भारत के इन इलाकों में तबाही रहा मिचौंग चक्रवात, किसने दिया इसको ये नाम, क्या है इसका मतलब?

चेन्नई की सड़के पानी में डूब गई हैं और सड़कों पर आवाजाही पूरी तरह से बंद है.चेन्नई के कई इलाकों में भारी बारिश हो रही है. सड़कों पर घड़ियाल घूमते देखे गए. शहर में बाढ़ से करीब तीन लाख लोग प्रभावित हुए हैं.

मिचौंग साइक्लोन चेन्नई
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चक्रवाती तूफान मिचौंगः चेन्नई की सड़के पानी में डूब गई हैं और सड़कों पर आवाजाही पूरी तरह से बंद है.चेन्नई के कई इलाकों में भारी बारिश हो रही है. सड़कों पर घड़ियाल घूमते देखे गए. शहर में बाढ़ से करीब तीन लाख लोग प्रभावित हुए हैं. बाढ़ के कारण ट्रेनें और हवाई सेवा ठप हो गई है. 8 लोगों के मौत की खबर भी सामने आई है. इन सबकी वजह बंगाल की खाड़ी में उठा मिचौंग चक्रवाती तूफान है. यह तूफान सोमवार देर रात चेन्नई के तटीय इलाकों से टकराया. इसे लेकर मौसम विभाग ने पहले ही तीन राज्य आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और पुदुचेरी में रेड अलर्ट जारी कर दिया था.

मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक इस चक्रवात का असर 6 दिसंबर तक रहेगा. आज मंगलवार यानी 5 दिसंबर को यह तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश के तटीय इलाकों से टकराएगा जिसके बाद इसके बाद इसकी स्पीड में कमी आएगी.

इस दौरान भारी बारिश होगी जिसकी चपेट में उड़ीसा, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना और पुडुचेरी के कई जिले आएंगे. जब ये चक्रवात दक्षिण भारत के राज्यों से टकराएगा उस समय यहां 110 किलोमीटर की रफ्तार से हवा चल सकती है. शाम 6 बजे तक रफ्तार घटकर 50 किलोमीटर प्रतिघंटा के चलने का अनुमान है. 5 दिसंबर के बाद बारिश कम होने की संभावना है.

पश्चिम बंगाल में भी नुकसान पहुंचाएंगा मिचौंग!

तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के तटों से टकराने के बाद मिचौंग पश्चिम बंगाल के कई जिलों में भी नुकसान पहुंचा सकता है. जिनमें कोलकाता, हावड़ा, हुबली, परगना और मेदिनीपुर जिले शामिल हैं. वैज्ञानिक यह भी मानते हैं कि समुद्र के ऊपर एक चक्रवाती तूफान जितने ज्यादा समय तक रहता है उतनी ही ज्यादा ऊर्जा और नमी रहने की संभावना होती है, जिसके कारण यह तूफान खतरनाक बनते हैं और जमीन से टकराने के बाद नुकसान की संभावना बढ़ा देते हैं. मिचौंग से निपटने के लिए अकेले चेन्नई में एनडीआरएफ की 9 और एसडीआरएफ की 14 टीमें मौजूद हैं. ईस्ट कोस्ट रेलवे ने बारिश और हवा के कारण 60 से ज्यादा ट्रेन को रद्द कर दिया है.

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इस तूफान का नाम मिचौंग क्यों है?

इस चक्रवाती तूफान को मिचौंग (Michaung) नाम म्यांमार ने दिया है. इसका शाब्दिक अर्थ होता है ताकत और लचीलापन. वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल आर्गनाइजेशन- WMO/ESCAP पैनल में शामिल देश चक्रवाती तूफानों को नाम देते हैं. ESCAP यानी यूनाइटेड नेंशंस इकॉनमिक एंड सोशल कमिशन फॉर एशिया पैसिफिक ने WMO के साथ मिलकर ये पैनल बनाया है. इसके 13 सदस्य देश हैं. इसमें भारत, म्यांमार के अलावा बांग्लादेश, इरान, मालदीव, ओमान, पाकिस्तान, कतर, सऊदी अरब, श्रीलंका, थाईलैंड, यूएई और यमन शामिल हैं.

साइक्लोन को स्पीड के लिहाज से पांच कैटेगरी में बांटा गया है.
1- साइक्लोनिक स्टॉर्म
2- सीवियर साइक्लोन
3- वेरी सीवियर साइक्लोन
4- एक्सट्रीमली सीवियर साइक्लोन
5- सुपर साइक्लोन

मिचौंग साइक्लोन की बात करें तो इसे अभी सीवियर साइक्लोन की कैटेगरी में रखा गया है.

साइक्लोन शब्द की कहानी भी जान लीजिए

साइक्लोन शब्द ग्रीक भाषा के साइक्लोस से लिया गया है. जिसका मतलब है सांप की कुंडली. ऐसा इसलिए क्योंकि बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में ये कुंडली मारे सांपों की तरह दिखाई देते हैं. चक्रवाती तूफान समुद्र के ऊपर गर्म और हाई प्रेशर एरिया से लो प्रेशर एरिया की तरफ बड़ी तेजी से चलते हैं. समुद्र में लगभग सालभर साइक्लोन बनते हैं. लेकिन यह सभी साइक्लोन खतरनाक नहीं होते हैं. इनमें से जो साइक्लोन धरती की ओर बढ़ते हैं वही खतरनाक होते हैं.

साइक्लोन वैसे तो कई दिनों और हफ्तों तक जारी रह सकते हैं, लेकिन बड़े जमीनी इलाके या ठंडे समुद्र के ऊपर से गुजरने के साथ यह धीमे पड़ने लगते हैं और खत्म हो जाते हैं.

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