राजस्थान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रामेश्वर डूडी का निधन, 25 महीने कोमा में रहे, जानें उनका राजनीतिक सफर!
राजस्थान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी का बीकानेर में निधन हो गया. वह लगभग 25 महीने से कोमा में थे. किसान नेता के रूप में उनकी पहचान थी. मुख्यमंत्री पद के दावेदार रहे डूडी का अंतिम संस्कार आज बीकानेर में किया जाएगा.

Rameshwar Dudi death: राजस्थान कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी का शुक्रवार देर रात बीकानेर में निधन हो गया. वह लंबे समय से बीमार थे और करीब 25 महीनों से कोमा में थे. डूडी की पहचान एक प्रभावशाली जाट नेता और किसानों हितैषी नेता के रूप होती थी. उनके निधन से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. आज दोपहर बीकानेर में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
दो दिन में बिगड़ी थी तबीयत
अगस्त 2023 में जयपुर में रामेश्वर डूडी की तबीयत अचानक बिगड़ गई थी. उन्हें पहले जयपुर के एसएमएस अस्पताल में भर्ती किया गया, फिर गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया. बाद में वह दिल्ली में अपने घर पर इलाज करवा रहे थे. हाल ही में उनकी हालत फिर बिगड़ गई थी, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया. लेकिन उनकी स्थिति में सुधार नहीं हुआ और डॉक्टरों ने उन्हें घर भेज दिया था.
डूडी का पार्थिव शरीर आज सुबह से दोपहर 1 बजे तक उनके गजनेर रोड, वैद्य मघाराम कॉलोनी स्थित आवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा. इसके बाद अंतिम यात्रा शुरू होगी और बीकानेर में ही उनका अंतिम संस्कार होगा.
यह भी पढ़ें...
मुख्यमंत्री के रेस में रहा नाम
1 जुलाई 1963 को बीकानेर में जन्मे रामेश्वर लाल डूडी कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता रहे हैं और उन्होंने खुद को राजस्थान के एक बड़े जाट नेता के रूप में स्थापित किया. इसी कारण, वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में वह मुख्यमंत्री पद की रेस में भी रहे. हालांकि, कांग्रेस की सरकार आने के बावजूद वह खुद नोखा सीट से भाजपा के बिहारीलाल बिश्नोई से चुनाव हार गए थे.
कैसा रहा राजनीतिक सफर?
1 जुलाई 1963 को बीकानेर में जन्मे रामेश्वर डूडी ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1995 में नोखा से पंचायती राज स्तर पर की. वह 1995 से 1999 तक नोखा के प्रधान रहे. 1999 में वह बीकानेर से लोकसभा सांसद चुने गए और 2004 तक संसद में रहे. 2013 में वह नोखा से विधायक बने और राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभाई. 2018 के विधानसभा चुनाव में उन्हें बीजेपी के बिहारीलाल बिश्नोई से हार मिली. रामेश्वर डूडी के बीमारी के समय उनकी पत्नी सुशीला डूडी ने नोखा से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. वर्तमान में वह बीकानेर जिले की एकमात्र कांग्रेस विधायक हैं.