. उन्होंने कहा कि कश्मीर की समस्या के […]

ADVERTISEMENT

कश्मीर की समस्या के लिए पंडित नेहरू को दोषी ठहराना गलत- डॉ.सीपी जोशी 
कश्मीर की समस्या के लिए पंडित नेहरू को दोषी ठहराना गलत- डॉ.सीपी जोशी 
social share
google news

Dholpur News: धौलपुर जिले के रीको एरिया में राजाखेड़ा विधायक रोहित गौरव की ओर से आयोजित किए गए होली मिलन समारोह में शिरकत करने पहुंचे विधानसभा अध्यक्ष डॉ.सीपी जोशी ने पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को भारत देश का निर्माण करने के साथ आधारशिला रखने का श्रेय दिया. उन्होंने कहा कि कश्मीर की समस्या के लिए पंडित जवाहरलाल नेहरू को दोषी ठहराना गलत है. लोग कहते हैं कि सरदार पटेल होते तो कश्मीर की समस्या पैदा नहीं होती.

डॉ. जोशी ने आगे कहा- आजकल फेसबुक और सोशल मीडिया पर कश्मीर की समस्या का जिम्मेदार पंडित जवाहरलाल नेहरू को ठहराया जाता है, लेकिन युवा पीढ़ी को मालूम नहीं कि सरदार पटेल की मृत्यु 1950 में हो गई थी. देश का पहला संसदीय चुनाव 1952 में हुआ था. 1952 के बाद इस देश के निर्माण की कल्पना पंडित जवाहरलाल नेहरू ने की थी. तत्कालीन समय में देश में शिक्षा का अभाव था. विधि की व्यवस्था नहीं थी. विश्व के लोग सोचते थे कि भारत देश में अनेक भगवान,धर्म और संप्रदाय को मानने वाले लोग कैसे भारत का निर्माण करेंगे.

प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की दूरगामी सोच से भारत देश को नया आयाम मिला. विज्ञान से लेकर हर क्षेत्र में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने ही आधारशिला रखी थी. इसके साथ ही पंडित जवाहरलाल नेहरू को आईआईटी की स्थापना का भी श्रेय जाता है. पंडित जवाहरलाल नेहरू ने नीति के आधार पर भारत देश को आगे बढ़ाया था.

यह भी पढ़ें...

विधानसभा अध्यक्ष डॉ.जोशी ने कहा कि स्वतंत्र लोकतंत्र में संसदीय प्रणाली से ही देश का चौमुखी विकास होता है. आजादी के बाद संसदीय लोकतंत्र तो अपना लिया, लेकिन समाज अशिक्षित रहा. जब संसदीय व्यवस्था जिम्मेदारी से निर्वहन नहीं होती है, तब पार्टियां जाति,धर्म के नाम पर राजनीति करती हैं.

विधानसभा अध्यक्ष डॉ.सीपी जोशी ने जनसमूह को सम्बोधित करते हुए कहा कि 1980 में वे पहली बार विधायक बने थे. विधानसभा में पहुंचने पर राजस्थान वित्त आयोग के अध्यक्ष प्रद्युम्न सिंह के अनुभव का लाभ मिला था. 43 साल के राजनीतिक कॅरियर में प्रद्युम्न सिंह के अनुभव का लाभ मिला है.

यह भी पढ़ें: कांग्रेस विधायक मदन प्रजापत को फिर से होना चाहिए नंगे पैर, जानिए सतीश पूनिया ने ऐसा क्यों कहा?

    follow on google news
    follow on whatsapp