तेजस्वी या कोई और? बिहार में CM फेस पर पूछे गए सवाल से क्यों बच निकले राहुल गांधी!

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Rahul Gandhi Voter Adhikar Yatra: अररिया में 'वोटर अधिकार यात्रा' के दौरान आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक पत्रकार ने राहुल गांधी से बिहार में तेजस्वी यादव की सीएम उम्मीदवारी पर सवाल पूछा तो उन्होंने इस पर सीधा जवाब देने की बजाय गोलमोल जवाब दिया.

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तेजस्वी की सीएम उम्मीदवारी राहुल गांधी ने दिया गोलमोल जवाब
तेजस्वी की सीएम उम्मीदवारी राहुल गांधी ने दिया गोलमोल जवाब
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राहुल गांधी की 'वोटर अधिकार यात्रा' के दौरान बिहार के अररिया में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान राहुल गांधी से एक पत्रकार ने बिहार में मुख्यमंत्री पद के लिए तेजस्वी यादव की उम्मीदवारी पर सवाल पूछा लिया. इस पर राहुल गांधी ने गोलमोल तरीके से जवाब देते हुए तेजस्वी यादव के नाम पर कन्नी काटते हुए नजर आए. 

प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक पत्रकार ने राहुल गांधी से कहा कि 'वोटर अधिकार यात्रा' में आरजेडी और कांग्रेस का बेहतर तालमेल दिखा रहा है. उन्होंने ये भी बताया कि तेजस्वी यादव ने अगले लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को पीएम बनाने की बात कही है. इस पर पत्रकार ने सवाल पूछते हुए कहा कि जब तेजस्वी ने आपका नाम साफ कर दिया है तो  फिर आपकी पार्टी बिहार के लिए तेजस्वी यादव का नाम सीएम के तौर पर साफ क्यों नहीं कर रही?

राहुल गांधी ने दिया ये जवाब 

इस सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने सीधे तौर पर नहीं दिया. उन्होंने कहा कि "सारी विपक्षी पार्टियां एक साथ जुड़कर काम कर रही हैं. हमारे बीच कोई टेंशन नहीं है और हम में एक दूसरे के लिए म्यूचुअल रिस्पेक्ट है. हम आइडियोलॉजिकली अलाइंड और पॉलिटिकली अलाइंड हैं. इससे बहुत अच्छा रिजल्ट आएगा."

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राष्ट्रीय राजनीति में संतुलन बनाने की कोशिश

राहुल गांधी के तेजस्वी के नाम से कन्नी काटने के पीछे कई अहम कारण माने जा रहे हैं. राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, इसका पहला कारण राष्ट्रीय राजनीति में संतुलन बनाए रखना है. कांग्रेस ये नहीं चाहती कि बिहार में लड़ाई पूरी तरह से आरजेडी केंद्रित हो. कांग्रेस महागठबंधन के एक बड़े और समुचित चेहरे को आगे बढ़ाना चाहती है, जिससे समूहिक तौर पर विपक्षी एकता बनी रहे.

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प्रासंगिकता बनाए रखना चाहती है कांग्रेस

दूसरा बड़ा कारण ये है कि कांग्रेस बिहार में अपनी प्रासंगिकता बनाए रखना चाहती है. भले ही बिहार में कांग्रेस कमजोर हो लेकिन राहुल गांधी ये जानते हैं कि आगामी चुनावी साल में पार्टी संगठन में हुए बदलावों के कारण कुछ बेहतर कर सकती है. ऐसे में तेजस्वी यादव को अचानक सीएम चेहरा घोषित करना कांग्रेस के लिए सही नहीं होगा.

अंदरूनी असहमति का भी है बड़ा कारण

वहीं तीसरा एक बड़ा कारण यह भी है कि अंदरूनी असहमति को कांग्रेस पार्टी अभी किसी तरह से हावी होने नहीं देना चाहती. माना जा रहा है  कि तेजस्वी की उम्मीदवारी जैसे ही तय होती है ताे इससे कई लोगों में असहमति बढ़ सकती है. इसलिए हाईकमान इसे लेकर पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है. वहीं एक अन्य बड़ा कारण ये भी है कि कांग्रेस पार्टी चाहती है किसी भी तरह से सीट शेयरिंग का मामला सुलझ जाए. इसके बाद तेजस्वी यादव को सीएम फेस के तौर पर प्रोजेक्ट किया जाए.

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