CBSE 12th में AIR-2 लाने वाली सीकर की बेटी खुशी शेखावत का टाइम टेबल देखिए, कैसे मिले 499/500 अंक
CBSE 12th Topper Khushi Shekhawat Timetable: राजस्थान के सीकर जिले के लक्ष्मणगढ़ के पास डोलास गांव की रहने वाली खुशी ने CBSE 12वीं बोर्ड की परीक्षा में शानदार प्रदर्शन करते हुए AIR-2 प्राप्त किया है. खुशी ने 500 में से 499 अंक हासिल किए हैं.
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CBSE 12th Topper Khushi Shekhawat Timetable: राजस्थान के सीकर जिले के लक्ष्मणगढ़ के पास डोलास गांव की रहने वाली खुशी ने CBSE 12वीं बोर्ड की परीक्षा में शानदार प्रदर्शन करते हुए AIR-2 प्राप्त किया है. खुशी ने 500 में से 499 अंक हासिल किए हैं. खुशी प्रिंस एजुकेशन हब की छात्रा हैं और उन्होंने अपनी पूरी स्कूली शिक्षा प्रिंस एकेडमी में ही प्राप्त की है.
खुशी की इस अभूतपूर्व सफलता पर उनके माता-पिता और पूरे परिवार में खुशी का माहौल है. खुशी के पिता सेना से सेवानिवृत्त हैं. वह अपनी बेटी की इस उपलब्धि पर गर्व महसूस कर रहे हैं.
खुशी शेखावत ने 500 में से 499 आने पर क्या कहा
500 में से 499 अंक लाने वाली खुशी शेखावत ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह इस शानदार परिणाम से बेहद खुश हैं. उन्होंने कहा- 499 अंक प्राप्त करना कोई छोटी उपलब्धि नहीं है और इसके लिए उनके माता-पिता और प्रिंस एजुकेशन हब को बहुत गर्व है. उनके गांव और पूरे परिवार में जश्न का माहौल है.
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एक अंक कहां काटा गया?
जब उनसे एक अंक कटने के बारे में पूछा गया, तो खुशी ने मजाकिया अंदाज में कहा कि शायद यह 'नजर' लगने से बचाने के लिए काटा गया होगा, क्योंकि उनके अनुसार उनके सभी उत्तर सही थे.
खुशी का पढ़ने का टाइमटेबल
अपनी सफलता की रणनीति के बारे में बताते हुए खुशी ने कहा कि उन्होंने 12वीं कक्षा की शुरुआत से ही एक योजना बनाई थी. वह सुबह 4 बजे उठती थीं और सबसे कठिन विषय, अंग्रेजी पर दो घंटे ध्यान देती थीं.
खुशी का मानना है कि सुबह के समय दिमाग तरोताजा रहता है, जिससे चीजें आसानी से समझ में आती हैं. इसके बाद वह अन्य विषयों को भी समय देती थीं. स्कूल से आने के बाद वह एक घंटा सोती थीं और फिर हर विषय के प्रत्येक अध्याय को डेढ़ घंटे में पूरा करती थीं.
खुशी ने सभी विषयों को समान महत्व दिया और हर दिन पढ़ाई की. उन्होंने आगे आने वाले छात्रों को भी यही सलाह दी कि वे पहले दिन से ही गंभीरता से पढ़ाई करें ताकि आगे कोई परेशानी न हो.
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रिजल्ट के बारे में कैसे पता चला
खुशी को अपने रिजल्ट के बारे में तब पता चला जब उनके एक शिक्षक ने उन्हें सुबह सूचित किया. उस समय उनकी मां घर पर नहीं थीं और पिता भी बाहर गए हुए थे. खबर सुनते ही खुशी ने तुरंत अपना रिजल्ट चेक किया और इतनी अच्छी सफलता देखकर बहुत खुश हुईं. इसके बाद स्कूल से उनके पिता को फोन आया और वे तुरंत घर लौट आए. घर पर मिठाई खिलाकर खुशी का मुंह मीठा कराया गया.
खुशी ने अपनी सफलता में स्कूल के महत्वपूर्ण योगदान को स्वीकार किया. उन्होंने बताया कि वह नर्सरी से ही प्रिंस एजुकेशन हब में पढ़ रही हैं. स्कूल ने हमेशा उन्हें प्रेरित किया और उनके शिक्षकों और दोस्तों ने भी उनका हौसला बढ़ाया. उनके पिता ने हमेशा पढ़ाई के महत्व को समझाया. 12वीं कक्षा में स्कूल ने उन पर विशेष ध्यान दिया. नियमित रूप से हर 15 दिन में टेस्ट होते थे और छह से सात प्री-बोर्ड परीक्षाएं आयोजित की गईं, जिससे उन्हें अपनी संभावित स्कोर का अंदाजा पहले से ही हो गया था.
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बेटी की सफलता पर खुशी की मां ने क्या कहा
खुशी की मां ने अपनी बेटी की इस उपलब्धि पर अपार खुशी व्यक्त की. उन्होंने बताया कि खुशी घर पर पढ़ाई के साथ-साथ कभी-कभी घर के कामों में भी मदद करती है.
खुशी के पिता, जो एक सेवानिवृत्त सैनिक हैं, उन्होंने खुशी की पढ़ाई में अनुशासन के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने बताया कि उन्होंने हमेशा अपनी पत्नी से कहा कि बच्चों को शाम को पढ़ने के लिए बैठाएं. धीरे-धीरे खुशी ने इस रूटीन को अपना लिया और अब वह खुद ही अपने पढ़ाई के समय का पालन करती हैं. उन्होंने खुशी को फोन से दूरी बनाए रखने के लिए प्रेरित किया और खुशी ने भी सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखी. वह केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए ही फोन का इस्तेमाल करती थीं और बोर होने पर कभी-कभी फिल्में देख लेती थीं.
लाइफ में क्या बनना चाहती हैं खुशी शेखावत
अपने भविष्य के लक्ष्यों के बारे में बताते हुए खुशी ने कहा कि उनका अंतिम लक्ष्य UPSC परीक्षा पास करके IAS अधिकारी बनना है. उन्होंने बताया कि छठी कक्षा से ही जब उनसे उनके भविष्य के करियर के बारे में पूछा जाने लगा था, तब उन्होंने IAS अधिकारी बनने का फैसला किया था. उन्हें IAS अधिकारियों का काम और समाज में सुधार लाने की उनकी क्षमता बहुत प्रभावित करती है.
खुशी ने समाज में शिक्षा के महत्व पर जोर दिया. उनका मानना है कि आज भी कई ऐसे गांव और समुदाय हैं जहां बुनियादी शिक्षा भी उपलब्ध नहीं है. वह शिक्षा के क्षेत्र में काम करना चाहती हैं और मानती हैं कि IAS अधिकारी के रूप में वह इस दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती हैं. उन्होंने सरकारी स्कूलों की स्थिति पर चिंता व्यक्त की और कहा कि उनमें सुधार की आवश्यकता है.
खुशी का पसंदीदा विषय भूगोल और राजनीति विज्ञान है. उन्होंने अपने सभी शिक्षकों को धन्यवाद दिया जिन्होंने उन्हें हमेशा प्रेरित और मार्गदर्शन किया.अंत में, खुशी ने छोटी कक्षाओं के छात्रों को नियमित रूप से समाचार पत्र पढ़ने की सलाह दी, जिससे उनकी शब्दावली, समझ और आसपास के वातावरण की जानकारी बढ़ेगी. बोर्ड परीक्षा के छात्रों के लिए उनका संदेश था कि वे शुरू से ही लगातार पढ़ाई करें, अभ्यास करें, मॉक टेस्ट दें और स्कूल में नियमित रहें.
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खुशी शेखावत की मार्कशीट देखिए
