कांग्रेस में शामिल हुईं हरियाणा की लेडी DK कहीं जाने वाली सोनिया दुहन, जानिए कौन है ये?

रूपक प्रियदर्शी

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Haryana Congress: प्रफुल्ल पटेल NCP के वर्किंग प्रेसीडेंट थे जब उन्होंने अजित पवार के कहने पर शरद पवार का साथ छोड़ा था. तब दिल्ली में NCP के दफ्तर में प्रफुल्ल पटेल की फोटो टंगी रहती थी. सोनिया दुहन यूथ NCP की अध्यक्ष हुआ करती थीं तब गुस्से में आकर सोनिया दुहन ने प्रफुल्ल पटेल की फोटो दीवार से उतारकर फेंक दी थी. सोनिया दुहन ने शरद पवार के लिए निष्ठा निभाई. अजित पवार ने जब शरद पवार का साथ छोड़ा तब भी वो उनके साथ डटीं रही. हालांकि राजनीति में निष्ठा और बॉस हमेशा स्थाई नहीं रहते. ठीक एक साल बाद अब सोनिया दुहन की निष्ठा और बॉस दोनों बदल गए हैं. 

हरियाणा में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सोनिया दुहन ने शरद पवार वाली NCP छोड़कर कांग्रेस ज्वाइन कर ली है. हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा, दीपेंदर हुड्डा और दिल्ली में राहुल गांधी को पॉलिटिकल बॉस बना लिया है. 

कौन है सोनिया दुहन?

हिसार की रहने वाली सोनिया दुहन ने कुरुक्षेत्र से बीएससी किया. पुणे में पायलट की ट्रेनिंग लेने गईं लेकिन पिता की बीमारी, फिर मौत के बाद पायलट का सपना अधूरा रह गया लेकिन 21 साल की उम्र में राजनीति से कनेक्शन फिट हो गया. पुणे में रहते हुए NCP के संपर्क में आईं. वहां से लौटी तो दिल्ली यूनिवर्सिटी से लेकर यूथ NCP की पॉलिटिक्स कर रही सोनिया को पवार ने दिल्ली में NCP हेडक्वार्टर का चार्ज दे दिया. 

हरियाणा की लेडी डीके है सोनिया दुहन!

सोनिया दुहन को हरियाणा की लेडी डीके भी कह सकते हैं. न कभी सांसद रहीं, न विधायक, न कभी चुनाव लड़ी लेकिन उन्हें ये आता है कि पॉलिटिक्स में क्राइसिस मैनेजमेंट कैसे करते हैं. सोनिया बीजेपी को कई बार चकमा दे चुकी हैं. फिलहाल यही उनकी राजनीतिक् पहचान है. सोनिया दुहन ने 2019 में महाराष्ट्र के NCP के चार विधायकों को बीजेपी की चंगुल से बचाने का कारनामा कर दिखाया था. अजित पवार को साथ लेकर बीजेपी ने NCP विधायकों को तोड़ने की कोशिश की थी. ये उस दौर की कहानी है जब अजित पवार बीजेपी से मिलकर सुबह-सुबह कुछ घंटों के डिप्टी सीएम बन गए थे. 

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NCP के चार विधायकों ने पवार से बचाने बीजेपी ने गुरुग्राम के ओबरॉय होटल में छुपाया था. डेयरिंग सोनिया दुहन चार में से तीन NCP विधायकों को बीजेपी की सख्त पहरेदारी के बावजूद भगा ले गई थी. सिक्योरिटी गार्ड्स की शिफ्ट मूवमेंट ताड़कर होटल के पिछले गेट से तीन विधायकों को निकाल लिया. चौथा विधायक मेन गेट से भागते हुए पकड़ा गया. बीजेपी की बाड़ाबंदी के बाद भी सोनिया ने तीन विधायकों को पहले दिल्ली में शरद पवार के घर सुरक्षित पहुंचाया. फिर मुंबई भेजा. तीन विधायक हाथ से फिसले तो चौथे विधायक को ऐसे ही छोड़ दिया गया. इस जांबाजी के बाद NCP में उन्हें लेडी जेम्स बॉन्ड कहा जाने लगा. 

2022 में सोनिया दुहन को गोवा के होटल से गिरफ्तारी हुई थी. तब भी NCP टूट रही थी. अजित पवार ने NCP के विधायकों को गोवा के होटल में छिपाया. सोनिया दुहन पुलिस के सख्त पहरे के बाद भी विधायकों के होटल में घुसने में कामयाब रही. पुलिस के हाथों पकड़े जाने पर ऑपरेशन फेल हुआ. NCP टूट गई. उसी कांड के बाद सोनिया ने दिल्ली आकर प्रफुल्ल पटेल की फोटो उतारकर विरोध जताया था. 

कांग्रेस से अपनी सियासत को धार देंगी सोनिया 

सोनिया दुहन ऐसे समय में कांग्रेस में शामिल हुई हैं जब लोकसभा चुनाव के बाद भविष्य काफी बेहतर माना जा रहा है. हरियाणा में कांग्रेस का स्कोर जीरो चल रहा था. 2024 के लोकसभा चुनाव में राजनीति ऐसे पलटी कि कांग्रेस जीरो से सीधे बीजेपी की बराबरी पर आ गई. कांग्रेस-बीजेपी दोनों-दोनों ने 5-5 सीटें जीती. कांग्रेस को 5 सीटों का बड़ा फायदा हुआ तो बीजेपी को 5 सीटों का बड़ा नुकसान. कांग्रेस के वोट शेयर में 15 परसेंट का उछाल आया. 4 जून से बदली राजनीति में कांग्रेस हरियाणा में सरकार बनाने की दावेदार मानी जा रही है. ये सब देखकर सोनिया दुहन ने कांग्रेस में शामिल होने का समय तो सही चुना. अगला इम्तिहान तब होगा जब कांग्रेस हाईकमान चुनाव लड़ने लायक मानेगा. 

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