सीकर में थाने का फीता काटने की मची ऐसी होड़! उलझ गए IG और विधायक, वीडियो वायरल

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Sikar: राजस्थान के सीकर जिले में खाटू श्याम जी क्षेत्र में एक नए थाने के उद्घाटन के समय रिबन काटने को लेकर नेताओं के बीच तीखी नोकझोंक शुरू हो गई. अब इस नोकझोंक का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है.

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Sikar: राजस्थान के सीकर जिले में खाटू श्याम जी क्षेत्र में एक नए थाने के उद्घाटन के समय रिबन काटने को लेकर नेताओं के बीच तीखी नोकझोंक शुरू हो गई. अब इस नोकझोंक का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसपर लोग तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं.

कार्यक्रम में जयपुर रेंज के आईजी अजय पाल लांबा सहित कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौजूद थे, लेकिन मामला तब बिगड़ गया जब विधायक और एक भाजपा नेता के बीच तनातनी छिड़ गई.

नए थाने के उद्घाटन में क्या हुआ?

सीकर के खाटू श्याम जी में हाल ही में सदर थाने की शुरुआत की गई. उद्घाटन समारोह में फीता काटने के लिए आईजी अजय पाल लांबा ने कैंची भाजपा नेता गजानंद कुमावत को थमा दी. यह देखते ही क्षेत्रीय विधायक वीरेंद्र चौधरी भड़क गए. उनका कहना था कि जब क्षेत्र का चुना हुआ विधायक मौजूद हो, तो एक हारे हुए उम्मीदवार को यह सम्मान देना प्रोटोकॉल का उल्लंघन है.

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विधायक चौधरी ने तुरंत कैंची कुमावत के हाथ से लेकर वापस आईजी को सौंप दी और अपनी नाराजगी जाहिर की. लेकिन आईजी ने फिर से कैंची कुमावत को दे दी, जिससे माहौल में तनाव बढ़ गया. इस बीच, आईजी ने दोनों नेताओं से संयुक्त रूप से फीता काटने की सलाह दी, लेकिन विधायक इसके लिए तैयार नहीं हुए.

विवाद ने लिया राजनीतिक रंग

इस घटना के बाद विधायक वीरेंद्र चौधरी ने प्रशासन पर पक्षपात का आरोप लगाया. उनका कहना था कि सरकारी कार्यक्रम में भाजपा के हारे गुए उम्मीदवार को बढ़ावा देना लोकतंत्र के खिलाफ है. दूसरी ओर, गजानंद कुमावत ने बिना किसी हिचकिचाहट के फीता काट दिया, जिससे कांग्रेस कार्यकर्ताओं में गुस्सा भड़क उठा. कांग्रेस समर्थकों ने इसे सरकारी तंत्र का दुरुपयोग करार दिया, जबकि भाजपा ने इसे महज एक औपचारिकता बताकर विवाद को ठंडा करने की कोशिश की.

कार्यक्रम स्थल पर मौजूद लोगों ने इस पूरी घटना का वीडियो बना लिया, जो अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. वीडियो में विधायक और आईजी के बीच तीखी बहस साफ देखी जा सकती है. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मौके पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की, वहीं पुलिस अधिकारी इस पूरे मामले से दूरी बनाते नजर आए.

पहले भी उठ चुके हैं सवाल

विधायक वीरेंद्र चौधरी ने इस घटना को लेकर सरकार पर गंभीर सवाल उठाए. उनका कहना था कि यह पहली बार नहीं है जब उनके साथ ऐसा हुआ हो. पहले भी कई सरकारी कार्यक्रमों में उन्हें नजरअंदाज किया गया है. इस घटना के बाद दोनों दलों के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है.
 

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