बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है केदारनाथ मंदिर, जानें इसकी यात्रा से जुड़ी सभी बातें
उत्तराखंड राज्य में स्थित केदारनाथ एक पवित्र तीर्थ स्थल है जहां भगवान शंकर का ग्यारहवां ज्योतिर्लिंग स्थापित है. इस धाम के दर्शन के लिए लोग महीनों इंतजार में रहते हैं.
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उत्तराखंड राज्य में स्थित केदारनाथ एक पवित्र तीर्थ स्थल है जहां भगवान शंकर का ग्यारहवां ज्योतिर्लिंग स्थापित है. इस धाम के दर्शन के लिए लोग महीनों इंतजार में रहते हैं. माना जाता है कि शिव जी की कृपा इस मंदिर पर बनी हुई है. ऐसे में केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने का इंतजार श्रद्धालु बड़ी बेसब्री से करते हैं. जानकारी के मुताबिक, इस साल 2024 में केदारनाथ मंदिर 10 मई को खुलेगा. वेबसाइट के जरिए रजिस्ट्रेशन करना है तो आपको registrationandtouristcare.uk.gov.in पर जाना होगा. इसके बाद आप Register/Login पर जाकर अपनी डिटेल्स जैसे अपना नाम, फोन नंबर समेत अन्य जानकारियां सब्मिट कर के रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं.
आपको बता दें, केदारनाथ धाम हर तरफ से पहाड़ों से घिरा हुआ है. एक तरफ जहां करीब 22 हजार फुट ऊंचा केदारनाथ है, वहीं दूसरी तरफ 21 हजार 600 फुट ऊंचा खर्चकुंड और तीसरी तरफ 22 हजार 700 फुट ऊंचा भरतकुंड है.
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केदारनाथ कैसे जाएं?
केदारनाथ की यात्रा हरिद्वार या ऋषिकेश से शुरू होती है. इसके लिए हरिद्वार या ऋषिकेश से बस मिलती है जिससे आप रुद्रप्रयाग तक का सफर कर सकते हैं. फिर यहां से आप सोनप्रयाग पहुंचकर जीप द्वारा गौरीकुंड तक जा सकते हैं. लेकिन गौरीकुंड से केदारनाथ (16 किलोमाटर) का रास्ता आपको पैदल ही चलना होगा या आप पालकी या घोड़े से भी जा सकते हैं.
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केदारनाथ कब जाएं?
केदारनाथ जाने के लिए मई से अक्टूबर के बीच का समय सबसे सही माना जाता है क्योंकि इस दौरान मौसम काफी अच्छा रहता है और वैसे भी ये मंदिर केवल गर्मियों में ही खुलता है. आपको बता दें, हर साल मंदिर खुलने में और बंद होने में कुछ दिनों का फर्क होता है क्योंकि इसके लिए मुर्हूत निकाला जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, कपाट खुलने की तिथि अक्षय तृतीया और बंद होने की तिथि दीवाली के आसपास की होती है. वहीं, बरसात के मौसम में यहां जाना ठीक नहीं होता क्योकि इस दौरान लैंड स्लाइड का खतरा बढ़ जाता है और सड़के बंद हो जाती है.
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केदारनाथ की यात्रा में रखें इन बातों का ध्यान!
अगर आप केदारनाथ धाम यात्रा की प्लानिंग कर रहे हैं तो इन बातों का ख्याल रखना जरूरी है.
- अपने साथ सर्दियों के कपड़े जरूर लेकर जाएं, भले ही आप गर्मियों के मौसम में जा रहे हों.
- पहाड़ों में बारिश कभी भी हो सकती है, ऐसे में यात्रा पर जाते समय अपने पास छाता और रेनकोट जरूर रखें.
- 12 साल से कम उम्र और 60 से ज्यादा की उम्र के लोगों को यहां की यात्रा से बचना चाहिए क्योंकि ऑक्सिजन लेवल कम रहता है और रास्ते में कई तरह की परेशानियों को झेलना पड़ सकता है.
- अपनी यात्रा की शुरुआत सुबह जल्दी करें ताकि दिन तक आप आराम से केदारनाथ धाम पहुंच सके. दर्शन के बाद यहां एक रात आराम करें और अगले दिन फिर सुबह गौरीकुंड के लिए वापसी की यात्रा शुरू करें.
- होटल की बुकिंग एडवांस में ही कर लें.
- केदारनाथ मंदिर की यात्रा रात में करने से बचें क्योंकि रात में जंगली जानवरों से खतरा हो सकता है.
- अगर आप केदारनाथ धाम तक बिना कष्ट के पहुंचना चाहते हैं तो आप डोली पर बैठकर जा सकते हैं जिसका किराया 8 से 10 हजार रुपए के बीच होता है. वहीं, कंडी के राउंड ट्रिप का किराया करीब 5 हजार रुपए है और खच्चर के राउंड ट्रिप का किराया 5 से 6 हजार रुपए है. अगर आप हेलीकॉप्टर से जाने की सोच रहे हैं तो इसका किराया करीब 7 हजार रुपए है.
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