क्या पाक कप्तान सलमान आगा अपनी मैच फीस से आतंकियों के परिवारों की करेंगे मदद? उनके इस बयान ने खड़े किए सवाल
पाकिस्तानी कप्तान सलमान आगा के मैच फीस दान के बयान ने विवाद खड़ा कर दिया है, क्योंकि यह कथित तौर पर आतंकियों के परिवारों को समर्थन जैसा लग रहा है. वहीं भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने अपनी फीस सेना को समर्पित कर साफ संदेश दिया.

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एशिया कप 2025 के फाइनल में भारत ने पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी. भारत से मिली हार के बाद पाकिस्तान क्रिकेट टीम के कप्तान सलमान अली आगा ने एक ऐसा बयान दे दिया है जिसने विवाद खड़ा कर दिया. मैच हारने के बाद आगा ने ऐलान किया कि वो और उनकी पूरी टीम हाल ही में 'भारत के हमलों में मारे गए' नागरिकों और बच्चों के लिए अपनी पूरी मैच फीस दान करेंगे.

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उनके इस बयान के बाद यह चर्चा तेज हो गई है कि क्या आगा जानबूझकर उन परिवारों की मदद करना चाहते हैं, जिनका सीधा या परोक्ष संबंध आतंकवाद से रहा है? क्योंकि जिस हमले का जिक्र उन्होंने किया है, वह भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत आतंकियों के खिलाफ की गई एक सैन्य कार्रवाई थी.

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'ऑपरेशन सिंदूर' और मसूद अजहर का कनेक्शन
दरअसल ऑपरेशन सिंदूर जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में किया गया था. इस हमले की साजिश पाकिस्तान में बैठे जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी नेटवर्क से जुड़ी बताई गई थी. भारत की जवाबी कार्रवाई में न सिर्फ कई आतंकी मारे गए, बल्कि रिपोर्ट्स के मुताबिक, मसूद अजहर के परिवार के 10 से ज्यादा सदस्य भी मारे गए.

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अब सवाल ये उठता है कि जब सलमान आगा अपनी टीम की मैच फीस उन लोगों के लिए देने की बात करते हैं जो “भारत के हमलों में मारे गए,” तो क्या इसमें वे आतंकी परिवार भी शामिल हैं जो इस कार्रवाई में मारे गए? और अगर ऐसा है, तो क्या यह एक क्रिकेट कप्तान का न सिर्फ राजनीतिक बल्कि नैतिक रूप से भी गलत फैसला नहीं है?

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हैंडशेक विवाद और पाक कप्तान का गुस्सा
भारत से हार के बाद सलमान आगा ने यह भी कहा था कि भारतीय टीम का मैच के बाद हाथ न मिलाना और एशिया कप की ट्रॉफी पाकिस्तान के मंत्री मोहसिन नकवी से न लेना, न सिर्फ पाकिस्तान की बेइज्जती है बल्कि क्रिकेट जैसे खेल की भी तौहीन है.
उन्होंने कहा था कि, "किसी भी देश के क्रिकेटर वहां के युवाओं के लिए रोल मॉडल होते हैं और जब बच्चे इस तरह का व्यवहार देखते हैं तो वे क्या सीखेंगे?"

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हालांकि आगा के ताजा बयान के बाद सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने कह रहे हैं कि एक तरफ जहां भारतीय सेना आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करती है, वहीं पाकिस्तानी कप्तान उन 'मारे गए लोगों' के लिए मदद की पेशकश कर रहे हैं, जिनका कनेक्शन आतंकवाद से है.