केजरीवाल ED से कैसे और कब तक बचेंगे? क्या हैं उनके पास लीगल ऑप्शन?

अभिषेक

ADVERTISEMENT

Arvind Kejriwal
Arvind Kejriwal
social share
google news

News Tak: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शराब घोटाले की जांच रहे प्रवर्तन निदेशालय (ED) की एक नोटिस को दरकिनार कर चुके हैं. ED ने आम आदमी पार्टी (AAP) संयोजक केजरीवाल को समन देकर पूछताछ के लिए बुलाया था. समन को गैरकानूनी और राजनीति से प्रेरित बताते हुए केजरीवाल ED के सामने पेश होने की बजाय मध्य प्रदेश चुनाव में प्रचार को निकल गए. अब सवाल यह है की ED का अगला कदम क्या हो सकता है? केजरीवाल कितने नोटिस को दरकिनार कर सकते हैं? AAP संयोजक के पास अब लीगल ऑप्शन क्या हैं?

अब क्या हो सकता है ED का अगला कदम?

अगर ED किसी व्यक्ति को कोई नोटिस जारी करती है और वो उसके सामने पेश नहीं होता है, तो धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के मुताबिक कुछ ऑप्शन हैं. ED किसी भी व्यक्ति को तीन नोटिस जारी करती है. अगर इसके बाद भी वो व्यक्ति हाजिर नहीं होता है, तो ED कोर्ट से उस व्यक्ति के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी करा सकती है. ऐसी स्थिति में उस व्यक्ति को वारंट में दी गई तारीख और समय पर कोर्ट में उपस्थित होना होता है. PMLA के सेक्शन 63 में ऐसा भी प्रावधान है कि, अगर कोई व्यक्ति ED को गलत जानकारी देता है, तो उसे दस हजार रुपए तक जुर्माना और जेल की सजा भी हो सकती है.

केजरीवाल के सामने क्या हैं ऑप्शन?

अरविंद केजरीवाल ED के समन को कोर्ट में चैलेंज कर सकते हैं. वह गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत की अर्जी दे सकते हैं.

ADVERTISEMENT

यह भी पढ़ें...

AAP नेताओं ने ED के एक्शन को केजरीवाल की गिरफ्तारी की आशंका से जोड़ा है. खुद केजरीवाल ने एमपी के सिंगरौली की चुनावी रैली में अपनी गिरफ्तारी की आशंका जताई है. फिलहाल पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और राज्यसभा सांसद संजय सिंह शराब घोटाले के मामले में जेल में हैं. ऐसे में अगर केजरीवाल भी अरेस्ट होते हैं तो यह AAP के लिए बड़े संकट की बात होगी.

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT