हनुमान बेनीवाल ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के लिए किया अभद्र भाषा का इस्तेमाल, कह गए ये सब

राजस्थान तक

ADVERTISEMENT

NewsTak
social share
google news

नागौर सांसद (Nagaur MP) और आरएलपी (RLP) सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल व रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Railway Minister Ashwini Vaishnav) के बीच आज संसद में जमकर विवाद गहरा गया. मामला यहां तक जा पहुंचा कि बेनीवाल ने रेल मंत्री को बदतमीज तक कह दिया. उन्होंने कहा कि "ये मनहूस हैं. जब से रेल मंत्रालय इसके हाथ में आया है लगातार ट्रेन दुर्घटनाएं (Train Accidents) बढ़ रही हैं. जब कोई व्यक्ति रेल के अंदर सोता है तो उसको नींद नहीं आती. क्योंकि वह यही सोचता रहता है कि पता नहीं कब रेल पटरी से उतर जाए."

दरअसल, हनुमान बेनीवाल (Hanuman Beniwal) कटौती प्रस्ताव पर चर्चा के बीच राजस्थान से जुड़ी कुछ रेल संबंधी डिमांड्स के बारे में सदन में बोल रहे थे. नागौर सांसद ने आरोप लगाया कि इस दौरान उनके साथ रेल मंत्री ने बदतमीजी की और उन्हें सदन से बाहर जाने के लिए कहा.

 

 

"रेलमंत्री ने मुझे देख लेने की धमकी दी"

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को लेकर आरएलपी सुप्रीमो ने कहा, "मैं राजस्थान की डिमांड की तरफ रेलमंत्री का ध्यान आकर्षित करना चाहता था और उन्होंने बड़ी बदतमीजी की. मेरी तरफ इशारे करके कहा कि आप बाहर जाइए. आपको देख लूंगा. आप ये कर रहे हैं वो कर रहे हैं. कल भी जब हम इसपर बात कर रहे थे तब उनका जो व्यवहार था वो साफ तौर पर ठीक नहीं था. ये बहुत बड़ा बदतमीज मंत्री है."

इंडिया अलायंस का जताया आभार

बेनीवाल ने कहा, "मैं इंडिया अलायंस को धन्यवाद दूंगा कि इन्होंने इस बात को लेकर वेल में बदतमीज मंत्री का जोरदार विरोध किया. ये हमारा अधिकार है कि कटौती प्रस्ताव के अंदर हम बोल सकते हैं. कुछ कटौती प्रस्ताव की डिमांड कर सकते हैं. लेकिन रेल मंत्री ने मेरे साथ बदतमीजी की."

ADVERTISEMENT

रेल मंत्री MPs को मिलने का टाइम नहीं देते: बेनीवाल

पीएम नरेंद्र मोदी से रेल मंत्री को हटाने की मांग करते हुए नागौर सांसद बेनीवाल ने कहा, "मैं प्रधानमंत्री से कहना चाहता हूं कि ऐसे मंत्री को बर्खास्त करें. ये MPs के कागजों का जवाब नहीं देता. MPs को मिलने का टाइम नहीं देता. सत्ता पक्ष के ज्यादातर सांसद भी खुश थे कि आज रेल मंत्री का सही इलाज हुआ है. इंडिया अलायंस का धन्यवाद करता हूं कि इन्होंने रेल मंत्री के गलत वक्तव्य का जमकर विरोध किया. चूंकि ये जनता के बीच रहने वाले लोग नहीं हैं. ये ब्यूरोक्रेट्स हैं और दुर्भाग्य से मोदी जी की सरकार को ब्यूरोक्रेट्स ही चला रहे हैं. इसलिए मुझे नहीं लगता कि ये लोकतंत्र है."  

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT