दिल्ली के बाबा पीर रतन नाथ मंदिर पर बुलडोजर चलाने का दावा वायरल, अब MCD ने खुद बताई पूरी बात
Delhi MCD demolition: राजधानी दिल्ली के झंडेवालान इलाके में MCD और DDA की संयुक्त तोड़फोड़ कार्रवाई को लेकर विवाद बढ़ गया है, जिसमें लोगों ने दावा किया कि बाबा पीर रतन नाथ मंदिर पर बुलडोजर चलाया गया. अब MCD ने आधिकारिक स्पष्टीकरण जारी कर साफ कहा है कि किसी भी धार्मिक संरचना को नहीं छुआ गया और केवल खतरनाक तथा अवैध स्ट्रक्चर को हटाया गया.

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के करोल बाग के इंडेवालान इलाके में 29 नवंबर को MCD(दिल्ली नगर निगम) द्वारा की गई कार्रवाई ने इलाके के लोगों में हड़कंप मचा दिया था. इस कार्रवाई को लेकर लोगों ने आरोप लगाने शुरू कर दिए थे कि यहां मौजूद बाबा पीर रतन नाथ मंदिर के परिसर में जान-बूझकर तोड़ृ-फोड़ की गई है. लोगों ने यह भी कहा कि यह कार्रवाई आरएसएस के नए मुख्यालय बनने के बाद हुआ है और उसके लिए उन्हें किसी भी प्रकार का नोटिस भी नहीं मिला है. मामला बढ़ता देख अब MCD ने खुद इसमें हस्तक्षेप कर एक स्पष्टीकरण जारी किया है. MCD ने साफ किया है कि इस कार्रवाई के दौरान किसी भी धार्मिक स्ट्रक्चर को छुआ भी नहीं गया है. आइए विस्तार से समझते हैं पूरी कहानी.
तोड़-फोड़ से फैला था तनाव
29 दिसंबर को झंडेवालान इलाके में MCD(दिल्ली नगर निगम) ने बुलडोजर चलाकर इलाके में तोड़-फोड़ किया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस दौरान वहां मौजूद करीब 100 घरों को हटाया गया था. लोगों ने आरोप लगाया कि इस कार्रवाई में बाबा पीर रतन नाथ मंदिर को भी नुकसान पहुंचा है, जिससे उनकी धार्मिक मान्यताएं आहत हुई है. इस दौरान वहां अचानक से भीड़ इकट्ठी हो गई थी और लोगों ने पुरजोर विरोध भी जताया था. हालात को संभालने के लिए पुलिस बल भी मौके पर पहुंची थी, ताकि सब सामान्य रहें.
दिल्ली नगर निगम ने अब दिया जवाब
मामले को लगातार बढ़ता देख MCD यानी दिल्ली नगर निगम ने करोल बाग जोन और दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी (DDA) द्वारा DB गुप्ता रोड और आस-पास के ग्रीन बेल्ट एरिया में जॉइंट डिमोलिशन ड्राइव के बारे में सफाई जारी की है. इसमें उन्होंने लिखा कि, यह एक्सरसाइज DDA और MCD की एक जॉइंट पहल थी, जिसका मकसद सिर्फ तय ग्रीन बेल्ट में खतरनाक और टूटे-फूटे स्ट्रक्चर को हटाना था, जो पब्लिक सेफ्टी के लिए खतरा थे.
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धार्मिक स्ट्रक्चर को लेकर भी दी सफाई
दिल्ली नगर निगम द्वारा जारी स्पष्टीकरण में यह भी साफ लिखा हुआ कि, इस ऑपरेशन के दौरान मंदिर दरगाह बाबा श्री पीर रतन नाथ जी महाराज सहित किसी भी धार्मिक स्ट्रक्चर को छुआ या प्रभावित नहीं किया गया. यानी की लोगों का जो आरोप है वो निराधार है.
पहले दिए जा चुके हैं नोटिस
MCD ने यह भी बताया कि इस एरिया में रहने वाले लोगों को पहले से ही नोटिस दिए गए है, जिसमें उन्हें इलाके को खाली करने के लिए कहा गया था. इन स्ट्रक्चर को टेक्निकल असेसमेंट के बाद पहले ही खतरनाक घोषित कर दिया गया था. वहीं DDA ने पहले ही कई ऐसे परिवारों को दूसरी जगह शिफ्ट करा दिया था.
उन्होंने आगे यह भी लिखा कि, यहां जो लोग अभी रह रहे थे उन्होंने यहां पर अपना कब्जा जमा रखा था और वे लोग दूसरी जगह शिफ्ट होने के लिए तैयार भी नहीं थे. दिल्ली नगर निगम ने कार्रवाई को स्पष्ट करते हुए फिर से लिखा कि यह जनता की सुरक्षा के लिहाजा से उठाया गया कदम है.
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