gold silver price today: सोने-चांदी के बढ़ते भाव ने खरीदारों को फिर डाल दिया टेंशन में! लगेगी लगाम या आएगा बड़ा उछाल?

2025 में गोल्ड ने रिकॉर्ड तेजी पकड़ी है. 26 नवंबर को 24 कैरेट सोना 1,26,340 रुपये पर पहुंचा. जानिए इस उछाल की वजह, आगे क्या रहेगा ट्रेंड और निवेश सलाह.

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जरा सोचिए- अगर आपका सबसे सुरक्षित निवेश अचानक इतनी तेजी पकड़ ले तो क्या होगा? ये महज कल्पना नहीं है. 2025 में गोल्ड ने बिल्कुल ऐसा ही किया है. इस साल सोने की रफ्तार इतनी तेज रही कि कई अनुभवी निवेशक भी हैरान हैं. इस बार मार्केट में इक्विटी की बजाय गोल्ड की चमक ने सबको पीछे छोड़ दिया है. 

26 नवंबर 2025 को 24 कैरेट सोने का भाव 1,26,340 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया है. यानी केवल कल की तुलना में 810 रुपए ऊपर. 22 कैरेट सोना भी 1,15,812 रुपये पर ट्रेड कर रहा है. पिछले चार सालों में भी गोल्ड का प्रदर्शन लगातार पॉजिटिव रहा. 2022 और 2023 में 14%, 2024 में 21% और अब 2025 में तो रिकॉर्ड रिटर्न मिल रहा है. 

अब सवाल ये है कि क्या ये तेजी आगे भी बनी रहेगी या कहीं ये ब्रेक मार सकती है? मुनाफा निकालना चाहिए या होल्ड करना बेहतर रहेगा? 

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इस तेजी के पीछे सबसे बड़ा कारण है सेंट्रल बैंक की खरीदारी. 2022 से चीन, भारत और तुर्की जैसे देश लगातार अपने रिजर्व में सोना जोड़ रहे हैं. दूसरा कारण है भू-राजनीतिक तनाव है. रूस-यूक्रेन युद्ध, मिडिल ईस्ट की अस्थिरता और अमेरिका-चीन के रिश्तों में खटास ने सोने को सबसे सुरक्षित निवेश बना दिया. तीसरी वजह है महंगाई और आर्थिक अनिश्चितता. चौथा, भारत में गोल्ड ETF में निवेश का बढ़ता पैसा, जो पहली बार 1 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है. 

सोना आगे चलकर पड़ेगा धीमा 

कुछ जोखिम भी हैं, जो आगे सोने की गति धीमा कर सकते हैं. 

  • अमेरिका की मौद्रिक नीति: अगर महंगाई बढ़ी तो फेड रेट कट टल सकता है. 
  • डॉलर की मजबूती: अमेरिकी अर्थव्यवस्था मजबूत रही तो डॉलर बढ़ेगा और गोल्ड पर दबाव आएगा. 
  • सेंट्रल बैंक की खरीदारी में कमी: अगर रिजर्व पर्याप्त लगे तो खरीद धीमी हो सकती है. 
  • भू-राजनीतिक तनाव में कमी: सेफ-हेवन की मांग घट सकती है. 
  • टेक और क्रिप्टो में तेजी: पैसा वहां शिफ्ट हो सकता है. 
  • फिजिकल डिमांड में गिरावट, खासकर चीन और भारत में. 

तो अब निवेशक क्या करें? 

अगर आपका मुनाफा अच्छा बढ़ चुका है, तो थोड़ा-थोड़ा प्रॉफिट बुक करना समझदारी है. फिजिकल गोल्ड आम तौर पर लंबी अवधि के लिए ही रखा जाता है, इसलिए उसे तुरंत बेचना जरूरी नहीं. पूरी तरह बाहर निकलना भी ठीक नहीं, क्योंकि 2026 में भी सेंट्रल बैंक की खरीदारी जारी रहने के संकेत हैं और वैश्विक अनिश्चितता खत्म नहीं हुई. 

क्या होगी रणनीति?  

कोर होल्डिंग बनाए रखें, लेकिन ऊपरी स्तर पर थोड़ा मुनाफा निकालते रहें. सोना पोर्टफोलियो में जरूरी रहेगा, बस रिटर्न अब थोड़ा संतुलित हो सकता है. स्मार्ट निवेशक वही है जो समय पर मुनाफा बुक करता है और सही समय पर दोबारा निवेश भी करता है. 

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