ChatGPT बनाने लगा फर्जी PAN-आधार, ऐसे पता लगेगा नकली है या असली, जानें
ChatGPT अब एक कदम आगे जाकर डुप्लीकेट आधार, पैन और वोटर आई़़डी कार्ड जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज तैयार करने लगा है, जिससे साइबर सुरक्षा को लेकर लोगों की चिंताएं बढ़ गई है.
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आधुनिक युग की तरफ बढ़ते भारत के लिए एक नई चिंता सामने आई है. ये चिंता और कुछ नहीं बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) है. अब तक हम सोचते थे कि AI केवल सवालों के जवाब देता है या चैट करता है, लेकिन हाल ही में हुए एक खुलासे ने सबको चौंका दिया. AI के ऐसे इस्तेमाल ने ना सिर्फ टेक्नोलॉजी पर सवाल खड़े किए है, बल्कि हमारी निजी पहचान की सुरक्षा पर भी गंभीर खतरा बन चुका है.
दरअसल, ChatGPT अब एक कदम आगे जाकर डुप्लीकेट आधार, पैन और वोटर आई़़डी कार्ड जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज तैयार करने लगा है, जिससे साइबर सुरक्षा को लेकर लोगों की चिंताएं बढ़ गई है.
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AI से बना नकली आधार कार्ड
AI के जरिए अब असली जैसे दिखने वाले नकली दस्तावेज – जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड और वोटर आईडी – बनाए जा रहे हैं. एक रिपोर्ट में सामने आया कि GPT-4o जैसे एडवांस्ड AI मॉडल से जब नकली आधार कार्ड बनाने को कहा गया, तो उसने तुरंत ही ऐसा दस्तावेज बना दिया जो पूरी तरह असली जैसा लग रहा था. उसमें नाम, पता, जन्मतिथि और यहां तक कि फोटो भी मौजूद थी. साथ ही यह आधार कार्ड देखने में बिल्कुल असली जैसा था.
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नकली पहचान से हो सकता है फर्जीवाड़ा
AI से बनाए गए ये दस्तावेज महज फोटो या मजाक के लिए नहीं हैं. बल्कि यहां इस बात को समझना जरूरी है कि इससे हमारी पहचान चुराई जा रही है. इस तकनीक के माध्यम से ठग अब नकली आधार कार्ड और PAN कार्ड जैसे पहचान संबंधी जरूरी दस्तावेज बना सकते हैं. जिसके चलते आम लोगों के साथ धोखाधड़ी और फर्जीवाड़ा करना उनके लिए आसान हो गया है.
बन रहा एकदम असली जैसा डॉक्यूमेंट
इसका सबसे बड़ा खतरा यह है कि साइबर अपराधी बिना किसी तकनीकी ज्ञान के अब AI की मदद से हाई-क्वालिटी फर्जी डॉक्युमेंट बना सकते हैं. और ये इससे किसी के साथ साइबर ठगी आराम से कर सकते है. और इनका इस्तेमाल किसी की पहचान चुराने, फर्जी बैंक अकाउंट खोलने, लोन लेने या सरकारी योजनाओं का गलत फायदा उठाने के लिए किया जा सकता है.
सरकार के लिए चेतावनी की घंटी
AI के इस खुलासे ने केवल लोगों की निजी पहचान को खतरे में डाल सकती है, बल्कि पूरे सिस्टम की विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे हैं. आधार और पैन जैसे दस्तावेज अगर इस तरह से नकली बनाए जा सकते हैं, तो यह बैंकिंग सिस्टम, सरकारी योजनाओं और कानून-व्यवस्था पर भी असर डाल सकता है.
कैसे करें असली-नकली की पहचान
OpenAI जैसी कंपनियों का दावा है कि वे AI से बनाई गई इमेज में डिजिटल निशान (signature) छोड़ती हैं, ताकि उन्हें पहचाना जा सके. ओपनएआई ने कहा कि उसने C2PA मेटाडेटा को एम्बेड किया है, जिससे यह पहचानना आसान हो जाता है कि कोई छवि GPT-4o का उपयोग करके बनाई गई थी या नहीं. लेकिन साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि इन निशानों को हटाना बेहद आसान है. इसका मतलब यह हुआ कि फर्जी डॉक्युमेंट को असली साबित करना अब पहले से कहीं ज्यादा आसान हो गया है.
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