क्या प्रशांत किशोर इस बार बना पाएंगे अपनी सरकार? एक्सिस माय इंडिया के प्रदीप गुप्ता ने समझा दिया पूरा गणित

Bihar Election 2025: क्या प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज बिहार में सरकार बना पाएगी? एक्सिस माय इंडिया के प्रदीप गुप्ता ने समझाया पूरा चुनावी गणित और PK के वोटकटवा फैक्टर पर बड़ा खुलासा.

प्रशांत किशोर और बिहार चुनाव 2025 का समीकरण
प्रशांत किशोर और बिहार चुनाव 2025 का समीकरण
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Bihar Election 2025: बिहार में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. इस चुनाव में देश के बड़े नेता जैसे पीएम मोदी, राहुल गांधी, अमित शाह आदि भी उतर चुके है और अपने गठबंधन को जीत दिलाने में लगे हुए है. इस बार का चुनाव इसलिए भी गहमागहमी से भरा हुआ है क्योंकि इस बार राज्य में कई सारे दल चुनाव में उतरे है और उनमें एक प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज भी है, जिसकी खूब चर्चा हो रही है. इस बीच एक्सिस माय इंडिया के चेयरमैन और मैनेजिंग एडिटर प्रदीप गुप्ता ने न्यूज एजेंसी एएनआई(ANI) से बातचीत में प्रशांत किशोर को लेकर कहा है कि, वह वोट को काटेंगे ही, लेकिन सरकार बनाना अभी बहुत दूर की कौड़ी है. आइए विस्तार से जानते है पूरा समीकरण.

प्रदीप गुप्ता ने प्रशांत किशोर पर कही ये बात?

प्रदीप गुप्ता ने चुनाव से पहले राज्य के राजनीतिक हालातों पर अपनी बात रखी. प्रशांत किशोर के प्रभाव को लेकर पूछे गए सवाल पर प्रदीप गुप्ता ने कहा कि वह (प्रशांत किशोर) निश्चित रूप से वोट काटेंगे, लेकिन कितनी सीटों पर और किन सीटों पर, यह एक बड़ा सवाल है. गुप्ता ने चुनावी राजनीति में सफलता के लिए आवश्यक समय पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि "लाइफ में जब आपको ग्रेजुएट करना है तो 15 साल लगते हैं." इसके लिए उन्होंने बीजेपी का उदाहरण दिया, जिसने 1980 में शुरू होने के बाद 1996 में मिली-जुली सरकार बनाई थी.

उन्होंने आगे आकलन करते हुए कहा कि प्रशांत किशोर के लिए सरकार बनाने की बात अभी बहुत दूर की कौड़ी है. उनका वोट काटने वाला फिनोमिना रहेगा, खासकर उन सीटों पर जहां जीत-हार का अंतर 2-4% वोट शेयर का होता है. आगे उन्होंने कहा कि किसी भी नई पार्टी को स्थापित होने के लिए कम से कम 5% से ज्यादा का वोट शेयर लाना जरूरी है, ऐसा उन्हें पहली बार के हिसाब से लगता है.

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भीड़ और चुनावी सफलता में अंतर

प्रशांत किशोर की रैलियों में उमड़ रही भीड़ को लेकर गुप्ता ने स्वीकार किया कि वह 2 साल से मेहनत कर रहे हैं और यात्राएं कर रहे हैं, जिससे अच्छा खासा मोमेंटम बना है. हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि रैली और वोट मिलना दो अलग विषय हैं. उनका मानना है कि इतनी बड़ी जनता (करीब 8 करोड़) के सामने विश्वास दिला पाने में सक्षम होने में समय लगता है.

प्रदीप गुप्ता ने यह भी याद दिलाया कि, 

प्रशांत किशोर ने 2015 के बिहार चुनाव में नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव को एक साथ लाकर महागठबंधन बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिससे यह स्पष्ट होता है कि उनके पास नॉलेज और वेयर विथ ऑल (आवश्यक कौशल/साधन) है. लेकिन उन्होंने आगे यह स्पष्ट किया कि यहां जो प्लेयर है वो जनता है जो आपकी सरकार बना रही है. अब जनता इतने बड़े राज्य में 243 असेंबली सीटों के ऊपर फैली हुई है, तो इतना आसान नहीं होता कि उन सबको आप एक बार में विश्वास दिला पाने में सक्षम हो जाओ.

खुद संघर्ष के लिए तैयार हैं प्रशांत किशोर

प्रदीप गुप्ता ने प्रशांत किशोर की स्पीच का विश्लेषण करने के बाद कहा कि वह खुद संघर्ष के लिए तैयार हैं और जानते हैं कि एक नेता को स्थापित होने में 15 साल का समय लगता है. इसका अर्थ यह है कि यदि वह इस बार सफल नहीं होते हैं, तो वह अगले 5 साल भी मेहनत करने के लिए तैयार हैं.

आगामी चुनाव को लेकर प्रदीप गुप्ता ने क्या कहा?

प्रदीप गुप्ता ने आगामी चुनाव को लेकर कहा कि इस बार का चुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है, क्योंकि यह एक तरफा चुनाव नहीं है. इस बार महागठबंधन और एनडीए दोनों में कांटे की टक्कर होने वाली है.

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