कैसे हारा महागठबंधन..31 सीटों का वो सीक्रेट, जिस एक इलाके ने पलट दिया बिहार चुनाव 2025 का पूरा गेम!
बिहार चुनाव 2025 में एक ऐसा क्षेत्र है, जिसकी एनडीए की जीत में निर्णायक भूमिका रही. इस इलाके की 48 में से 39 सीटों पर एनडीए ने कब्जा किया, जो पिछले चुनाव से 31 सीटें ज्यादा हैं.

बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों में NDA को प्रचंड जीत मिली है, वहीं विपक्ष का प्रदर्शन बेहद खराब साबित हुआ. इस चुनाव में गठबंधन के लिए एक ऐसा इलाका रहा जहां उनका प्रदर्शन बहुत शानदार रहा और महागठबंधन का स्ट्राइक रेट सबसे खराब रहा.
NDA की जीत में शाहाबाद-मगध इलाका निर्णायक भूमिका निभाने वाला क्षेत्र साबित हुआ. यहां NDA ने जबरदस्त प्रदर्शन किया और महागठबंधन को भारी नुकसान हुआ. यहां कुल 48 सीटों में से 39 पर एनडीए ने कब्जा जमाया.
2020 में सिर्फ 8 सीटें मिली
2020 के चुनाव में एनडीए को यहां सिर्फ 8 सीटें मिली थीं. लेकिन इस बार पिछले बार से 31 सीटें अधिक मिली है. जो पूरे चुनाव का सबसे अहम फैक्टर साबित हुआ.
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बीजेपी ने इस क्षेत्र पर खास फोकस किया. चुनाव सह-प्रभारी सीआर पाटिल और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने लगातार यहां दौरे किए. उन्होंने स्थानीय मुद्दों को समझा और उम्मीदवार चयन में सावधानी से किया. गुटबाजी को रोकने के साथ सहयोगी दलों के साथ तालमेल बढ़ाकर यह सरप्राइजिंग नंबर हासिल किया.
इसके अलावा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां 8 से 10 बड़ी रैलियां कीं. उनके भाषणों के बाद चुनावी माहौल पूरी तरह बदल गया.
वामदलों का सफाया
बीजेपी ने इस इलाके की 17 सीटों पर चुनाव लड़ा और 14 सीटें जीतकर एक रिकॉर्ड प्रदर्शन किया. दूसरी ओर, वामपंथी दलों का प्रदर्शन इस क्षेत्र में लगभग शून्य रहा जो महागठबंधन के लिए एक बड़ा झटका साबित हुआ.
नक्सल प्रभाव वाले क्षेत्रों में परिवर्तन
शाहाबाद (भोजपुर, बक्सर, कैमूर, रोहतास) और मगध (गया, औरंगाबाद, नवादा, जहानाबाद, अरवल) के जिले कभी नक्सल प्रभावित इलाके के रूप में जाने जाते थे. लेकिन इस बार की राजनीति पूरी तरह बदल गई है. बीजेपी की आक्रामक प्रचार शैली, बड़े नेताओं की सक्रियता, सहयोगी दलों के बीच बेहतरीन तालमेल और स्थानीय सामाजिक समीकरणों पर मजबूत पकड़ के चलते एनडीए ने शाहाबाद-मगध में शानदार प्रदर्शन किया, जिसके चलते महागठबंधन को यहां सिर्फ निराशा हाथ लगी.










