जदयू से 3 बार विधायक रहीं मीना द्विवेदी ने सैकड़ों के साथ छोड़ी पार्टी, प्रशांत किशोर के जन सुराज में हुई शामिल
Bihar Elections 2025: जदयू से तीन बार विधायक रहीं मीना द्विवेदी ने सैकड़ों समर्थकों के साथ पार्टी छोड़कर प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी जॉइन कर ली.
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बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले पाला बदलने का खेल शुरू हो चुका है. कुछ महीने पहले चर्चित यूट्यूबर मनीष कश्यप, बाहुबली नेता बोगो सिंह ने पाला बदल लिया था. आज नीतीश कुमार की पार्टी जदयू को एक तगड़ा झटका लगा है. जदयू से 3 बार की विधायक और बाहुबली नेता के परिवार से आने वाली मीना द्विवेदी ने सैकड़ों समर्थकों के साथ जन सुराज जॉइन कर लिया है.
इसी महीने की शुरुआत से ही उनकी जदयू से अन-बन की खबरें सामने आने लगी थी. चुनावी साल में मीना द्विवेदी का पार्टी छोड़ने से राजनीतिक गलियारों में हलचल काफी तेज हो गई है. आइए विस्तार से जानते है पूरी कहानी.
प्रशांत किशोर ने दिलाई सदस्यता
जन सुराज पार्टी में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं का शामिल होने का सिलसिला लगातार जारी है. इसी क्रम में पूर्वी चंपारण जिले के गोविंदगंज विधानसभा से तीन बार विधायक रहीं मीना द्विवेदी अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ जन सुराज पार्टी में शामिल हो गई हैं.
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बुधवार 17 सितंबर को उन्होंने जदयू के जिला एवं प्रखंड स्तर के कई पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं और अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर से मुलाकात की और पार्टी को अपना समर्थन दिया. प्रशांत किशोर ने सभी को जन सुराज की सदस्यता दिलाई और पीला गमछा ओढ़ाकर स्वागत किया.
मीना द्विवेदी ने क्यों छोड़ा जदयू?
मिली जानकारी के अनुसार, मीना द्विवेदी ने अपने और समर्थकों की लगातार उपेक्षा से नाराज होकर जदयू (JDU) छोड़ दिया है. उनका परिवार समता पार्टी के जमाने से ही नीतीश कुमार के साथ रहा है.
मीना द्विवेदी के परिवार का राजनीतिक इतिहास
मीना द्विवेदी का परिवार गोविंदगंज विधानसभा क्षेत्र में काफी मजबूत पकड़ रखता है. इस परिवार से तीन विधायक चुने गए हैं. 1995 में देवेंद्रनाथ दुबे, 1998 में भूपेंद्रनाथ दुबे और खुद मीना द्विवेदी 2005 से 2015 तक यहां से विधायक रही हैं. जब गोविंदगंज विधानसभा सीट गठबंधन के किसी दूसरे दल के पास चली गई थी, तब से ही मीना द्विवेदी पार्टी से अंदर ही अंदर नाराज थीं, लेकिन उन्होंने पार्टी का साथ नहीं छोड़ा था.
अब आखिरकार उन्होंने अपनी और अपने समर्थकों की उपेक्षा का हवाला देते हुए पार्टी से नाता तोड़ लिया और जन सुराज को जॉइन कर लिया है. उनके समर्थन से जन सुराज पार्टी को चंपारण की राजनीति में मजबूती मिलेगी.
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