ऑपरेशन सिंदूर पर गरमाई राजनीति, शिवराज सिंह चौहान और भूपेश बघेल ने एक-दूसरे के लिए ये सब कह दिया
Shivraj vs Bhupesh on Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर को लेकर छत्तीसगढ़ में सियासी घमासान तेज हो गया है. शिवराज सिंह चौहान ने ऑपरेशन की सफलता का गुणगान किया, वहीं भूपेश बघेल ने पारदर्शिता पर सवाल उठाए.
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Shivraj vs Bhupesh on Operation Sindoor: छत्तीसगढ़ की राजनीति एकबार फिर गरमा गई है. हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले के बाद शुरू हुए ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है. केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बीच तीखी बयानबाजी ने राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया. जहां शिवराज ने ऑपरेशन की सफलता का गुणगान करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा, वहीं बघेल ने सरकार की पारदर्शिता और कूटनीतिक रणनीति पर सवाल उठाए. कांग्रेस ने संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है.
"पाकिस्तानी ड्रोन को भूसे की तरह उड़ा दिया"
दरअसल सोमवार को केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने छत्तीसगढ़ दौरे के दौरान रायपुर में ग्रामीण आवास और कृषि मंत्रालय के काम की समीक्षा करने पहुंचे थे. इसी दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के साथ मीडिया से बात की. शिवराज सिंह चौहान ने ऑपरेशन सिंदूर की तारीफ करते हुए सशस्त्र बलों की बहादुरी को सलाम किया. शिवराज ने कहा,
"पाकिस्तान ड्रोन भेज रहा था, जिसे हमारे जवानों ने भूसे की तरह उड़ा दिया. ऑपरेशन सिंदूर ने आतंक के ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया. पूरा देश गर्व महसूस कर रहा है."
साथ ही कांग्रेस को घेरते हुए उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री के खिलाफ बोलते वक्त सावधान रहें, देश के खिलाफ न बोलें." यह बयान भूपेश बघेल की टिप्पणियों के जवाब में था, जिन्होंने ऑपरेशन की सफलता पर सवाल उठाए थे.
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भूपेश बघेल ने ऑपरेशन सिंदूर पर उठाए थे सवाल
दिल्ली में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) मुख्यालय में रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए भूपेश बघेल ने ऑपरेशन सिंदूर की पारदर्शिता और सरकार के दावों पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा,
"पहलगाम हमले में 26 लोगों की जान गई. क्या एक भी आतंकी पकड़ा गया? अगर नहीं, तो ऑपरेशन सिंदूर को सफल कैसे कह सकते हैं? इस नाकामी का जिम्मेदार कौन है?”
बघेल ने कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था पर भी निशाना साधा. भूपेश ने कहा, "लोग सरकार की गारंटी पर भरोसा करके कश्मीर गए, लेकिन अपने प्रियजनों के ताबूत लेकर लौटे." इसके अलावा, उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा अचानक युद्धविराम की घोषणा को भारत की कूटनीतिक नाकामी करार दिया. बघेल ने सवाल उठाया, "क्या भारत ने तीसरे पक्ष का हस्तक्षेप स्वीकार कर लिया? युद्धविराम की शर्तें क्या हैं? देश को सच जानने का हक है."
कांग्रेस ने की संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग
ऑपरेशन सिंदूर और युद्धविराम के मुद्दे पर कांग्रेस ने सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है. वे चाहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी युद्धविराम की शर्तों और भारत के कूटनीतिक रुख को स्पष्ट करें. कांग्रेस ने साफ किया कि वह सशस्त्र बलों के साथ मजबूती से खड़ी है, लेकिन सरकार से जवाबदेही की उम्मीद करती है.
इनपुट- सुमी रजप्पन
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